बोचहां सीट: अमर पासवान फिर बचा पाएंगे पिता की साख या NDA गाड़ेगी झंडा?
चुनाव
• PATNA 04 Sept 2025, (अपडेटेड 04 Sept 2025, 10:44 PM IST)
बोचहां विधानसभा सीट पर विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद 2022 में उनके बेटे अमर पासवान चुने गए थे। इस बार देखना होगा कि क्या वह फिर से जीत दर्ज कर पाते हैं?

बोचहां विधानसभा सीट बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में आती है। यह सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। बोचहां मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र है और यहां की आबादी खेती-बाड़ी पर निर्भर करती है। इस इलाके में मैथिली, भोजपुरी और हिंदी भाषा बोली जाती है। मुजफ्फरपुर शहर से बोचहां की दूरी करीब 20 किलोमीटर है, जिसकी वजह से यहां ग्रामीण और अर्ध-शहरी दोनों तरह का माहौल देखने को मिलता है।
राजनीतिक तौर पर बोचहां हमेशा से अहम मानी जाती है। यहां पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और हाल के वर्षों में वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) जैसी पार्टियों का सीधा मुकाबला होता रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां से वीआईपी पार्टी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2022 के उपचुनाव में आरजेडी ने इस सीट पर कब्जा कर लिया। यह जीत महागठबंधन के लिए बड़ी उपलब्धि मानी गई थी।
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मौजूदा समीकरण?
बोचहां विधानसभा सीट लंबे समय से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच झूलती रही है। हालांकि, हाल के वर्षों में आरजेडी ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की है। 2022 में हुए उपचुनाव में आरजेडी की अमर पासवान ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार बेबी कुमारी को हराया था। अमर पासवान दिवंगत आरजेडी विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे हैं।
इस सीट पर पासवान समाज का बड़ा प्रभाव माना जाता है। यही कारण है कि राजनीतिक दल हमेशा इसी समाज से उम्मीदवार को तरजीह देते हैं।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के विधानसभा चुनाव में बोचहां सीट से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर मुसाफिर पासवान विधायक बने थे। उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री रमई राम को हराया था। मुसाफिर पासवान ने उन्हें करीब 11268 वोटों के मार्जिन से हराया. मुसाफिर पासवान को कुल 77837 वोट प्राप्त हुए थे. वहीं, राजद के रमई राम को 66569 वोट मिले. वीआईपी को इस चुनाव में कुल 42.62 प्रतिशत वोट हासिल हुआ, वहीं राजद के खाते में 36.45 प्रतिशत मत आए.
हालांकि, 2022 में उनके निधन के बाद उपचुनाव में आरजेडी के अमर पासवान ने जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी की बेबी कुमारी को 36,653 वोटों के अंतर से हराया। इस चुनाव में अमर पासवान को 82,547 वोट मिले थे जबकि बेबी कुमारी को 45,894 वोट हासिल हुए थे। उपचुनाव के इस नतीजे को नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में जाने के बाद आरजेडी की बड़ी सफलता माना गया।
विधायक का परिचय
अमर कुमार पासवान बिहार की बोचहां (अनुसूचित जाति-आरक्षित) विधानसभा सीट से 2022 में विधायक बने। वे आरजेडी से हैं और पिता के निधन के बाद हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। शिक्षा की बात करें तो उनके पास एमबीए की डिग्री है जिसे उन्होंने गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट से 2013 में प्राप्त की।
अमर पासवान के पास लगभग 15 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उनके पास लगभग 28 लाख रुपये नकद, 2.63 करोड़ बैंक जमा, और 10 करोड़ से अधिक अन्य संपत्तियां हैं। अमर पासवान सात बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटे हैं। इनके पिता मुसाफिर पासवान मुजफ्फरपुर के नारायणपुर में मजदूरी करते थे और बाद में उन्हें मुंशी का काम मिल गया था। हालांकि, इस वक्त अमर पासवान के पास करोड़ों की संपत्ति है।
पासवान और इनकी पत्नी दोनों के पास एमबीए की डिग्री है और दोनों से प्रेम विवाह किया। वह क्रिकेट के काफी शौकीन हैं। आपराधिक मामले की बात करें तो मुजफ्फरपुर न्यायालय में उनके खिलाफ जमीन रजिस्ट्री घोटाले का मामला दर्ज है। आरोप है कि उन्होंने एक मजदूर वासुदेव पासवान की भूमि को ग़ैरकानूनी तरीके से रजिस्ट्री कराया था। इस मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं (जैसे 406, 420, 467, 468, 471, 120B, 34) के तहत मुकदमा चल रहा है ।
हाल ही वे उस वक्त विवादों में घिर गए थे जब उन्होंने बीडीओ कार्यालय में पहुंचकर बीडीओ की कुर्सी पर बैठकर जनता की शिकायतें सुनीं। इसे लेकर बीजेपी और जेडीयू ने ‘प्रोटोकॉल उल्लंघन’ का आरोप लगाया। हालांकि, सफाई देते हुए उन्होंने स्पष्ट किया था कि उन्हें वहीं बैठाया गया क्योंकि जगह की उपलब्धता ही वहीं थी, यह जानबूझकर नहीं किया गया था।
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विधानसभा का इतिहास
बोचहां विधानसभा सीट गठन के बाद से ही अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के लिए आरक्षित रही है। इस सीट का नंबर 94 है और यह मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है।
इस सीट पर वर्षों से कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। 2000 के बाद से आरजेडी और जेडीयू के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है।
कौन रहे हैं विधायक:
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1977 – कमल पासवान (जेएनपी)
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1980 – रमई राम (जेएनपी जेपी)
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1985 – रमई राम (एलकेडी)
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1990 – रमई राम (जनता दल)
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1995 – रमई राम (जनता दल)
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2000 – रमई राम (आरजेडी)
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2005 (फरवरी) – रमई राम (आरजेडी)
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2005 (अक्टूबर)- रमई राम (आरजेडी)
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2010 – रमई राम (जेडीयू)
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2015 – बेबी कुमारी (निर्दलीय)
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2020 – मुसाफिर पासवान (वीआईपी)
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2022 (उपचुनाव) – अमर पासवान (आरजेडी)
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