सरकार सर्कलुर इकॉनमी पर काफी जोर दे रही है और इसके जरिए ढेर सारी नौकरियां पैदा करने योजना है। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा कि भारत की सर्कुलर इकॉनमी की मार्केट वैल्यू 2 ट्रिलियन डॉलर होने की उम्मीद है और इससे एक करोड़ नौकरियों के सृजन होने की संभावनाएं हैं.
सर्कुलर इकॉनमी के सिद्धांतों को ग्रहण करने से तमाम तरह के आर्थिक लाभ होंगे। यह स्टार्ट-अप्स और नए रिसाइकिल्ड प्रोडक्ट डेवेलपर के लिए काफी अच्छा अवसर है। यह बात उन्होंने एक कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा।
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इनोवेशन करना होगा
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि भारत वर्तमान में 6 करोड़ 20 लाख टन वेस्ट मटीरियल पैदा करता है। इसमें प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक और खतरनाक पदार्थ शामिल हैं। उन्होंने कहा, 'यह काफी जरूरी है कि इस विकास को इन्वायरमेंटल सस्टेनेबिलिटी के साथ जोड़ा जाए।'
भूपेंद्र यादव ने यह भी कहा कि देश में रिसाइक्लिंग इंडस्ट्री को नई इनोवेटिव टेक्नॉलजी को विकसित करने और अपनाने की जरूरत है ताकि नेचुरल रिसोर्स पर निर्भरता को कम किया जा सके साथ ही आर्थिक विकास के लिए जरूरी महत्त्वपूर्ण मिनरल्स के आयात को भी कम किया जा सके।
सर्कुलर इकॉनमी जरूरी
उन्होंने कहा, 'सर्कुलर इकॉनमी सिर्फ एक विकल्प नहीं है बल्कि यह जरूरी है।' उन्होंने सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को भी गिनाया।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय पॉलिसी और रेग्युलेशन को बनाने का जरिया रहा है जो कि रिसाइकिलर्स को इन्सेंटिवाइज करने और असंगठित क्षेत्र को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।
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