उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है कि अब राज्य के पुलिस विभाग में 20 फीसदी पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। यूपी सरकार पुलिस विभाग में कांस्टेबल, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन सहित कई पदों पर सीधी भर्ती में अग्निवीरों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण देगी। राज्य के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने यह ऐलान किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने इस फैसले पर मुहर लगाया है।
यूपी कैबिनेट की बैठक के बाद यूपी वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि इस कदम का मकसद अग्निपथ योजना के तहत अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पूर्व अग्निवीरों को सार्थक सेवा के बाद अवसर प्रदान करना है।
केंद्र सरकार ने कई केंद्रीय बलों और विभागों में पहले ही अग्निवीरों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है। अग्निवीर, मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सैन्य ट्रनिंग देकर देश की सुरक्षा के लिए तैयार करना। यह एक अल्पकालिक सैन्य सेवा है, जिसमें शामिल जवानों को कड़ी सैन्य ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। हरियाणा सरकार ने भी अग्निवीरों को आरक्षण देने का ऐलान किया था।
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आरक्षण SC/ST और OBC हर वर्ग पर लागू होगा
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा:-
यह एक अहम फैसला है। आरक्षण सभी श्रेणियों सामान्य, अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी पर लागू होगा। अगर कोई अग्निवीर एससी श्रेणी से संबंधित है तो आरक्षण एससी के भीतर लागू होगा; अगर ओबीसी है, तो ओबीसी के भीतर।
3 साल की उम्र संबंधी छूट भी मिलेगी
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अग्निवीरों को तीन साल तक की विशेष आयु संबंधी छूट भी दी जाएगी। इस संबंध में भर्ती के लिए चार श्रेणियां हैं, कांस्टेबल पुलिस, कांस्टेबल पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन। इन पदों पर ही अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी।'
कब आएगा अग्निवीरों का पहला बैच?
अग्निवीरों को आरक्षण के बाद भर्ती का पहला बैच साल 2026 तक आएगा। सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, 'कई राज्यों और केंद्रीय बलों ने अग्निवीरों को आरक्षण देने के लिए पहल की है। सीआईएसएफ, बीएसएफ और हरियाणा तथा ओडिशा जैसे राज्यों ने पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण की पेशकश की है।'
क्यों यूपी सरकार ने उठाया यह कदम?
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, 'उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने अब 20 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है, जो एक साहसिक और उदार पहल है। यह न केवल उनकी सेवा को मान्यता देता है बल्कि यह तय करता है कि वे अपने सैन्य कार्यकाल के बाद भी देश के सुरक्षा ढांचे में योगदान देना जारी रख सकें।'
अग्निपथ योजना क्यों लेकर आई थी सरकार?
- युद्ध के लिए बेहतर तरीके से लोगों को तैयार करने के लिए
- सरकार की सामरिक शक्ति बढ़ाने के लिए
- युवाओं को योद्धा के तौर पर विकसित करने के लिए
- युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए
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अग्निवीर बनने के लिए योग्यता क्या चाहिए?
17 साल 6 महीने से लेकर 21 साल की उम्र तक के अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। 4 साल के लिए इस पद पर भर्ती होती है। अगर जवानों की सेवा से अधिकारी संतुष्ट होते हैं तो उन्हें सेनाओं में नियमित नियुक्ति भी मिल सकती है। जवानो को प्रशिक्षण केंद्रों में कठोर सैन्य ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें इस अवधि में पहले साल 4.76 लाख रुपये का सालाना वेतन मिलता है। चौथे साल में यह आय 6.92 लाख रुपये प्रति माह हो जाती है।
कार्यकाल पूरा होने के बाद क्या होता है?
4 साल की सेवा के बाद उन्हें सेवा निधि का लाभ मिलता है। 4 साल के बाद करीब 11.71 लाख रुपये दिए जाते हैं, जो इन टैक्स फ्री होता है। उन्हें 48 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर भी मिलता है। अगर सेवा के दौरान मौत हो जाती है तो 44 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाती है। 100 फीसदी अग्निवीर नियमित कैडर में भर्ती के लिए आवेदन क सकते हैं।