एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद से मंगलवार (26 नवंबर) को इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राज्यपाल ने शिंदे को नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने को कहा।
शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इस बीच सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं में अभी तक इस बात पर आम सहमति नहीं बन पाई है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
महायुति को प्रचंड जीत हासिल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आए थे, जिसमें महायुति को प्रचंड जीत हासिल हुई है। महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीती हैं। महायुति में शामिल बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं। वहीं, दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी को चुनाव में मुंह की खानी पड़ी।
एमवीए में शामिल शिवसेना (यूबीटी) को सबसे ज्यादा 20, कांग्रेस 16 और एनसीपी (शरद पवार) को महज 10 सीटें जीतकर संतोष करना पड़ा है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री के काम
बता दें कि एकनाथ शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहेंगे लेकिन वह कोई भी नीतिगत फैसले नहीं ले सकते। हालांकि, कोई महामारी, प्राकृतिक आपदा या असुरक्षा जैसी स्थिति आने के बाद वह फैसला ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल भले ही 26 नवंबर तक ही हो लेकिन अभी तक बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी मिलकर राज्य के मुख्यमंत्री के एक नाम पर एकमत नहीं हो पाई हैं। ऐसे में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व केंद्र सरकार से लेकर महाराष्ट्र में हर संभावनाओं और विकल्पों पर विचार कर रहा है।
हर एक पहलू पर नेतृत्व की नजर
इसमें एक पहलू ये भी है कि साल 2019 के चुनाव में बीजेपी को लोकसभा में 303 सीटें मिली थीं और केंद्र में सरकार चलाने के लिए उसे किसी पार्टी के सहयोग की जरूरत नहीं थी। लेकिन इस बार की स्थिति एकदम अलग है। 2024 के आम चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें ही मिली हैं, बीजेपी सरकार चलाने के लिए सहयोगी दलों पर निर्भर है। महाराष्ट्र में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए भले ही शिंदे की जरूरत नहीं पड़े, लेकिन लोकसभा में उनके आठ सांसदों की अहमियत से इनकार नहीं किया जा सकता है।