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आसानी से OBC सर्टिफिकेट दिलाने के वादे का क्या हुआ?

दिल्ली में रह रहे लोगों के लिए OBC सर्टिफिकेट हासिल करना बेहद मुश्किल काम है। AAP ने वादा किया था कि इसे आसान करेंगे, इस वादे का क्या हुआ, आइए जानते हैं।

Delhi Assembly Elections

Creative Image. (Photo Credit: Khabargaon)

ओबीसी प्रमाणपत्र के लिए मानदंड सरल करेंगे

वादा-
'हम ओबीसी प्रमाणपत्र के लिए वर्ष 1993 से पहले के निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता के खिलाफ हैं। हम केंद्र सरकार पर इस बात के लिए दबाव बनाएंगे कि पिछले 5 साल से दिल्ली में रह रहे व्यक्ति को ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किया जाए।'


4 फरवरी 2020। अरविंद केजरीवाल ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो ओबीसी पात्रता के लिए मानदंडों को सरल करेंगे। क्या यह सरल हो पाया है? इसका जवाब तलाशते हैं। दिल्ली में OBC और SC/SC वर्ग के लोगों के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाना जटिल रहा है। दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग ने इसे ऑनलाइन भले ही कर दिया हो लेकिन जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने में अब भी मुश्किलें पेश आती हैं।
 

दिल्ली में आवेदक को आवेदन के साथ जो प्रमाण पत्र लगाने होते हैं, उन्हें किसी राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित कराना होता है। जो प्रमाणित करता है, उसे अपने आईडी कार्ड की फोटोकॉपी भी आवेदक को देनी होती है, तभी दस्तावेज प्रमाणित माने जाते हैं। अधिकारी ऐसे फॉर्म देखते ही काम करने से मना कर देते थे। 

जाति प्रमाण पत्र के आवेदन फॉर्म में ही यह लिखना होता है कि उसका परिवार 20 सितंबर 19951 से यहां रह रहा है, इसका प्रमाण पत्र देना होगा। अगर आवेदक नहीं दे पाता है तो उसका जाति प्रमाण पत्र तक नहीं बन पाता है। इन मुश्किलों की वजह से लोग जाति प्रमाण पत्र का आवेदन करने में जूझते हैं। 

दिक्कत कहां आती है?
डीयू में एडमिशन के लिए सेंट्रल ओबीसी सर्टिफिकेट चाहिए होता है। स्टेट ओबीसी सर्टिफिकेट ही पर्याप्त नहीं होता है। अगर राज्य से यह प्रमाणपत्र बन भी जाए तो केंद्र से जाति प्रमाण पत्र हासिल करने में परेशानियां आती हैं। केंद्रीय स्तर यह दबाव अभी अरविंद केजरीवाल नहीं बना पाए हैं। 

दिल्ली में OBC सर्टिफिकेट लेने की शर्तें क्या हैं?
- आवेदन पत्र हर तरह से पूरे हों। 
- निर्धारित फॉर्मेट में ही एफिडेविट हो।
- 2 पासपोर्ट तस्वीर, जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र
- पितृ पक्ष से रिश्तेदार के पिता, भाई, बहन का ओबीसी सर्टिफिकेट
- 1993 से दिल्ली में निवास का प्रमाण पत्र, बिजली बिल, पानी का बिल, टेलीफोन, हाउस टैक्स। 
- 14 दिन का समय। 

क्या है OBC सर्टिफिकेट की हकीकत?
केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण का लाभ मिल सकता है। शैक्षणिक संस्थाओं में भर्ती मिल सकती है। 

वादे की हकीकत क्या है?
कॉलेज के एडमिशन की बात हो या नौकरी की, जिन्हें ओबीसी सर्टिफिकेट दिल्ली में बनवाना होता है, उनके लिए राह आसान नहीं होती है। साल 2023 में भी एक खबर खूब सुर्खियों में आई थी कि डीयू में प्रमाण पत्र की जटिल प्रक्रिया की वजह से कुछ छात्रों के एडमिशन रुक गए थे। दरअसल उनके नंबर ठीक आए थे लेकिन प्रमाणपत्र न होने की वजह से सीटें आवंटित नहीं हो पाई थीं।

 

दिल्ली में ओबीसी प्रमाण पत्र के मानदंड सरल नहीं हो सके हैं। राज्य और केंद्र दोनों पोर्टल पर साफ लिखा है कि 1993 से दिल्ली में निवास का प्रमाण पत्र अनिवार्य है। अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर वह इस अवधि को 5 साल तक सिमटा देंगे। ऐसा नहीं हो पाया है। दिल्ली में 5 साल से रह रहे शख्स के लिए अब भी ओबीसी प्रमाण पत्र आसानी से हासिल करना टेढ़ी खीर है। 

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