logo

ट्रेंडिंग:

टॉप 10% अमीरों का 65% संपत्ति पर कब्जा; भारत में कितनी गैर-बराबरी?

2026 की 'वर्ल्ड इनइक्वैलिटी रिपोर्ट' में बताया गया है कि दुनिया में अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बड़ रही है। भारत में यह सबसे ज्यादा है।

Inequality

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

एक दुनिया में दो दुनिया रहती है। एक वह दुनिया जहां रहने वालों के पास सबकुछ है। कोई कमी नहीं है। दूसरी वह दुनिया जिसके पास या तो कुछ भी नहीं है या फिर सिर्फ काम चलाने भर जितना ही है। यही अंतर अमीर और गरीब के बीच की खाई बताता है। दुनिया में अमीर और गरीब के बीच सबसे बड़ी खाई भारत में ही है। इस 'अमीर इंडिया' में 'गरीब भारतीय' भी रहते हैं और 'गरीब भारत' में 'अमीर इंडियंस' भी।


अब एक नई रिपोर्ट आई है जो बताती है कि दुनियाभर में अमीरों और गरीबों के बीच खाई और बढ़ती जा रही है। यह रिपोर्ट बताती है कि दुनिया की 0.001% आबादी यानी लगभग 60 हजार लोगों के पास इतनी दौलत है, जितनी आधी सबसे गरीब आबादी के पास भी नहीं है। रिपोर्ट बताती है कि आधी गरीब आबादी के पास जिती दौलत है, उससे तीन गुना ज्यादा सिर्फ इन 60 हजार लोगों के पास है।


यह सारी बातें 'वर्ल्ड इनइक्वैलेटी रिपोर्ट 2026' में सामने आई है। इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि दुनिया के टॉप 10% अमीर लोग इतना कमाते हैं, जितना बाकी के 90% लोग भी मिलकर नहीं कमा पाते।

 

यह भी पढ़ें-- दुनिया की भूख मिटाता है भारत का चावल, पर ट्रंप क्यों इससे चिढ़े हैं?

रिपोर्ट में क्या-क्या सामने आया?

  • रिपोर्ट में पाया गया कि लोगों की संपत्ति की कीमत उनके काम और इन्वेस्टमेंट से होने वाली कमाई से भी ज्यादा है। दुनिया की 10% सबसे अमीर आबादी पास 75% दौलत थी और बॉटम 50% के पास सिर्फ 2% संपत्ति है।
  • इस रिपोर्ट में सामने आया कि दुनिया के लगभग हर रीजन में टॉप 1% लोग बॉटम 90% लोगों की कुल संपत्ति से भी ज्यादा अमीर थी। यह दिखाता है कि दुनियाभर में गैर-बराबरी कितनी तेजी से बढ़ रही है।

  • इसमें यह भी सामने आया है कि 1995 में टॉप 0.001% लोगों के पास दुनिया की कुल 4% संपत्ति थी। अब यह बढ़कर 6% हो गई है। 1990 के दशक के बाद अमीरों की दौलत हर साल 8% बढ़ी है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर 1 लाख अमीरों पर अगर 3% टैक्स भी बढ़ा दिया जाए तो इससे हर साल 750 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं। यह मध्यम आय वाले देशों के शिक्षा बजट से भी ज्यादा होगा।

यह भी पढ़ें-- 400 विमान, 84000 करोड़ का रेवेन्यू; कितना बड़ा है इंडिगो का साम्राज्य?

भारत में कितनी बढ़ी असमानता?

2026 की 'वर्ल्ड इनइक्वैलेटी रिपोर्ट' बताती है कि दुनिया में सबसे ज्यादा असमानता भारत में ही बनी हुई है। 


रिपोर्ट बताती है कि भारत में टॉप 10% आबादी कुल नेशनल इनकम का 58% कमाते हैं, जबकि बॉटम 50% को सिर्फ 15% ही मिलता है।

 


संपत्ति को लेकर यह खाई और भी बड़ी है। टॉप 10% आबादी के पास देश की 65% संपत्ति है, जबकि टॉप 1% का 40% संपत्ति पर कब्जा है। 40% मिडिल क्लास आबादी के पास 29% संपत्ति है। वहीं, नीचे की 50% आबादी के पास सिर्फ 6.4% संपत्ति ही है।


इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में एक व्यक्ति की औसतन सालाना कमाई 6,200 यूरो (लगभग 6.53 लाख रुपये) है। वहीं, हर भारतीय के पास औसतन 28,000 यूरो (लगभग 30 लाख रुपये) की संपत्ति है।

Related Topic:#Business News

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap