महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति ने जीत हासिल की। इस बार के चुनाव के नतीजे देखकर उद्धव ठाकरे को झटका लगा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) 20 सीटों पर सिमट गई। वहीं, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं। राज्य में महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ा मुकाबला था। जनता ने महायुति को बहुमत देकर अपना जनादेश दे दिया है। इसी के साथ नतीजों से ये भी साफ हो गया कि जनता ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को नकार दिया है। यूबीटी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पिछले तीन सालों से दावा कर रहे थे कि उनकी पार्टी असली शिवसेना है। इस चुनाव के साथ उद्धव अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की साख तक नहीं बचा पाए। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हमेशा से खुद को असली शिव सैनिक कहते हैं। उन्होंने हमेशा कहा हैं कि हम बाला साहेब ठाकरे के आदर्शों को मानते हैं।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर निशाने साधते हुए कहा, 'महाराष्ट्र से उनका सूपड़ा साफ हो गया है। शिवसेना किसी की प्राइवेट कंपनी नहीं है। जनता ने बता दिया है कि कौन लोग बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को आगे लेकर जा रहे हैं। मिस्टर ठाकरे ने साल 2021 में कांग्रेस और शरद पवार के साथ गठबंधन किया जो शिव सेना के सबसे बड़े दुश्मन थे।' उन्होंने महायुति को मिली प्रंचड जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया।
पीएम मोदी ने उद्धव को कहा था, नकली संतान
पीएम मोदी ने एकनाथ शिंदे के लिए चुनाव प्रचार किया था। मोदी ने कहा था, 'उद्धव ठाकरे ने अपने पिता के आदर्शों को भुला दिया है।' उन्होंने उद्धव ठाकरे को नकली संतान बताया था। पीएम मोदी के इस बयान की उद्धव ठाकरे ने जमकर आलोचना की थी। उद्धव ने इसे शिवसेना की बेइज्जती कहा था। उन्होंने कहा, 'हम कभी भी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं बनाएंगे। भले ही राहुल गांधी ने कभी बाल ठाकरे के विचारों का समर्थन नहीं किया लेकिन उन्होंने हमारे इतिहास का मजाक नहीं बनाया।'
उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत ने महायुति की जीत पर सवाल उठाते हुए कहा, 'एकनाथ शिंदे के सभी विधायक कैसे जीत सकते हैं। अजित पवार के विश्वासघात से महाराष्ट्र में गुस्सा था। कैसे जीत सकते हैं? मुझे इसमें बड़ी साजिश लगती है। चुनाव के नतीजों में कुछ तो गड़बड़ है।'
कहां हुई चूक
चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे बहुत आक्रामक हो गए थे। उन्होंने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनौती दी थी। 64 साल के नेता ने पार्टी की आंतरिक बैठक में कहा था, या तो आप बचेंगे या मैं। उनके शब्द भविष्य के लिए बिल्कुल सच साबित हो गए। महायुति एक बार फिर अपनी सरकार बना रही हैं।