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क्या अगले 3 सालों में आर्थिक संकट बढ़ेगा? टॉप लीडर्स ने दी ये चेतावनी!

एक रिपोर्ट के अनुसार, 40% बड़े अधिकारियों को लगता है कि आने वाले दो-तीन सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था बड़े बदलाव आ सकते हैं।

Image of Economy Crises

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Canva Image)

जैसे-जैसे वैश्विक राजनीतिक परिस्थितियां बदल रही हैं, कई कंपनी और आर्थिक संगठन के लिए नए प्रकार के खतरे उभर रहे हैं। हाल ही में प्रकाशित 'एक्जीक्यूटिव परस्पेक्टिव्स ऑन टॉप रिस्क्स 2025' रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 40% बोर्ड सदस्य और शीर्ष अधिकारी आने वाले दो से तीन सालों के लिए आर्थिक स्थिति को अपने संगठनों के लिए सबसे बड़ा जोखिम मानते हैं।

वैश्विक अर्थव्यवस्था और बढ़ते जोखिम

रिपोर्ट बताती है कि महंगाई, डिग्लोबलाइजेशन और जियोपॉलिटिकल टेंशन व्यवसायों के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में उभर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिर बनी हुई है, जिससे व्यवसायों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं अभी भी महामारी से पहले के स्तर पर नहीं पहुंच पाई हैं, जिससे व्यापार और उद्योग प्रभावित हो रहे हैं।

 

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अमेरिका के बाहर के देशों में आर्थिक तौर पर अस्थिरता ज्यादा देखी जा रही है, क्योंकि वे अभी भी वित्तीय संकट और सप्लाइ चेन में मुश्किलों से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा, कई सरकारें अपनी वित्तीय नीतियों में बार-बार बदलाव कर रहे हैं, जिससे कंपनियों को लंबे समय के लिए बनाई जाने वाली रणनीति बनाने में मुश्किलें आ रही हैं।

बढ़ती चिंताओं के बीच आत्मविश्वास भी बढ़ा

हालांकि आर्थिक अस्थिरता और जियोपॉलिटिकल टेंशन सबसे बड़े जोखिम माने जा रहे हैं लेकिन रिपोर्ट यह भी दर्शाती है कि कंपनियों के शीर्ष लोगों को अब संकटों से निपटने की अपनी क्षमता पर पहले से ज्यादा भरोसा है। बोर्ड सदस्य और उच्च अधिकारी मानते हैं कि उनकी कंपनियां अब किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं। पिछले कुछ सालों में कंपनियों ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, साइबर सिक्योरिटी और उभरते हुए इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज पर ज्यादा ध्यान दिया है, जिससे वे अब तेजी से बदलते बाजार के अनुसार खुद को ढालने में सक्षम हो रही हैं।

 

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि उभरते खतरों में सबसे जरूरी 'डिसरप्टिव इनोवेशन' है, जो नई तकनीकों की वजह से व्यापार में तेजी से बदलाव ला रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी तकनीक के विकास ने व्यापार मॉडल में बड़े बदलाव किए हैं। यही कारण है कि 2023 में 19वें स्थान और 2024 में 13वें स्थान पर रहा यह जोखिम अब 2025 के लिए 8वें स्थान पर आ गया है।

 

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इसके अलावा, साइबर सुरक्षा (साइबर सिक्योरिटी) को भी एक बड़ा जोखिम माना जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि साइबर अपराधी अब AI का इस्तेमाल कर पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल और खतरनाक साइबर हमले कर रहे हैं। यही कारण है कि साइबर हमले अब निकट भविष्य के दूसरे सबसे बड़े जोखिम के रूप में उभरे हैं। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन अब तेजी से उभर रहा है। पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते राजनीतिक तनाव का असर वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। हालांकि, यह जोखिम अभी भी अन्य प्रमुख जोखिमों की तुलना में कम आंका गया है और 14वें स्थान पर रखा गया है।

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