मीनापुर विधानसभा: क्या आरजेडी मारेगी हैट्रिक या बीजेपी फिर होगी काबिज?
मीनापुर विधानसभा में पिछले दो बार से आरजेडी जीत रही है, लेकिन इस बार मुकाबल तगड़ा है। देखना होगा कि इस बार किसकी जीत होगी?

मुज़फ्फरपुर जिले में स्थित सीट हमेशा महत्वपूर्ण रही है। कभी कांग्रेस का गढ़ रही मीनापुर अब मुख्य रूप से आरजेडी और एनडीए (जेडीयू-बीजेपी) के बीच मुकाबले का केंद्र बन चुकी है। 2020 में आरजेडी के राजीव कुमार ने यहां जीत दर्ज की थी। बाढ़, शिक्षा, सड़क और रोज़गार जैसे मुद्दे इस विधानसभा के चुनावी विमर्श को लगातार प्रभावित करते रहे हैं।
यह वैशाली लोकसभा सीट का हिस्सा है. इसमें मीनापुर प्रखंड के साथ-साथ बोचहां प्रखंड के गरहा, झपहन, काफेन चौधरी, नरकटिया, नरमा, पतियासा और रामपुर जयपाल ग्राम पंचायतें शामिल हैं. यह इलाका गंगा के मैदानी क्षेत्र में स्थित है और पूरी तरह ग्रामीण प्रकृति का है, जहां उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी धान, गेहूं, मक्का और गन्ने जैसी फसलों की भरपूर पैदावार देती है. छोटे स्तर पर डेयरी और मौसमी सब्ज़ियों की खेती भी लोगों की आय का सहायक स्रोत है. इस क्षेत्र में कोई भी नगरीय जनगणना नगर नहीं है.
मीनापुर, मुजफ्फरपुर ज़िला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर उत्तर में स्थित है. यह हाजीपुर से करीब 65 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम तथा पटना से लगभग 80 किलोमीटर उत्तर में है। सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मुजफ्फरपुर में है, जबकि हाजीपुर और समस्तीपुर से बेहतर रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध है. एनएच-28 और अन्य प्रमुख सड़कों के माध्यम से मीनापुर का जुड़ाव मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों से बना हुआ है।
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राजनीतिक महत्व
मीनापुर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास हमेशा से दिलचस्प रहा है। यह सीट 1977 से अब तक कई बार हाथ बदल चुकी है और राष्ट्रीय राजनीति में भी यहां की गूंज सुनाई देती रही है। इस सीट पर आरजेडी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर कई बार देखने को मिली है, वहीं कांग्रेस भी कभी इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखती थी।
साल 1951 से अब तक यहां 17 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 1972 तक कांग्रेस पार्टी यहां से लगातार पांच बार विजयी रही। जबकि आरजेडी ने 2005, 2015 और 2020 में जीत दर्ज की। तीनों बार राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव विजयी रहे।
मौजूदा समीकरण
फिलहाल, मीनापुर विधानसभा सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कब्जे में है और राजीव कुमार यहां के मौजूदा विधायक हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेडीयू के मनोज कुमार को हराया था। एनडीए के साथ बीजेपी और जेडीयू ने मिलकर पूरी ताकत झोंकी थी, लेकिन यादव और मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण से आरजेडी की जीत पक्की हो गई।
वर्तमान स्थिति में एनडीए एक बार फिर इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है, लेकिन आरजेडी के पास यादव-मुस्लिम समीकरण के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर मजबूत संगठन भी है। कांग्रेस का प्रभाव अब बहुत सीमित रह गया है, लेकिन आरजेडी के साथ कांग्रेस गठबंधन के साथ अब उनके वोट एक साथ आ जाएंगे, इसलिए अब मुकाबला दिलचस्प हो सकता है।
2020 में क्या हुआ था?
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में मीनापुर सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला। इस सीट से आरजेडी ने राजीव कुमार को उम्मीदवार बनाया जबकि जेडीयू ने मनोज कुमार पर भरोसा जताया। नतीजा आया तो राजीव कुमार ने 59,733 वोट पाकर जीत हासिल की, जबकि मनोज कुमार को 44,412 वोट पाकर हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही और उसे भी 43,337 वोट मिले।
विधायक का परिचय
राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव वर्तमान में मीनापुर (मुजफ्फरपुर, बिहार) विधानसभा सीट से राजद (RJD) के विधायक हैं। उन्होंने 2015 में पहली बार इस सीट से जीत हासिल की थी। वह कुल 12वीं तक पढ़े हैं। आर्थिक तौर पर वे कृषि और व्यवसाय से जुड़े हैं, जैसा कि उनके चुनावी हलफनामे में कहा गया है।
उनकी स्वघोषित कुल संपत्ति लगभग 2 करोड़ रुपये है। आपराधिक मामलों की बात करें तो उनके नाम पर 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ मामले निर्वाचन आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित थे, विशेषकर 2010 में नामांकन प्रक्रिया के दौरान। हाल ही में, जुलाई 2025 में, इस मामले में उन्हें साक्ष्यों के अभाव के कारण विशेष न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया।
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विधानसभा का इतिहास
मीनापुर विधानसभा का चुनावी इतिहास काफी पुराना है और यहां बार-बार सत्ता परिवर्तन हुआ है। 2000 और 2005 में जेडीयू का दबदबा रहा, जबकि 2010 और 2015 में भी यहां दिलचस्प मुकाबले हुए।
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1951/52 – जनक सिंह (कांग्रेस)
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1957 – जनक सिंह (कांग्रेस)
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1962 – जनक सिंह (कांग्रेस)
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1967 – महंथ रामकिशोर दास (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी – SSP)
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1969 – जनक सिंह (कांग्रेस)
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1972 – महंथ रामकृष्ण दास (एनसीओ)
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1977 – नागेंद्र प्रसाद कुशवाहा (जनता पार्टी)
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1980 – जनकधारी प्रसाद कुशवाह (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी – CPI)
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1985 – हिंद केशरी यादव (लोक दल – LKD)
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1990 – हिंद केशरी यादव (जनता दल – JD)
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1995 – हिंद केशरी यादव (जनता दल – JD)
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2000 – दिनेश प्रसाद (निर्दलीय)
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फरवरी 2005 – हिंद केशरी यादव (राजद – RJD)
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अक्टूबर 2005 – दिनेश प्रसाद (जेडीयू)
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2010 – दिनेश प्रसाद (जेडीयू)
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2015 – राजीव कुमार, (आरजेडी)
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2020 – राजीव कुमार (आरजेडी)
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