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अरविंद केजरीवाल की 'मेट्रो पॉलिटिक्स' क्या है? समझिए विस्तार से

दिल्ली में महिलाओं के लिए बस की यात्रा मुफ्त है। अब अरविंद केजरीवाल ने छात्रों को लुभाने के लिए एक नया सियासी दांव चल दिया है। मामला क्या है, आइए समझते हैं।

Arvind Kejriwal

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। (Photo Credit: PTI)

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि छात्रों के लिए मेट्रो की दरें कम की जाएं। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि छात्र दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं, इसका आधा खर्च केंद्र और राज्य सरकार वहन करे। 

अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि छात्र बड़ी संख्या में मेट्रो से अपने स्कूल-कॉलेज आते जाते हैं। ऐसे में दिल्ली मेट्रो में 50 फीसदी रियायत देने का प्रस्ताव, दिल्ली सरकार कर रही है, केंद्र सरकार भी 50 फीसदी सहयोग करे।

अरविंद केजरीवाल ने लिखा, 'मैं दिल्ली के स्कूल और कॉलेज के छात्रों से संबंधित एक महत्वपूर्ण मामले पर आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। दिल्ली के छात्र अपने स्कूल या कॉलेज तक आने-जाने के लिए बड़े पैमाने पर मेट्रो पर निर्भर हैं।'

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'छात्रों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए मैं दिल्ली मेट्रो में छात्रों को 50 फीसदी रियातें देने का प्रस्ताव रखता हूं। दिल्ली मेट्रो, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच 50:50 सहयोग की परियोजना है। इसलिए इस पर होने वाले खर्च को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार आधा-आधा वहन करें।' 

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'हमारी ओर से हम छात्रों के लिए बस यात्रा पूरी तरह से मुफ्त करने की योजना बना रहे हैं। उम्मीद है आप इस प्रस्ताव से सहमत होंगे।'

क्या है अरविंद केजरीवाल की मेट्रो पॉलिटिक्स?
अरविंद केजरीवाल के आलोचक कहते  हैं कि दिल्ली में वह 'फ्रीबीज' की राजनीति करते हैं। उनकी विपक्षी पार्टी बीजेपी इसे 'मुफ्त की रेवड़ी' कहती थी। अब बीजेपी के भी सुर मुफ्त की रेवड़ियों पर बदल गए हैं। खुद प्रधानमंत्री तक सफाई दे चुके हैं कि बीजेपी दिल्ली में मुफ्त की योजनाओं को जारी रखेगी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के उन आरोपों पर अपना बचाव किया था, जिसमें वह कह रहे थे कि बीजेपी की सरकार बनी तो दिल्ली में मुफ्त की योजनाएं बंद हो जाएंगी।

अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।

कितना कारगर हो सकता है दिल्ली में यह दांव?
भारत युवाओं का देश है। दिल्ली में वोटरों की संख्या 1 करोड़ 50 लाख से ज्यादा है। इसमें से बड़ी संख्या में युवा मतदाता भी हैं। उनके अलावा स्कूल छात्रों का वित्तीय भार उनके माता-पिता पर ही होता है। अगर यह योजना लागू हुई तो अभिभावकों के लिए भी यह राहत की बात होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या बीजेपी की ओर से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

दिल्ली मेट्रो से कितना कमाती है सरकार?
वित्त वर्ष 2022 से 2023 के बीच DMRC ने कहा था कि कुल 6645 करोड़ रुपये का राजस्व मेट्रो से मिला है। साल 2023 में कुल  करीब 200 करोड़ पैसेंजर जर्नी काउंट की गई थी। DMRC के आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी 2025 को मेट्रो में कुल 67,95,000 पैसेंजर जर्नी काउंट की गई। 

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