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बड़ा करने वाले हैं अदाणी? Adnai Wilmer में बेची अपनी कुल हिस्सेदारी

अदाणी एंटरप्राइजेज़ ने अदाणी विल्मर में अपने कुल हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया है। जानिए कि इतना बड़ा फैसला उन्होंने क्यों लिया?

Gautan Adani : PTI

गौतम अदाणी । पीटीआई

अदाणी एंटरप्राइजेज अदाणी विल्मर ज्वाइंट वेंचर से अलग होने का फैसला लिया है। इसके लिए एग्रीमेंट साइन कर लिया गया है।  अदाणी इंटरप्राइजेज ने सोमवार को स्टॉक एक्सचेंज को सूचना दी। 

 

उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला समूह अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर की भागीदार कंपनी विल्मर इंटरनेशनल और खुले बाजार में दो अरब डॉलर से अधिक में बेच रहा है।

 

अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बयान में कहा कि वह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर इंटरनेशनल को बेचेगी। साथ ही न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 13 प्रतिशत हिस्सेदारी खुले बाजार में बेचेगी। ज्वाइंट वेंचर में अदाणी विल्मर की हिस्सेदारी 43.94 प्रतिशत है।

 

समूह 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी विल्मर को 12,314 करोड़ रुपये (305 रुपये प्रति शेयर के भाव पर) पर बेचेगा। इसके अलावा सेल डीड के तहत शेष हिस्सेदारी बेची जाएगी। कुल सौदा राशि दो अरब डॉलर (करीब 17,100 करोड़ रुपये) से अधिक होगी।

 

बयान के अनुसार, 'इसके साथ, अदाणी एंटरप्राइजेज अदाणी विल्मर लिमिटेड से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी। अदाणी विल्मर में बोर्ड में से अदाणी की तरफ से नामित डायरेक्टर हट जाएंगे।'

क्या हैं प्रोडक्ट्स

- खाद्य तेल जैसे सोयाबीन, पाम ऑयल, राइस ब्रैन आयल, सरसों का तेल, इत्यादि।

 

- पैकेज्ड बासमती राइस, दालें, सोयाबीन चंक्स, बेसन, शुगर, गेहूं का आटा, रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स इत्यादि।

 

-  ने खाए जाने वाले तेल और केमिकल प्रोडक्ट्स

 

- राइस ब्रैन ऑयल, ब्लेंडेड ऑय़ल, सोया नगेट्स, चना सत्तू, बिरयानी किट और खिचड़ी इत्यादि।

 

- साबुन

 

अदाणी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड से खाना पकाने के तेल इत्यादि बेचती है। इसके 10 राज्यों में 23 प्लांट हैं।

क्यों बेच रहा अपना बिजनेस

बताया जा रहा है कि अदाणी अपने शेयर बेचने से मिलने वाले पैसों से अपने कोर बिजनेस को बढ़ाएगा। बता दें कि अदाणी ग्रुप और विल्मर इंटरनेशनल के पास कुल मिलाकर ज्वाइंट वेंचर में 87.87 फीसदी हिस्सेदारी है। मार्केट रेग्युलेटर सेबी का नियम है कि सभी बड़ी कंपनियों को लिस्टिंग के तीन साल के भीतर कमस से कम 25 फीसदी शेयर जनता के लिए उपलब्ध कराने होंगे।

 

इसका सीधा सा मतलब है कि कंपनियां अपने पास 75 फीसदी से ज्यादा शेयर होल्डिंग नहीं रख सकती हैं। अदाणी विल्मर फरवरी 2022 में स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हुई थी तो उस हिसाब से शेयर होल्डिंग को फरवरी 2025 तक कम करना होगा।

क्यों बेच रहे अदाणी

सौदा 31 मार्च, 2025 से पहले पूरा होने की संभावना है। हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय का उपयोग मुख्य बुनियादी ढांचा कारोबार में अदाणी एंटरप्राइजेज लि. (एईएल) की वृद्धि को गति देने के लिए किया जाएगा।</p><p> नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों की तरफ से अदाणी समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अदाणी और उनके सहयोगियों पर नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत योजना के आरोप पत्र दायर करने के बाद यह पहला बड़ा लेनदेन है। अदाणी समूह ने आरोपों को आधारहीन बताते हुए मामले में कानूनी कदम उठाने की बात कही थी।</p><p> बयान में कहा गया, ‘‘अदाणी एंटरप्राइजेज लि., अदाणी

 

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