महाराष्ट्र में महायुति की जीत से धारावी प्रोजेक्ट पर कितना असर पड़ेगा
महाराष्ट्र में महायुति की जीत से धारावी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।

धारावी की प्रतीकात्मक तस्वीर । पीटीआई
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति की भारी जीत से अरबपति गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह की 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना को बढ़ावा मिलेगा, जिसके तहत मुंबई की झुग्गी बस्ती धारावी को "विश्व स्तरीय" जिले के रूप में पुनर्विकसित किया जाएगा।
विपक्षी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के पुनर्विकास के लिए अदाणी समूह को दी गई सभी जमीन को वापस लेने का वादा किया था और सत्ता में आने पर इस परियोजना को पूरी तरह से रद्द करने का वादा किया था। लेकिन अब महायुति की जीत के बाद यह माना जाने लगा है कि यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ जाएगा.
अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रहे अदाणी के लिए, उनकी पसंदीदा धारावी परियोजना को रद्द हो जाना उनके लिए एक बड़ा झटका होता। चुनाव परिणामों के रुझानों से पता चलता है कि भाजपा और उसके सहयोगी दल एकनाथ शिंद के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों में से तीन-चौथाई से अधिक सीटें जीत सकती है। लेकिन अब रुझानों को देखते हुए ये चिंताएं खत्म हो गई हैं।
620 एकड़ का है प्रोजेक्ट
न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क के आकार का लगभग तीन चौथाई आकार वाली 620 एकड़ की जमीन को एक शानदार शहरी केंद्र में बदलने की अदाणी की योजना है। मुंबई के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नज़दीक घनी आबादी वाली झुग्गियों में खुले सीवर और शेयरिंग टॉयलेट वाली जर्जर झुग्गियों में रहने वाले लगभग सात लाख लोगों को 350 वर्ग फ़ीट तक के फ़्लैट मुफ़्त दिए जाने हैं।
फिर से डेवलेप किए जाने का यह काम राजनीतिक रूप से काफ़ी चर्चा का विषय बन गया था, क्योंकि विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इस समूह को कॉन्ट्रैक्ट देने में राज्य सरकार से अनुचित लाभ मिला है। हालांकि, अदाणी समूह ने इस बात से इनकार किया है कि उसने सरकार के जरिए लाभ उठाने की कोशिश की है।
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बार-बार धारावी पुनर्विकास को अदाणी को दिए जाने के मुद्दे को उठाया है। इस बात को लेकर उन्होंने बार-बार पीएम मोदी और उनकी पार्टी भाजपा पर अदाणी जैसे साथियों को अमीर बनाने का आरोप लगाया था।
सत्तारूढ़ दल में इस योजना के समर्थकों का कहना है कि यह परियोजना झुग्गी पुनर्विकास के लिए एक वैश्विक मॉडल बनने का वादा करती है।
धारावी में अनुमानित 10 लाख लोग रहते हैं, लेकिन लगभग 700,000 लोगों को घर पाने का पात्र माना जा रहा है, क्योंकि निवासी परिभाषा के अनुसार, 1 जनवरी, 2000 से पहले इस क्षेत्र में रहने का प्रमाण होना चाहिए।
बाकी लोगों को शहर के अन्य हिस्सों में घर मिलेंगे, इस प्रस्ताव का कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध किया है, क्योंकि वे चाहते हैं कि किसी भी निवासी किसी भी व्यवसाय के मालिक को उजाड़ा न जाए।
सात साल में डेवलेप करने का है कॉन्ट्रैक्ट
अदाणी ने 2022 में सात साल में इस झुग्गी बस्ती को फिर से बनाने का कॉन्ट्रैक्ट जीता था, जो भीड़भाड़ वाली फाइनेंशिय कैपिटल में प्रमुख रियल एस्टेट पर स्थित है। मतदान से कुछ सप्ताह पहले महाराष्ट्र सरकार ने धारावी पुनर्विकास के लिए 256 एकड़ साल्ट-पैन भूमि के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी। साल्ट-पैन लैंड को केंद्र सरकार द्वार अधिगृहीत करके महाराष्ट्र सरकार को दिया जाना है जो कि 620 एकड़ में फैले एशिया के सबसे बड़े स्लम का पुनर्विकास कर रही है।
धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, जिसमें अदाणी ग्रुप की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है, राज्य सरकार के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को क्रियान्वित कर रही है।
इस ज़मीन का इस्तेमाल धारावी के निवासियों के लिए कम लागत वाले और किफ़ायती आवास बनाने के लिए किया जाएगा। मौजूदा निवासियों और व्यवसायों का सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि धारावी में किसे फिर से बसाया जाएगा या किसे दूसरी जगह बसाया जाएगा।
झुग्गियों जहाँ अक्सर 100 वर्ग फीट के मकान में आठ लोग ठूंस दिए जाते हैं और उससे दस गुना ज़्यादा लोग एक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। धारावी चमड़े के सामान से लेकर मिट्टी के बर्तनों और कपड़ों तक के छोटे-छोटे व्यवसायों का भी एक बड़ा केंद्र है।
2.5 गुना ज्यादा थी बोली की रकम
महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में धारावी के पुनर्विकास के लिए एक नया टेंडर जारी किया, जबकि पहले के पुनर्निर्माण सौदे को रद्द कर दिया गया था। अदाणी समूह, जो मुंबई के हवाई अड्डे का संचालन भी करता है और शहर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन भी करता है, ने 2022 में 5,070 करोड़ रुपये की बोली लगाकर यह परियोजना जीती थी, जो कि अगले सबसे बड़े बोली लगाने वाले से 2.5 गुना ज्यादा राशि थी.
परियोजना को क्रियान्वित करने वाली फर्म में अदाणी समूह की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि शेष हिस्सेदारी राज्य के पास है।
दुबई स्थित कंसोर्टियम सेकलिंक टेक्नोलॉजीज़, जिसने शुरू में 2018 का टेंडर जीता था, ने बॉम्बे हाई कोर्ट में नए अनुबंध को चुनौती दी, जिसमें आरोप लगाया गया कि बोली लगाने वालों की कुल संपत्ति आवश्यकताओं को बढ़ाकर और कंसोर्टियम के सदस्यों को सीमित करके प्रक्रिया "अवैध रूप से" अदाणी का पक्ष लेती है।
राज्य सरकार ने कहा कि सेकलिंक के साथ कोई अनुबंध नहीं हुआ है और कोविड महामारी के मद्देनजर बदली हुई वित्तीय और आर्थिक स्थिति के कारण नई निविदा का आदेश दिया गया है। इसने यह भी जोर दिया कि सेकलिंक कंसोर्टियम को बोली से बाहर नहीं रखा गया था।
जारी हो चुके हैं कई टेंडर
1950 के दशक से शुरू होकर, कई राज्य सरकारों ने धारावी के पुनर्विकास के लिए निविदाएं जारी की थीं, लेकिन किसी पर भी बोली नहीं लगी। पुनर्विकास के लिए अनिवार्य रूप से भूमि के बड़े हिस्से का अधिग्रहण करना, आधुनिक उपयोगिताओं के निर्माण के लिए निवेशकों को आकर्षित करना और स्थानीय निवासियों का पुनर्वास करना आवश्यक था। ग्लोबल टेंडर के माध्यम से किया गया मौजूदा पुनर्विकास योजना ने सबसे अधिक प्रगति की है। इस परियोजना का उद्देश्य मोनाको के आकार के आसपास की झुग्गी बस्ती को आधुनिक अपार्टमेंट, कार्यालय और मॉल में बदलना है।
धारावी की शुरुआत चमड़े की टैनिंग करने वाले लोगों के लिए एक बस्ती के रूप में हुई थी, लेकिन जल्द ही यहां पर पूरे देश से प्रवासी आकर रहने लगे। जैसे-जैसे मुंबई का विस्तार हुआ, यह झुग्गी बस्ती अब शहर के बाहरी इलाके में नहीं रह गई और अब यहां कुटीर उद्योगों का काफी विकास हो गया है।
अदाणी के नेतृत्व वाली पुनर्विकास परियोजना में सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और आधुनिक बुनियादी ढांचा उपयोगिताओं जैसा इनीशिएटिव शामलि है। इसमें धारावी में युवाओं और महत्वाकांक्षी श्रमिकों को सशक्त बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण शामिल है, जिससे उन्हें पर्यावरण के अनुकूल नौकरियां हासिल करने और उनकी कमाई क्षमताओं में सुधार करने में मदद मिलती है। ये प्रयास समुदाय के लिए अधिक समृद्ध और पर्यावरण के अनुकूल भविष्य बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
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