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5 साल में कितने बदले दिल्ली के चुनावी मुद्दे, समझिए इस बार क्या बदला

दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले जुबानी जंग तेज है। इस बार बीजेपी की रणनीति थोड़ी बदली हुई लग रही है। समझिए पिछले चुनाव की तुलना में इस बार क्या अलग है।

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पीएम मोदी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल, Photo Credit: PTI

दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) दो महीने पहले से ही सक्रिय है। पूर्व सीएम और AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल नए-नए ऐलान करके अलग-अलग वर्गों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। उधर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से माहौल बनाने की शुरुआत कर चुके पीएम मोदी ने कहा है कि दिल्ली में जारी जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। लगातार दो बार से एक भी सीट न जीत पाने वाली कांग्रेस पार्टी इस बार नए जोश में दिख रही है और वह भी कुछ बड़े ऐलान कर चुकी है। हालांकि, इस बार के चुनावी मुद्दे, वादे और ऐलान 2020 के चुनाव की तुलना में काफी बदले-बदले नजर आ रहे हैं।

 

इस बार कांग्रेस और बीजेपी के लिए मुख्य मुद्दा अरविंद केजरीवाल हैं। पिछली बार दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए-एनआरसी को लेकर धरना चल रहा था और इससे जुड़े मुद्दों को लेकर खूब बहस हो रही थी। तब अरविंद केजरीवाल के नैरेटिव को काटने की कोशिश में बीजेपी ने लड़कियों को मुफ्त में स्कूटी देने, 2 रुपये किलो आटा देने, 200 नए स्कूल खोलने और 10 नए कॉलेज खोलने का ऐलान किया था।

 

दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी को फिर से दिल्ली की सातों सीटों पर जीत मिली तो अरविंद केजरीवाल के कान खड़े हो गए। मई 2019 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आते ही अरविंद केजरीवाल ने विधायकों की मीटिंग बुलाई और वहीं से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। इस चुनाव AAP ने प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC की भी मदद ली और जोरदार प्रचार-प्रसार किया। कई विधायकों के टिकट काटे गए और विनय मिश्रा, शोएब इकबाल जैसे नेताओं को पार्टी में शामिल करवाया गया, ताकि जीत सुनिश्चित की जा सके। रोचक बात यह है कि पिछली बार जिन सीटों पर विधायकों के टिकट काटे गए थे, AAP ने उनमें से ज्यादातर सीटों पर फिर से अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं।

 

क्या था माहौल?

 

दिल्ली में बीजेपी तब अनुच्छेद 370 को पास कराने, सीएए-एनआरसी को लागू करने, ट्रिपल तलाक खत्म करने और इसी के जैसे अन्य राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ना चाह रही थी। शीला दीक्षित के निधन के बाद कांग्रेस एकदम कमजोर थी और सुभाष चोपड़ा जैसे पुराने नेता के हाथ में दिल्ली कांग्रेस की कमान थी। कांग्रेस भले ही AAP और अरविंद केजरीवाल के कामों को लेकर बयानबाजी कर रही थी लेकिन उसका नेतृत्व और काडर इतना कमजोर था कि वह AAP को चुनौती देने की हालत में नहीं था।

 

2015 में किरण बेदी का चेहरा आगे करने वाली बीजेपी 2020 में किसी को सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया। 2025 में अभी तक बीजेपी ने न तो किसी को सीएम कैंडिडेट बनाया है और न ही इस दिशा में बढ़ती दिख रही है। 2020 के चुनाव में हिंदुत्व के मुद्दे को आगे कर रही बीजेपी ने अमित शाह और योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं को चुनाव प्रचार में उतार दिया था। इस बार बीजेपी की रणनीति अलग रही है। अभी तक बीजेपी ने केंद्रीय स्तर के मुद्दों के बजाय स्थानीय मुद्दों को तरजीह दी है और बाहरी नेताओं को भी नहीं उतारा है।

 

2020 में कुमार विश्वास, कपिल मिश्रा और अल्का लांबा जैसे नेता AAP से दूर हो चुके थे। हालांकि, AAP के पास ट्रंप कार्ड के रूप में केजरीवाल थे। AAP अपने विपक्षियों से तब भी यही पूछती थी कि उसका सीएम फेस कौन है, इस बार खुद केजरीवाल ने कई बार कहा है बीजेपी के न तो विजन है और न ही कोई चेहरा है।

चेहरे पर फंसती रही बीजेपी

 

2020 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को पीएम मोदी के चेहरे पर बंपर जीत मिली थी। बीजेपी को लगा कि वह पीएम मोदी के चेहरे पर ही दिल्ली का चुनाव भी जीत लेगी। बीजेपी ने पूरी कोशिश भी की कि चुनाव मोदी बनाम केजरीवाल हो। हालांकि, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे देख चुके अरविंद केजरीवाल इस बात पर एकदम स्पष्ट थे कि उन्हें मोदी से मुकाबला करना ही नहीं है। केजरीवाल और AAP की ओर से प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी और अन्य स्थानीय नेताओं को निशाना बनाया जाता था और यह AAP के लिए फायदेमंद भी रहा।

 

बीजेपी के पास जो चेहरे थे भी वे इतने ताकतवर नहीं थे कि वे केजरीवाल का मुकाबला कर सकते। टिकट बंटवारे में भी बीजेपी के अंदर ही कलह हो गई और AAP ने इसका फायदा उठाया। बीजेपी राष्ट्रीय मुद्दों को उछालती रही लेकिन केजरीवाल ने बिजली, पानी, स्कूल और मोहल्ला क्लीनिक के नाम पर वोट मांगे।

टकराव

 

अरविंद केजरीवाल ने 2015 में सरकार बनाई थी तो वह अड़ियल रवैये के साथ चल रहे थे। कभी धरना देने लगते तो कभी चीफ सेक्रेटरी से विवाद होता। 2020 के बाद भी यह जारी ही रहा लेकिन बीच में अरविंद केजरीवाल ने अपने अड़ियल रवैये को काफी हद तक कम किया और काम निकालने वाले रवैये के साथ काम करने लगे। इस बार तो वह जेल से होकर लौटे हैं और आबकारी नीति का मामला चल ही रहा है। बीते दो-तीन सालों में टकराव भी खूब हुआ और चुनाव से ठीक पहले तक एलजी बनाम AAP की लड़ाई जारी रही है।


काम पर क्या हुआ?

 

2020 में AAP अपने कामों को लेकर डंके की चोट पर वोट मांगती थी। अरविंद केजरीवाल अपनी रैलियों में कहते, 'अगर काम किया हो तो वोट देना, वरना मत देना।' हालांकि, इस बार अरविंद केजरीवाल और उनके कई साथी लंबे समय तक जेल में रहे हैं। केजरीवाल ने इसे भांपकर कई बार यह भी कहा कि कुछ काम नहीं हो पाए लेकिन उन्हें इस बार कर देंगे। पिछली बार दिल्ली के लोगों को फ्री बिजली, पानी, मोहल्ला क्लीनिक देने वाले केजरीवाल ने इस बार कुछ ऐसे वादे कर दिए हैं जिन पर बाकी के दल असहज हो गए हैं।

महिला सम्मान योजना, संजीवनी योजना, पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना, ऑटो-रिक्शा चालकों के लिए योजना, दलित छात्रों की शिक्षा में मदद के लिए अलग योजना जैसे ऐलान करके अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की है। दूसरी तरफ, कांग्रेस और बीजेपी का अब तक अपने उम्मीदवारों का ऐलान ही न कर पाना AAP के लिए और फायदेमंद हो रहा है।

2020 में बयानबाजी पर था जोर

 

पिछले चुनाव में शाहीन बाग का आंदोलन बीजेपी के निशाने पर था। AAP से बीजेपी में गए कपिल मिश्रा, सांसद प्रवेश वर्मा और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कुछ ऐसे बयान दिए जिसके चलते खुद बीजेपी ने ही इन नेताओं को नसीहत दी। चुनाव आयोग की ओर से अनुराग ठाकुर पर 72 घंटे और प्रवेश वर्मा पर 96 घंटों का बैन भी लगाया गया। कपिल मिश्रा के ट्वीट को भी हटाया गया और उन पर भी 48 घंटों का बैन लगा।

 

2020 में बीजेपी के वादे


दिल्ली में आयुष्मान, पीएम आवास और किसान सम्मान निधि लागू करवाएंगे
2 साल में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करेंगे
1लाख बेरोजगारों को रोजगार देंगे
यमुना रिवर फ्रंट बनेगा, आरती होगी
नए कॉलेज और नए स्कूल बनाएंगे
9वीं से 12वीं तक की बच्चियों को फ्री में साइकिल देंगे
लड़कियों को फ्री में स्कूटी देंगे
दिल्ली में 10 हजार ई-बस चलाएंगे
1984 की दंगा पीड़ित विधवाओं की पेंशन बढ़ाएंगे

 

2020 में AAP के वादे


राशन की डोर स्टेप डिलीवरी कराएंगे
10 लाख बुजुर्गों को तीर्थयात्रा कराएंगे
रेड राज खत्म करेंगे
दिल्ली में विश्व स्तरीय सड़कें बनाएंगे
सीलिंग से सुरक्षा देंगे
दिल्ली में 24X7 बाजार बनाएंगे
संविदा कर्मचारियों को नियमित करेंगे
फसल नुकसान पर किसानों को मुआवजा मिलना जारी रहेगा

 

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