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आचार संहिता लगते ही क्यों हट जाते हैं नेताओं के पोस्टर, समझिए नियम

चुनावों का ऐलान होते ही आचार संहिता लागू हो जाती है। जगह-जगह पोस्टर और होर्डिंग्स हटाए जाने लगते हैं, आखिर इसकी कानूनी वजह क्या है, आइए जानते हैं।

Election Poster

दिल्ली चुनाव में AAP-कांग्रेस के पोस्टर। (Pic Credit: Khabargaon)

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दिल्ली में राजनीतिक पार्टियों के पोस्टर और होर्डिंग्स हटाए जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों, उनके स्मारकों, चुनावी प्रतीकों को ढका जा रहा है। नई दिल्ली से लेकर बाहरी दिल्ली तक जगह-जगह पोस्टर उतारे जा रहे हैं।

दिल्ली में अब चुनावी आचार संहिता लागू हो गई है। विधानसभा चुनाव की तारीख तय हो गई है। 5 फरवरी को वोट पड़ेंगे और 8 फरवरी को नतीजे घोषित होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को यह ऐलान किया है। 

कब तक लागू रहेगी आचार संहिता?
जब तक चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, तब तक आचार संहिता दिल्ली में लागू रहेगी।

क्यों ढके जाते हैं पोस्टर?
चुनावों की तारीखों का ऐलान होते ही चुनाव आयोग की ओर से कैबिनेट सचिव को, सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिव को, दिल्ली के मुख्य सचिव को और मुख्य चुनाव अधिकारी को पत्र भेजा जाता है। पत्र में निर्देश दिया जाता है कि इन्हें हटा लिया जाए। मॉडल कोट ऑफ कंडक्ट लागू है, इसलिए पोस्टर होर्डिंग्स हटाया जाए। 



आचार संहिता के पैराग्राफ 6 का नियम 6.1.4 कहता है, 'जिन राज्यों में मतदान होने हैं, वहां के समाचार पत्रों में प्रकाशित केंद्रीय और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाले विज्ञापनों को निर्वाचन आयोग की मंजूरी के लिए भेजा जाए।' 

सुप्रीम कोर्ट की इस संबंध में साफ गाइडलाइन है कि अगर चुनाव के दौरान सरकारी विज्ञापनों में चेहरा का इस्तेमाल ही करना है तो वह राजनीतिक विवादों से मुक्त हो,  सत्तारूढ़ सरकार का वह महिमामंडन न करे और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और CJI की तस्वीरें ही प्रकाशित हों। इन्हीं आधार पर पोस्टरों को ढक दिया जाता है या उन्हें उतार लिया जाता है। विपक्षी दलों पर भी यही नियम लागू होता है।

आचार संहिता का राजनीतिक विज्ञापनों को लेकर नियम।



दिल्ली में कितने वोटर हैं?
दिल्ली में 6 जनवरी 2025 को ही अंतिम वोटर लिस्ट जारी की गई है। दिल्ली में कुल 1 करोड़ 55 लाख वोटर हैं। कुल 1.09 प्रतिशत नए वोटर जुड़े हैं। 

चुनावी माहौल क्या है?
भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी पर ऐसे ही आरोप लगा रही है। दोनों राजनीतिक पार्टियां AAP को शीशमहल और फ्रीबीज पर घेर रही हैं। आम आदमी पार्टी ने कई मुफ्त योजनाओं के वादे किए है। बीजेपी का वादा है कि उन योजनाओं को जारी रहने दिया जाएगा। कुछ नए वादे बीजेपी की ओर से किए गए हैं। कांग्रेस ने भी वादा किया है कि अगर सरकार बनी तो दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। 


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