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क्या जनकपुरी में AAP का तिलिस्म तोड़ पाएगी बीजेपी? जानें सीट का इतिहास

जनकपुरी दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से एक है। यहां आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। कांग्रेस भी जी-जान से इस सीट को जीतने का प्रयास कर रही है।

Janakpuri Vidhansabha seat

जनकपुरी विधानसभा सीट। Photo Credit- 'खबरगांव'

जनकपुरी विधानसभा सीट पश्चिमी दिल्ली जिले में आती है। इस सीट पर पिछले दो बार (2015-2020) से आम आदमी पार्टी के राजेश ऋषि विधायक हैं। इससे पहले बीजेपी के दिग्गज नेता जगदीश मुखी साल 1993 से 2013 तक जनकपुरी से विधायक रहे थे, लेकिन 2015 से लेकर अबतक यहां केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का दबदबा कायम है।

 

जनकपुरी विधानसभा सीट पर बीजेपी का साल 2013 तक जलवा रहा था, लेकिन 2015 से जनकपुरी विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी का गढ़ बन गई है। इस विधानसभा में 3 वार्ड आते हैं, जिन पर साल 2022 के दिल्ली नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस को एक-एक सीट पर जीत मिली थी। इस विधानसभा में जनकपुरी साउथ, महावीर एन्कलेव और जनकपुरी वेस्ट वार्ड आते हैं।  

 

जनकपुरी में मुद्दे क्या हैं?

 

जनकपुरी एक समृद्ध इलाका है। इलाके में दिल्ली डेवलपमेंट अथॉर्टी (DDA) की कई आवासीय कॉलोनियां हैं, जहां मध्यम से लेकर उच्च मध्यम वर्ग के लोग रहते हैं। डीडीए का इलाका होने की वजह से यहां अच्छे और बेहतर पार्क हैं। लोगों को अन्य इलाकों के मुकाबले यहां अधिक साफ-सफाई मिलती है। 

 

जनकपुरी में अगर मुद्दों की बात करें जिनसे जनता परेशान है तो यहां के लोग इलाके की अधिक जनसंख्या से परेशान हैं। साथ ही यहां जाम की समस्या है, जिसकी वजह से लोगों को रोजाना दो-चार होना पड़ सकता है। जनकपुरी में जो प्राइवेट एरिया यानी कि कच्ची कॉलोनी हैं वहां पार्क नहीं हैं। 

 

सीट का इतिहास?

 

जनकपुरी राजनीतिक लिहाज से बीजेपी के लिए शानदार सीट रही है। इस सीट पर साल 1993 से 2013 तक बीजेपी के जगदीश मुखी लगातार पांच बार विधायक रहे। लेकिन दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की लहर आने के बाद बीजेपी का किला यहां से ध्वस्त हो गया। जनकपुरी में कभी दूसरे नंबर की पार्टी रहने वाली कांग्रेस 2013 के बाद से तीसरे नंबर पर खिसक गई है। माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला है।

 

2020 में क्या हुआ था?

 

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में राजेश ऋषि इस सीट से चुने गए थे। वह 2015 में भी इस सीट से विधायक बने थे। लेकिन आम आदमी पार्टी ने 2025 के विधानसभा चुनाव में राजेश ऋषि का टिकट काट दिया है और यहां से प्रवीण कुमार को टिकट दिया है। हालांकि, 2020 में जनकपुरी में कुल 54.43 प्रतिशत वोट पड़े थे। राजेश ऋषि ने भारतीय जनता पार्टी के आशीष सूद को 14917 वोटों के मार्जिन से हराया था। वहीं, कांग्रेस की राधिका खेड़ा को महज 2,084 हजार वोट मिले थे। 

 

इस बार के चुनाव में प्रवीण कुमार को टक्टर देने के लिए बीजेपी से आशीष सूद और कांग्रेस से हरबानी कौर हैं।

 

जनकपुरी के जातीय-धार्मिक समीकरण?

 

जनकपुरी सीट सामान्य सीट है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक जनकपुरी की आबादी 2,543,243 है। इसमें 82.07 फीसदी हिंदू, 5.89 फीसदी मुस्लिम और 10.69 फीसदी सिख हैं। इस सीट पर 27,084 राजपूत, 11,659 मुस्लिम, 9,388 ब्राह्मण हैं। इसके अलावा यहां जाटों की संख्य 8 फीसदी, 8 फीसदी बनिया, और 7 फीसदी गुर्जर जाति के लोग हैं। 

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