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शकूर बस्ती विधानसभा: क्या चौथी बार भी कामयाब हो पाएंगे सत्येंद्र जैन?

शकूर बस्ती विधानसभा सत्येंद्र जैन की विधानसभा सीट है। क्या हैं इस विधानसभा के बड़े मुद्दे आइए जानते हैं।

Shakur Basti Vidhan Sabha Seat

शकूरबस्ती विधानसभा, प्रतीकात्मक मैप। (Photo Credit: Khabargaon)

दिल्ली की शकूर बस्ती विधानसभा सीट की सीट संख्या 15 है। दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता सत्येंद्र जैन भी यहीं से विधायक हैं। यह दिल्ली की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है। सत्येंद्र जैन इसी सीट से 10 साल से विधायक हैं। सत्येंद्र जैन अपनी विधानसभा से एक अरसे से दूर भी रहे क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग के केस में उन्हें जेल में रहना पड़ा था। 

शकूर बस्ती विधानसभा सीट में MCD के 3 वार्ड आते हैं। सरस्वती विहार, पश्चिम विहार, रानी बाग। 2022 में हुए MCD चुनाव में तीनों वार्ड में बीजेपी जीती थी। इस विधानसभा में भी वही मुद्दे हैं, जो दिल्ली के बाकी विधानसभाओं में हैं। 

दिलचस्प बात यह है कि यहां कई पॉश कॉलोनिया हैं लेकिन यहीं से सटे कुछ इलाके ऐसे हैं, जिन्हें अति पिछड़ा कहा जा सकता है। प्रभावशाली नेता की सीट होने की वजह से स्थानीय लोगों की कुछ शिकायतें भी हैं। 

सोसाइटी से अलग बस्तियों में जगहों की तगड़ी किल्लत है, लोग सीवर लाइन को लेकर शिकायत करते हैं। खुली नालियां, पार्कों के अतिक्रमण की शिकायत भी स्थानीय लोग करते हैं। आवारा पशुओं की बढ़ी हुई संख्या को लेकर भी लोग शिकायत करते हैं। 

जातीय समीकरण क्या हैं?
दिल्ली विधानसभा के जातीय समीकरण भी दिलचस्प हैं। यहां सामान्य वर्ग के मतदाता 40 फीसदी हैं। बनिया वर्ग की संख्या 12 प्रतिशत, ब्राह्मण की आबादी 6 प्रतिशत, पंजाबी 14 प्रतिशत और अन्य जातियां 6 फीसदी हैं। ओबीसी वर्ग भी मजबूत स्थिति में है। यहां ओबीसी वर्ग की संख्या 28 प्रतिशत है। गुज्जर 7 फीसदी, जाट 6 फीसदी, यादव 4 फीसदी, अन्य 11 फीसदी हैं। इस विधानसभा में मु्स्लिम 5 फीसदी, अनुसूचित जाति 22 फीसदी हैं। 
 
कैसा रहा है 2020 का चुनाव?
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में भी सत्येंद्र जैन चुनाव जीते थे। उन्हें कुल 51165 वोट मिले थे। बीजेपी के एससी वत्स दूसरे नंबर पर थे। उन्हें कुल 43573 वोट पड़े थे। कांग्रेस पार्टी के देव राज अरोड़ा तीसरे नंबर पर थे। उनहें 3382 वोट पड़े थे। आम आदमी पार्टी को साल 2015 और 2013 में भी जीत मिली थी। 

सीट का इतिहास 
साल 1993 में यह सीट अस्तित्व में आई। साल 1993 में गौरी शंकर भरद्वाज जीते थे। वह बीजेपी से थे। साल 1998 और 2004 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेता एससी वत्स जीते थे। साल 2008 में बीजेपी के श्याम लाल गर्ग जीते। 2013, 2015 से लेकर 2020 तक आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता सत्येंद्र चुनाव जीते हैं। 

मुद्दे क्या हैं?
शकूर बस्ती में खुली नालियां और आवारा पशु भी मुद्दा बन गए हैं। पार्कों में अतिक्रमण, कचरा प्रबंधन और सड़कों पर लगने वाला जाम बड़ी समस्या है। पानी और महंगी बिजली का भी मुद्दा इस बार छाया हुआ है। 


2025 में कौन-कौन लड़ रहा है चुनाव?
आम आदमी पार्टी ने इस विधानसभा सीट से सत्येंद्र जैन को उतारा है। बीजेपी ने करनैल सिंह को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस ने सतीश लूथरा को उतारा है।

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