logo

ट्रेंडिंग:

'साफ लिखें कि कंटेंट AI है,' चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से क्यों कहा?

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से कहा है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल चुनावों में जिम्मेदारीपूर्वक करें। अगर ऐसा नहीं करेंगे तो फिर एक्शन के लिए तैयार रहें।

EC warning on AI

Breaking News

जब से दुनिया में AI का इस्तेमाल शुरू हुआ है, इसके दुरुपयोग की खबरें सामने आई हैं। अमेरिका से लेकर दिल्ली तक के चुनावों में राजनीतिक पार्टियों और उनकी IT टीम के जरिए सोशल मीडिया पर तरह-तरह की भ्रामकता फैलाने के लिए इसका इस्तेमाल होते आया है। अब चुनाव आयोग ने इसे लेकर चिंता जताई है।

चुनाव आयोग (ECI) ने राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार में अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार और पारदर्शी इस्तेमाल की अपील की है। चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार AI की ओर से तैयार किए गए कंटेंट का खुलासा करें और उनमें AI लेबल दिखाएं। 

चुनाव आयोग की चिंता क्या है?

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनावों के दौरान AI कंटेंट के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है। चुनाव आयोग ने कहा है कि हाल के दिनों में AI से संबंधित सामग्रियों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में खूब किया जा रहा है। लोग चुनाव में वीडियो, इमेज और ऑडियो का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

चुनाव आयोग ने AI पर क्या कहा?

AI का कैंपेनिंग में खूब इस्तेमाल हो रहा है। ट्रांसपेरेंसी बनाए रखनी जरूरी है। चुनाव में AI से जनरेट की गई सामग्री वोटरों को प्रभावित कर सकती है।  चुनाव आयोग ने कहा है, 'लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव आयोग ने 6.5.2024 को एक गाइडलाइन जारी की थी। गाइडलाइन में सोशल मीडिया के सैद्धांतिक और नैतिक इस्तेमाल पर जोर दिया गया था। दिल्ली सरकार ने एक याचिका के जरिए कहा था कि राजनीतिक पार्टियां डीप फेक कंटेंट का इस्तेमाल न करें। किसी भी राजनीतिक पार्टी की ओर से AI कंटेंट का ऐसा इस्तेमाल न हो, जिससे लोगों पर प्रतिकूल असर पड़े। 


'AI का इस्तेमाल करें तो डिस्क्लेमर लिखें'

चुनाव आयोग ने AI बढ़ते इस्तेमाल और मतदाताओं को प्रभावित करने की इसकी क्षमता पर चिंता जताई है। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि AI का जब भी इस्तेमाल करें, पारदर्शिता और जवाबदेही का ख्याल रखा जाए। चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइन में जानकारी सार्वजनिक करने के लिए कुछ नियम तय किए हैं। चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर किसी तस्वीर वीडियो, ऑडियो या किसी कंटेंट को AI के जरिए तैयार किया गया है तो वह साफ-साफ लिखा होना चाहिए। राजनीतिक दलों को प्रचार विज्ञापनों या प्रचार सामग्री के प्रसार के दौरान डिस्क्लेमर भी लिखना होगा।

चुनाव आयोग की ओर से जारी नोटिफिकेशन।


डीप फेक पर पहले भी आगाह कर चुका है चुनाव आयोग'

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने फेक न्यूज के प्रचार-प्रसार में AI और डीप फेक के खिलाफ चेतावनी भी दी थी। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि डीप फेक और गलत सूचनाओं से चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास खत्म हो सकता है। बीते साल लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया मंचों के जिम्मेदारीपूर्ण और नैतिक तरीके से उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap