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NSG कमांडो बनने के लिए कितनी मेहनत करनी होगी, जान लीजिए

आतंकी हमलों या अन्य गंभीर ऑपरेशन के लिए भारत में NSG के कमांडो को बुलाया जाता है। ये हर तरह की स्थिति से निपटने में माहिर होते हैं, इसलिए इनकी ट्रेनिंग भी अलग तरह की होती है।

NSG Team

NSG कमांडो से मिलते वरिष्ठ अधिकारी, Image Credti: NSG

देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति की सुरक्षा हो या कोई गंभीर स्थिति, ऐसे मौकों पर पूरा भारत नेशनल सिक्योरिटी गार्ड्स की ओर बड़ी उम्मीदों से देखता है। कठिन ट्रेनिंग के बाद तैयार हुए ये जवान आतंकी हमलों या हाइजैक की स्थिति में शानदार काम करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में NSG के जवान युवाओं को आकर्षित भी करते हैं। अगर आप भी इस दिशा में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो जरूरी है कि इससे जुड़ी बारीकियों को समझ लें और पहले से ही इसकी तैयारी करते रहें।

 

तंदुरुस्त शरीर, तेज दिमाग, ऑपरेशन निपटाने की शानदार स्पीड और बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड ही NSG की खूबी है। यही वजह है कि इसके लिए जिन लोगों को चुना जाता है, उनको भी बेहद खास ढंग से तैयार किया जाता है। आइए समझते हैं कि कैसे NSG के जवानों का सेलेक्शन होता है और इसका हिस्सा बनने के लिए आपको क्या-क्या करना होगा?

NSG में जाने की योग्यता क्या है?

 

सबसे पहले तो अभ्यर्थी को भारत का नागरिक होना चाहिए। ग्रेजुएशन की डिग्री अनिवार्य है और भारत के सैन्य बलों में काम करने का अनुभव है। यानी NSG में सीधे भर्ती नहीं होती है। इसमें पुलिस, सेना या अर्धसैनिक बलों से ही जवानों को चुना जाता है। पुलिस में काम कर रहे लोगों को कम से कम 5 साल का और सेना के जवानों के पास कम से कम 3 साल का अनुभव होना चाहिए। NSG में जाने की अधिकतम उम्र सीमा 35 साल है। 

 

आपको बता दें कि NSG के जवानों की ट्रेनिंग 14 महीने की होती है, जिसे 3 चरण में पूरा किया जाता है। यह ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि 70 से 80 पर्सेंट जवान सेना और पुलिस में काम करने के बावजूद इसे पूरी नहीं कर पाते। 

 

कैसे होता है सेलेक्शन?

भले ही आप सेना या पुलिस में काम कर रहे हों, मेडिकल और फिटनेस टेस्ट पास करके आए हों लेकिन NSG में शामिल होने के लिए उसके हिसाब से फिजिकल, मेडिकल और अन्य टेस्ट पास करने होते हैं। इसमें साइकोलॉजिकल टेस्ट भी करवाया जाता है। चुने हुए कैंडिडेट्स की ट्रेनिंग मानेसर में स्थित सिक्योरिटी गार्ड एकेडमी में कराई जाती है। 

फिजिकल, एजुकेशनल और साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग पूरी करने के बाद ये जवान हर तरह के ऑपरेशन के लिए तैयार हो सकें, इसलिए हर तरह की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।

 

अगर आप सेना, पुलिस का किसी अर्धसैनिक बल में काम कर रहे हैं और NSG में जाना चाहते हैं तो आप भी इंटरनल नौकरियों पर नजर रखें और अपनी योग्यता के हिसाब से आवेदन करें। अगर आपका आवेदन स्वीकार होता है तो आपको फिजिकल टेस्ट, एप्टिट्यूड टेस्ट, साइकोलॉजिकल टेस्ट और इंटरव्यू देना होगा। अगर आप इन सबको पास कर लेते हैं तो आप भी एनएसजी में शामिल हो जाएंगे।

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