महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है। सुबह 9 बजे तक राज्य में कुल 6.03 फीसदी वोट डाले जा चुके थे। वोटिंग के बीच एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बड़ा बयान सामने आया है।
बुधवार सुबह ही उन्होंने अपनी परंपरागत सीट बारामती में जाकर मतदान किया। वोटिंग के बाद बाहर निकले पवार ने कहा कि हमें पूरा भरोसा राज्य में महायुति की महाराष्ट्र में एक बार फिर से सरकार बनेगी।
चुनावी मुकाबले को मुश्किल बताया
इस दौरान अजित पवार ने अपनी ही सीट बारामती के चुनावी मुकाबले को मुश्किल बताया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति परिवार का सदस्य सामने होने की वजह से है। डिप्टी सीएम ने कहा, 'परिवार के ही किसी सदस्य के मुकाबले चुनाव में उतरना हमेशा कठिन होता है।'
भतीजे युग्रेंद्र पवार हैं सामने
बारामती में अजित पवार का चुनावी मुकाबला अपने भतीजे युग्रेंद्र पवार से है। युग्रेंद्र अजित पवार के बड़े भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। युग्रेंद्र युवा हैं और वह अपने दादा शरद पवार की पार्टी (एनसीपी एसपी) से उतरे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अजित पवार के लिए इस बार की लड़ाई पहली बार इतनी मुश्किल भरी है। परिवार का सदस्य चुनावी मैदान में है, यही वजह है कि अजित पवार ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिन अपनी मां को भी उतार दिया और अपने लिए वोट मंगवाया।
मां को लेकर लड़ाई
वहीं, दूसरी ओर अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार ने अजित ने मां को चुनाव प्रचार में उतारने को लेकर उनपर हमला किया। उन्होंने कहा कि अजित ने मां को राजनीति में उतार दिया जो गलत है। श्रीनिवास ने कहा कि मेरी मां आशा पवार 87 साल की हैं, उनका मुंबई में इलाज चल रहा है। बावजूद इसके भी अजित मां को प्रचार के लिए ले आए। यह कैसी राजनीति है?
श्रीनिवास ने अजित पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी एक दिन पहले मां से मुलाकात हुई थी, वह प्रचार के लिए नहीं जाना चाहती थीं। इसके बाद भी अजित उन्हें प्रचार के लिए ले आए। हालांकि, इसपर अजित पवार को कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन अजित ने मतदान करने के बाद इतना जरूर कहा कि जब परिवार का सदस्य सामने होता है तो लड़ाई मुश्किल होती है।
पवार ने मानी थी गलती
बता दें कि इसी साल बारामती में हुए लोकसभा चुनाव में अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को अपनी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़वाया था। इस चुनाव में अजित पवार की पत्नी बुरी तरह से हार गई थीं। चुनाव बाद अजित ने कहा था कि पत्नी सुनेत्रा को चुनाव लड़वाना उनकी सबसे बड़ी गलती थी।