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रेलवे में DRM बनने की नई शर्तें क्या हैं? समझिए विस्तार से

डिवीजनल रेलवे मैनेजर बनने के लिए कई शर्तों को पूरा करना होता है। अब नए बदलाव क्या-क्या हुए हैं, आइए जानते हैं।

Indian Railway

भारतीय रेलवे. (Photo Credit: PTI)

भारतीय रेलवे में अब डिविजनल रेलवे मैनेजर प्रबंधक (DRM) बनना मुश्किल होने वाला है। रेल मंत्रालय की नई नीति की वजह से अब आसानी से लोगों को यह जिम्मेदारी नहीं मिल पाएगी। रेल मंत्रालय ने नई नीतियों को बनाकर अप्वॉइंटमेंट कमेटी ऑफ कैबिनेट (ACC) भेजी थी, जिसे मंजूरी मिल चुकी है।

नई नीति में कई बदलाव ऐसे हैं जो इस नियुक्ति प्रक्रिया को जटिल कर सकते हैं। 1 जुलाई को जिन अधिकारियों की उम्र 52 साल हो जाती थी उन्हें ही डीआरएम बनाया जाता था। अब इसमें बदलाव हो गया है।

सिर्फ यही मानदंड नहीं होते थे, कई दूसरे मानदंडों पर भी विभाग की नजर होती थी। अधिकारियों की नियुक्ति पर अब अलग-अलग क्राइटेरिया सेट होगा, जो उसे पूरा करेगा, उसे ही डीआरएम बनाया जाएगा। 

क्यों खास है DRM का पद?
डीआरएम बनने का मौका किसी अधिकारी के जीवन में सिर्फ एक बार ही आता है। हर अधिकारी इस प्रक्रिया का हिस्सा भी नहीं बन सकते हैं। पहले 52 साल या उससे कम उम्र के लोगों को एक ही बार डीआरएम बनने का मौका मिलता था। उम्र ज्यादा होने पर बेदाग अधिकारियों को भी इस पद पर नियुक्ति नहीं मिल पाती थी। जो लोग डीआरएम नहीं बन पाते हैं, उन्हें महाप्रबंधक भी बनने का मौका नहीं मिल पाता है। रेल मंत्री ने महाप्रबंधक पद के लिए डीआरएम की शर्त हटा दी थी। डीआरएम की उम्र को लेकर बदलाव की मांग उठती रही है। रेल मंत्रालय ने पॉलिसी में बदलाव की इजाजत दी थी, अब एसीसी ने भी इस पर मुहर लगा दी है। 

बदलाव क्या-क्या हैं?
 जिन अधिकारियों की आयु 1 जनवरी को 52 साल की हो जाएगी, वे डीआरएम बनने के लिए योग्य माने जाएंगे। 25 साल का अनुभव जिनका है, वे इस पद तक पहुंच सकते हैं। उनका पिछला सर्विस रिकॉर्ड देखा जाएगा। बीते 15 साल से उनका प्रदर्शन ठीक रहना चाहिए। उम्मीदवार के पूरे करियर में कम से कम 60 प्रतिशत बेहतरीन ईयरली परफॉर्मेंस रिपोर्ट (APR) होनी चाहिए। 

DRM का काम क्या होता है?
DRM, रेलवे का एक प्रशासनिक पद है। डीआरएम के पास कार्यकारी अधिकारी जैसी शक्तियां होती हैं। इनकी नियुक्तियां मंडल स्तर पर होती हैं। 

किस विभाग में कितने हो सकते हैं DRM?
रेलवे में डीआरएम बनने के लिए कोटा तय था। कोटा का नियम था कि रेलवे में ट्रैफिक सर्विस में 14 अधिकारी ही डीआरएम हो सकते हैं। इंजीनियरिंग में 14, मैकेनिकल में 14, इलेक्ट्रिकल में 12, सिग्नल और टेलीकॉम में 6, अकाउंट में 4 और पर्सनल और स्टोर में 2। इसमें क्या बदलाव हुए हैं, यह साफ नहीं है। 

 

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