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इंडियन आर्मी में कैसे बनते हैं लेफ्टिनेंट, सबसे आसान तरीका ये रहा

भारतीय थल सेना दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित सेनाओं में से एक है। इसके जवान दुनिया के तमाम ऑपरेशन में न सिर्फ हिस्सा लेते हैं बल्कि अपने कौशल और बहादुरी से देश का नाम भी रोशन करते हैं।

Passing out parade at officers training academy

सेना में शामिल होने के लिए पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेते कैडेट्स, Image Credit: ADG PI

अगर आपको भी जीवन में थोड़ा थ्रिल और रोमांच पसंद है तो आप भी सेना की वर्दी देखकर जोश में आ जाते हैं। वर्दी में दिखते जवान जब सीमा पर खड़े होते हैं तो उन्हें देखकर हर देशभक्त युवा का मन खुद को उसी वर्दी में देखने लगता है। ऐसे में सेना में अधिकारी बनने का सपना हर कोई देखने लगता है। सेना में अधिकारियों का रुतबा भी अलग होता है। न सिर्फ उन्हें कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है बल्कि उन्हें इस कदर तैयार किया जाता है कि वे मुश्किल से मुश्किल हालात में देश के सैनिकों को गाइड कर सकें और शांति के साथ-साथ युद्ध की स्थिति में भी भारत को बेहतर साबित कर सकें।

 

भारत में सेना के तीन हिस्से हैं। एक थल सेना, दूसरी वायुसेना और तीसरी नौसेना यानी इंडियन नेवी। इसमें सबसे ज्यादा सैनिक और अधिकारी थल सेना यानी इंडियन आर्मी में हैं। दरअसल, भारत के ज्यादातर पड़ोसी देश उसकी थल सीमाओं से लगे हुए हैं और भारत ने अभी तक के अपने युद्ध इन्हीं देशों के खिलाफ मुख्य रूप से जमीन पर ही लड़े हैं। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि आप थल सेना में किस तरह से अधिकारी बन सकते हैं।

12वीं के बाद कैसे बनते हैं सेना में अधिकारी?

 

सेना में अधिकारी बनने के लिए 12वीं के बाद और ग्रेजुएशन के बाद भी मौके मिलते हैं। 12वीं के बाद सेना में जाने वालों को साल में दो बार मौका मिलता है और NDA की परीक्षा करवाई जाती है। NDA की परीक्षा पास करने के बाद SSB इंटरव्यू और मेडिकल होता है। इन दोनों चरण को पास करने वाले स्टूडेंट्स की मेरिट बनती है। मेरिट में आने वाले स्टूडेंट्स को चार साल तक नेशनल डिफेंस अकादमी में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ये स्टूडेंट्स इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात होते हैं। 12वीं की परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर TES एंट्री के जरिए सीधे SSB इंटरव्यू देने का मौका भी मिलता है। बाकी की पूरी प्रक्रिया वैसी ही रहती है।

 

ग्रेजुएशन के बाद सेना में जाने के लिए कई तरह की एंट्री होती हैं। CDS की परीक्षा देकर जो स्टूडेंट पास होते हैं, उन्हें SSB इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। लॉ की डिग्री रखने वालों को उनके अंकों के आधार पर, इंजीनियरिंग की डिग्री रखने वालों को भी इसी तरह से सीधे एंट्री मिलती है। इसके अलावा, NCC सर्टिफिकेट रखने वालों को भी सीधे इंटरव्यू देने का मौका मिलता है। बाकी की पूरी प्रक्रिया वैसी ही रहती है। यानी SSB इंटरव्यू होगा, वहां से रिकमेंड होने पर मेडिकल होगा और फिर मेरिट बनेगी।

एक अंतर यह है कि ग्रेजुएशन के बाद सेना में आने वालों के लिए ट्रेनिंग का समय 15 से 18 महीने तक ही होता है। हालांकि, सभी एंट्री के जरिए आने वाले युवाओं को सेना में लेफ्टिनेंट का पद ही दिया जाता है जो कि सबसे जूनियर अधिकारी होता है।

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