महाराष्ट्र में बहुमत महायुति के पास है लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तय अभी तक तय नहीं हो पाया है। नतीजे आए 7 दिन हो चुके हैं लेकिन महायुति यह तय नहीं कर पा रही है कि राज्य की कमान कौन संभालेगा। 26 नवंबर को ही महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो गया था लेकिन राज्य, कार्यवाहक सरकार के हवाले है। एक तरफ महायुति अधर में फंसी है, एकनाथ शिंदे मुंबई में होने वाली महायुति की बैठक से दूर, गांव चले गए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने महायुति के नेताओं के साथ मुलाकात की लेकिन कोई हल नहीं निकला। ऐसा दावा किया गया है कि सीट बंटवारे को लेकर चर्चा हुई है, अगले सप्ताह तक महाराष्ट्र को मुख्यमंत्री मिल सकता है। भारतीय जनता पार्टी चाहती है कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही हो। एनसीपी भी इसके लिए तैयार है लेकिन शिंदे खेमे के कुछ नेताओं के बयान, अलग हैं।
एकनाथ शिंदे ने अपने सभी अपॉइंटमेंट रद्द कर दिए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एकनाथ शिंदे अपने गांव चले गए हैं। उनका गांव, सतारा जिले में पड़ता है। महायुति गठबंधन की अहम बैठक गुरुवार को नई दिल्ली में देर रात तक चली है। एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में ये बैठक हुई थी।
अगर बैठक सकारात्मक तो फैसला क्यों नहीं?
एकनाथ शिंदे ने बैठक के बाद कहा कि महायुति ने केंद्रीय नेतृत्व के साथ चर्चा सार्थक रही है। मुंबई में होने वाली दूसरी बैठक में तय होगा कि महायुति का सीएम का चेहरा कौन होगा। चर्चा है कि देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे है लेकिन इसके लिए महायुति ने अभी सहमति नहीं दी है। अब एनसीपी और शिवसेना को ही तय करना है कि मुख्यमंत्री कौन होगा। अजित पवार और एकनाथ शिंदे दोनों के मुताबिक चर्चा सार्थक रही लेकिन, इस चर्चा का नतीजा क्या रहा, यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है।
दमदार BJP लेकिन फैसला सहयोगियों का!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे 23 नवंबर को घोषित हुए थे। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों में से 132 सीटें बीजेपी के पास हैं। शिवसेना 57 और एनसीपी के पास 41 सीटें हैं। अजित पवार को देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने पर कोई आपत्ति नहीं है। एकनाथ शिंदे भी कह चुके हैं कि जो बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, वे मानेंगे। उनके बयान के बाद भी कुछ ऐसी दुविधा है, जिस पर सहमति नहीं बन पा रही है।