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फ्लाइंग से लेकर ग्राउंड ड्यूटी तक; वायु सेना में करियर की पूरी जानकारी

भारतीय वायु सेना का हिस्सा के लिए तीन तरह के परीक्षाएं दी जाती है। आइए जानते हैं वायु सेन में भर्ती होने की पूरी प्रक्रिया।

Image of Indian Air force Fighter jet

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Wikimedia Commons)

भारतीय सेना द्वारा आतंक के खिलाफ किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद विंग कमांडर व्योमिका सिंह चर्चा का विषय बन चुकी हैं। भारतीय वायु सेना (Indian Air Force - IAF) में युवाओं की खास दिलचस्पी दिखाई देती है। यह सेना की सभी इकाइयों में एक महत्वपूर्ण अंग है, जो देश की वायु सीमाओं की रक्षा करती है। युवाओं के लिए यह सेवा न केवल गर्व का विषय होती है, बल्कि एक सम्मानजनक और रोमांचक करियर भी प्रदान करती है। वायु सेना में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए भर्ती के कई विकल्प मौजूद हैं।

 

भारतीय वायु सेना में भर्ती मुख्य रूप से तीन शाखाओं के लिए होती है:

  • फ्लाइंग ब्रांच (Flying Branch)
  • टेक्निकल ब्रांच (Technical Branch)
  • ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच (Non-Technical Branch)

इन शाखाओं में भर्ती दो तरीकों से होती है, जिसमें राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) केवल पुरुषों के लिए है। वहीं CDS और AFCAT परीक्षा पुरुष और महिला दोनों के लिए।

NDA परीक्षा

जो छात्र 12वीं पास कर चुके हैं (फिजिक्स और मैथ्स के साथ), वे NDA परीक्षा के जरिए वायु सेना में जा सकते हैं।

आयु सीमा: 16.5 से 19.5 वर्ष

परीक्षा प्रक्रिया: UPSC द्वारा आयोजित NDA लिखित परीक्षा, इसके बाद SSB इंटरव्यू, मेडिकल टेस्ट होता है और मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन किया जाता है।

ट्रेनिंग: NDA (पुणे) में 3 साल की ट्रेनिंग, फिर विशेष वायु सेना प्रशिक्षण।

AFCAT (Air Force Common Admission Test) 

AFCAT परीक्षा वायु सेना की फ्लाइंग, टेक्निकल और ग्राउंड ड्यूटी ब्रांच के लिए होती है, जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों हिस्सा ले सकते हैं।

  • फ्लाइंग ब्रांच: ग्रेजुएशन (Maths और Physics 12वीं में अनिवार्य)
  • टेक्निकल ब्रांच: इंजीनियरिंग डिग्री
  • ग्राउंड ड्यूटी: किसी भी विषय में ग्रेजुएशन
  • आयु सीमा: फ्लाइंग ब्रांच के लिए 20 से 24 वर्ष और अन्य ब्रांच के लिए 20 से 26 वर्ष तक
  • परीक्षा प्रक्रिया: सबसे पहले ऑनलाइन परीक्षा (AFCAT) ली जाती है। परीक्षा पास करने वाले आवेदकों का SSB इंटरव्यू (AFSB – Air Force Selection Board) लिया जाता है और मेडिकल जांच की जाती है। इसके बाड मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन किया जाता है।

CDS (Combined Defence Services Exam)

  • UPSC द्वारा आयोजित यह परीक्षा फ्लाइंग ब्रांच के लिए होती है। इसके लिए योग्यता ग्रेजुएशन के बाद के बाद है, जिसमें Physics और Maths अनिवार्य नहीं है।
  • आयु सीमा: 20 से 24 वर्ष
  • महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं लेकिन केवल SSC (Short Service Commission) के लिए
  • चयन प्रक्रिया: लिखित परीक्षा ली जाती है, फिर SSB इंटरव्यू होता है और मेडिकल टेस्ट के बाड मेरिट जारी की जाती है।

महिलाओं के लिए खास जानकारी

महिलाएं अब वायु सेना के सभी प्रमुख विभागों SSC (Short Service Commission) के माध्यम से नियुक्त हो सकती हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद फ्लाइंग ब्रांच में भी महिलाएं अब स्थायी कमीशन (Permanent Commission) पा सकती हैं। बता दें कि महिलाओं के लिए पात्रता वही है जो पुरुषों के लिए है लेकिन सीटें सीमित होती हैं और चयन प्रतिस्पर्धी होता है।

पायलट कैसे बन सकती है महिलाएं

भारतीय वायु सेना (IAF) में महिलाएं पायलट बनने के लिए AFCAT (Air Force Common Admission Test) या CDS (Combined Defence Services) जैसी परीक्षाओं के माध्यम से चयनित होती हैं। चयन के बाद, उन्हें हैदराबाद स्थित वायु सेना अकादमी में कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग पूरा करने पर उन्हें 'फ्लाइंग ऑफिसर' की रैंक दी जाती है, जो वायु सेना में एक कमीशन प्राप्त अधिकारी की शुरुआती रैंक होती है।

 

सर्विस के दौरान, अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर रेंक में बढ़ोतरी होती है। जिसमें फ्लाइट लेफ्टिनेंट, स्क्वाड्रन लीडर, विंग कमांडर, ग्रुप कैप्टन, एयर कमोडोर, एयर वाइस मार्शल, एयर मार्शल और एयर चीफ मार्शल शामिल हैं।

 

वर्तमान में, महिला पायलटों ने विंग कमांडर और ग्रुप कैप्टन जैसी ऊंची रैंक तक पहुंच बनाई है। हालांकि, एयर मार्शल या एयर चीफ मार्शल तक पहुंचने की संभावना अभी कम है लेकिन बदलते समय और समान अवसरों के साथ, यह भी संभव हो सकता है।

SSB इंटरव्यू (5 दिन का प्रोसेस)

  • साइकोलॉजिकल टेस्ट
  • ग्रुप डिस्कशन
  • पर्सनल इंटरव्यू
  • शारीरिक और मानसिक दक्षता जांच
  • मेडिकल टेस्ट – फिजिकल फिटनेस और मेडिकल स्टैंडर्ड
  • मेरिट लिस्ट- अंतिम चयन

ट्रेनिंग

चयन के बाद सभी कैडेट्स को वायु सेना के ट्रेनिंग सेंटर में कड़ी शारीरिक और मानसिक ट्रेनिंग दी जाती है।

  • फ्लाइंग ब्रांच: हैदराबाद में वायु सेना अकादमी
  • टेक्निकल ब्रांच: बेंगलुरु में ट्रेनिंग
  • ग्राउंड ड्यूटी: अलग-अलग ट्रेनिंग सेंटर
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