QS ने साल 2026 के लिए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग जारी कर दी है। इस साल भारत के विश्वविद्यालयों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि इस रैंकिंग में 50 प्रतिशत भारतीय संस्थानों की रैंकिंग में सुधार हुआ है। IIT दिल्ली ने इस साल कमाल कर दिया है और रैंकिग में लंबी छलांग लगाकर भारत का नंबर 1 संस्थान बन गया है। IIT दिल्ली ने 8 साल बाद IIT बॉम्बे को पछाड़कर 27 रैंक की लंबी छलांग लगाई है लेकिन दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटी में जगह बनाने का सपना अभी अधूरा रह गया है।
इस रैंकिंग में IIT दिल्ली ने 123वां रैंक हासिल किया है। पिछले साल IIT दिल्ली को 150वीं रैंक मिली थी। IIT बॉम्बे इस साल 11 रैंक नीचे खिसककर 129वीं रैंक पर पहुंच गया है। भारत का कोई भी संस्थान अभी तक टॉप 100 में नहीं पहुंच पाया है। पिछले साल IIT बॉम्बे को 118वीं रैंक मिली थी और उम्मीद लगाई जा रही थी कि यह जल्द ही टॉप 100 में जगह बना सकती है लेकिन इस साल IIT बॉम्बे का प्रदर्शन पिछले साल से भी खराब रहा है।
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IIT मद्रास की क्या रैंकिंग?
IIT मद्रास की रैंकिंग में भी बड़ा सुधार देखने को मिला है। तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित यह संस्थान अब 180वें स्थान पर है, जो कि पहली बार टॉप 200 में शामिल हुआ है। इन तीनों के बाद IIT खड़गपुर और IISc बैंगलोर ने चौथा और पांचवां स्थान हासिल किया है। इस साल भारत के 8 नए संस्थानों को रैंकिंग में शामिल किया गया है। अब भारत के कुल 54 संस्थानों को इस रैंकिंग में जगह मिली है। भारत अब इस रैंकिंग में शामिल यू्निवर्सिटी की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। इस मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है जिसके 192 संस्थानों को रैंकिंग में शामिल किया गया है। इसके अलावा इंग्लैंड के 90 और चीन के 72 संस्थानों को इसमें शामिल किया गया है।
दुनियाभर में MIT लगातार 14वें साल भी पहले नंबर पर रही है। इसके बाद इंपीरियल कॉलेज लंदन, स्टैनफोर्ड, ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड का नंबर आता है। इस रैंकिंग में पिछले 10 सालों में भारत के संस्थानों की संख्या 11 से बढ़कर 54 हो गई है।
क्या बोले शिक्षा मंत्री?
भारत के अच्छे प्रदर्शन पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, 'QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में रिकॉर्ड 54 संस्थानों की भागीदारी भारत की शिक्षा प्रणाली में आए बदलाव और प्रगति का प्रमाण है। यह सिर्फ बदलाव नहीं, बल्कि एक शैक्षिक क्रांति है। भारत अब G20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती शिक्षा प्रणाली है और अमेरिका, इंग्लैंड और चीन के बाद चौथा सबसे ज्यादा प्रतिनिधित्व वाला देश बन चुका है।'
उन्होंने इस रैंकिंग में सुधार का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। उन्होंने कहा, '2014 में केवल 11 यूनिवर्सिटी इस रैंकिंग में शामिल थी लेकिन इस साल 54 संस्थानों को इस रैंकिंग में जगह मिली है। पिछले दशक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने जो परिवर्तनकारी शिक्षा सुधार शुरू किए थे यह उनका प्रमाण है। NEP 2020 ना केवल हमारी शिक्षा प्रणाली को बदल रही है बल्कि इसमें क्रांति ला रही है।'
दुनियाभर में क्यों मशहूर है यह रैंकिंग?
QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग लंदन स्थित विश्व की उच्च शिक्षा का विश्लेषण करने वाली फर्म Quacquarelli Symonds (QS) जारी करता है। यह रैंकिंग कई मानकों के आधार पर रैंकिंग जारी करती है। इसमें एकैडमिक प्रतिष्ठा,फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात, रिसर्च, अंतरराष्ट्रीय छात्रों की उपस्थिति और ग्रेजुएट छात्रों की रोजगार क्षमता को आधार बनाया गया है।