दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एक राजनीतिक विज्ञापन को लेकर विवाद हो गया है। इस विज्ञापन का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान ले लिया है, जो आप और अरविंद केजरीवाल को मुश्किल में डाल सकता है।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने एक्स पर एक राजनीतिक अभियान वाला विज्ञापन शेयर किया था, जिसमें बच्च शामिल हैं। इस विज्ञापन को सीएम आतिशी और अरविंद केजरीवाल ने भी शेयर किया। एनएचआरसी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की सीएम आतिशी को पोस्ट को हटाने का निर्देश दिया।
एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया
विज्ञापन का एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान लिया है। एनएचआरसी ने एक पत्र लिखकर राजनीतिक अभियानों में बच्चों के शामिल होने पर गंभीर चिंता जताई है। आयोग ने कहा कि इस तरह की बच्चों की भागीदारी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करती है।
प्रियांक कानूनगो ने लिखा पत्र
एनएचआरसी के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने कहा, 'आयोग ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 12 (ए) के तहत मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। राजनीतिक अभियान गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि यह चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।'
एनएचआरसी ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से इस मुद्दे पर एक्शन लेने सभी राजनीतिक दलों को सख्त निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया, ताकि किसी भी राजनीतिक गतिविधि में बच्चों के इस्तेमाल को शामिल ना किया जा सके।
आयोग ने EC से किया अनुरोध
कानूनगो ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, 'आयोग आपके कार्यालय से अनुरोध करता है कि कृपया इस मुद्दे को हल करने के लिए तत्काल सुधारात्मक उपाय करें। साथ ही सभी राजनीतिक दलों को किसी भी राजनीतिक गतिविधि में बच्चों के इस्तेमाल न करने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार करें।'
यह पत्र अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी द्वारा एक्स पर शेयर किए गए एक वीडियो के बाद आया है। पार्टी के वीडियो में अभियान के तहत बच्चे 'अबकी बार, केजरीवाल' के नारे लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
बच्चों को लेकर क्या हैं चुनाव आयोग की गाइडलाइन्स
बता दें कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन्स करती हैं कि कोई भी राजनीतिक दल पोस्टर और पर्चों सहित प्रचार की किसी भी सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में नहीं कर सकतीं। आयोग के मुताबिक नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों।