logo

ट्रेंडिंग:

दिल्ली में 'मिडिल क्लास' को कैसे साध रहे अरविंद केजरीवाल?

दिल्ली में मिडिल क्लास से आने वाले तबके के लोगों की राय अरविंद केजरीवाल पर बंटी हुई है। एक बड़ा AAP सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले पाता है। अब AAP उन्हें साधने की कोशिश कर रही है।

Delhi Assembly elections 2025

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल। (Photo Credit: PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अऱविंद केजरीवाल, अपनी चुनावी जनसभाओं में कह रहे हैं कि दिल्ली के लोग हर महीने 25,000 रुपयों की बचत उनकी सरकार की वजह से कर रहे हैं। दिल्ली सरकार मुफ्त बिजली, पानी, महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा और दूसरी योजनाओं का लाभ आम आदमी को दे रही है। अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के लोगों को यह एहसास करा रहे हैं कि उनकी योजनाओं की वजह से लोगों को कम से कम 25 हजार रुपये की बच हो रही है। 

अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'गरीबों को अकेले छोड़ दो। क्या एक मध्यम वर्गीय परिवार हर महीने इन सुविधाओं पर 25,000 रुपये प्रति महीने खर्च कर सकता है।' अरविंद केजरीवाल ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि मध्यम वर्गीय परिवारों को उनकी योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा मिल रहा है।

अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक प्रेस में कहा, 'एक आदमी जो हर महीने 1 लाख रुपये हर महीने कमाता है, वह हर महीने 60 से 70 हजार रुपये महीने EMI भरता है। वह घर खरीदता है, कार खरीदता है। आप क्यों उसका कर्ज माफ नहीं कर देते हैं।' अरविंद केजरीवाल उद्योगपतियों के लोन माफी पर सवाल उठा रहे थे। 

यह भी पढ़ें- 'मेरे आंसुओं की लाज रखो,' जनता से गुहार लगा रहे ताहिर हुसैन

 

मिडिल क्लास क्यों है जरूरी?
साल 2010 से 2011 के बीच का अन्ना आंदोलन याद कीजिए। मनमोहन सिंह सरकार की विदाई की आधारशिला इसी आंदोलन ने रखी थी। अरविंद केजरीवाल और अन्ना हजारे का साथ जिस वर्ग ने सबसे ज्यादा दिया, वह मिडिल क्लास ही था। मिडिल क्लास की फंडिंग थी। जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के पीछे भी इसी वर्ग को साधने की कोशिश उन्होंने की थी। 

कौन है मिडिल क्लास?
दिल्ली के साल 2018 के आर्थिक सर्वे के मुताबिक दिल्ली में जो आबादी 25 हजार से 50 हजार रुपये प्रति माह खर्च करती है, वही मध्यम वर्ग है। अरविंद केजरीवाल अब मध्यम वर्ग को साधने के लिए अलग से घोषापत्र भी लेकर आए।

क्यों AAP से नाराज हो सकते हैं मध्यम वर्गीय वोटर?
- मध्यम वर्ग के बिजली का खर्च 200 यूनिट से ज्यादा है। ज्यादातर लोग इसका लाभ नहीं ले पाते हैं।
- दिल्ली के सरकारी स्कूलों की तुलना में प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने का क्रेज भी मध्यम वर्ग में ज्यादा है।
- मध्यम वर्ग की महिलाएं भी बसों से कम यात्राएं करना पसंद करती है।
- मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराने की जगह लोग बड़े या प्राइवेट क्लिनिक की ओर ज्यादा जाते हैं। 
- मध्यम वर्ग सरकार की योजनाओं का लाभ कम ले पाता है।

यह भी पढ़ें- LIVE: महाकुंभ में भगदड़, हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख, CM से की बात

कैसे मध्यम वर्ग को साथ रहे केजरीवाल?
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मध्यम वर्ग के वे लोग जो सैलरी पर ही आश्रित हैं, उन पर टैक्स आतंकवाद थोपा जा रहा है। वह केंद्रीय बजट में टैक्स की दर घटाने की वकालत कर रहे हैं। वह डायरेक्ट टैक्स और जीएसटी दर भी कम करने की अपील कर रहे हैं। मध्यम वर्ग के लोग महंगाई से ज्यादा परेशान हैं। उन्हें मुफ्त की योजनाओं नहीं, महंगाई से मुक्ति चाहिए। 


अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से कहा है कि अमीरों के करोड़ों के लोन माफ करने की जगह सरकार मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ कम करे। AAP का कहना है कि सरकार आई तो दिल्ली का मध्यम वर्गीय परिवार हर महीने 25,000 रुपये की बचत सकेगा। 

इसके अलावा AAP ने वाला दिया है कि संजीवनी योजना का लाभ हर वर्ग के बुजुर्गों को मिलेगा। हर वर्ग की महिला को 2100 रुपये प्रति माह मिलेगी। दिल्ली के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधारी जाएगी जिससे हर वर्ग के लोग स्कूलों में एडमिशन लें। 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap