राजनीतिक गलियारों में चुनाव एक त्योहार की तरह होता है। 5 साल में एक बार होने वाले चुनाव में सभी पार्टियां अपने काम को भुनाने और जनता को अपनी ओर खींचने के लिए जोर-शोर से रैली व यात्रा निकालती है। इसी कड़ी में झारखंड कि जनता भी अपने पसंदीदा प्रत्याशी व पार्टी को चुनने जा रही है। बता दें कि झारखंड में दो चरणों में चुनाव पूरे किए जाएंगे- 13 नवंबर और 20 नवंबर 2024। झारखंड में जहां एक तरफ पार्टियां रैलि और रोड शो के जरिए लोगों को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं चुनाव आयोग भी इस चुनाव को अधिक सुगमता से पूरा करने में जुटा हुआ है। इसके लिए मतदान केंद्रों की व्यवस्था, ईवीएम को स्थापित करना, सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखना जैसे महत्वपूर्ण काम शामिल हैं। आज हम जानेंगे कि कैसे EVM से वोट डाले जाते हैं और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है?
चुनाव में मतदान कि पूरी प्रक्रिया
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार, चुनाव दिन से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार पर रोक लग जाती है, जिसे मौन अवधि भी कहा जाता है। इस दौरान चुने गए स्थानों पर मतदान केंद्रों कि स्थापना की जाती है और प्रत्येक मतदान केंद्र में EVM मशीन होती है। ईवीएम मशीन दो मुख्य भागों में बंटी होती है- बैलेट यूनिट और कंट्रोल यूनिट। बैलेट यूनिट में मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के चुनाव चिन्ह का बटन दबाकर वोट डालता है और कंट्रोल यूनिट मतदान अधिकारी के पास होता है, जिससे वह पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।
कैसे काम करता ईवीएम?
मतदान करने से पहले केंद्र पर मतदाता अपने पहचान पत्र को दिखाते हैं, जो उन्हें पहले ही चुनाव आयोग कि ओर से मिल जाती है। इसके बाद मतदान केंद्र में अधिकारी एक बार फिर मतदाता कि पहचान को सुनिश्चित करते हैं और उंगली पर स्याही लगाने के बाद उन्हें EVM के सामने भेज दिया जाता है। EVM पर मतदाता अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने लगे बटन को दबाता है। बटन दबाने के बाद एक आवाज आती है, जो इस बात का संकेत देती है कि वोट सफलतापूर्वक दर्ज हो गया है। मतदान को सुनिश्चित करने के लिए VVPAT में एक पर्ची दिखाई देती है, जिससे यह पुष्टि होती है कि मतदाता ने अपने पसंदीदा चुनाव चिन्ह को ही चुना है। चुनाव प्रक्रिया के बाद निर्धारित तिथि पर परिणामों की घोषणा की जाती है।