बिहार विधानसभा चुनावों के लिए जन सुराज ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली इस पार्टी ने 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। 7 आरक्षित सीटों के लिए भी जन सुराज ने नामों का एलान कर दिया है। प्रशातं किशोर ने पहली लिस्ट में वकील, डॉक्टर, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पूर्व अफसरों को भी चुनावी मैदान में उतारा है। कई बड़े नामों पर भी प्रशांत किशोर ने भरोसा जताया है।
जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह पटना गुरुवार को कहा कि पार्टी में सभी वर्गों पर भरोसा जताया गया है। सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। अति पिछड़ा वर्ग (EBC) वर्ग के 17 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, एक EBC मुस्लिम उम्मीदवार को भी टिकट मिला है, 11 ओबीसी, 7 मुस्लिम और एक अनुसूचित जाति (ST) के उम्मीदवार को टिकट दिया गया है। 51 उम्मीदवारों में से 9 उम्मीदवार सामान्य वर्ग से हैं। प्रशांत किशोर ने 6 महिला उम्मीदवारों को भी उतारा है। उन्होंने एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार को भी टिकट दिया है। उम्मीदवार का नाम प्रीति किन्नर है।
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अपनी बात पर कितने टिके हैं प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर ने चुनावों की तारीखों के एलान से पहले ही वादा किया था कि वह 40 फीसदी महिला उम्मीदवारों को टिकट देंगे। इस लिस्ट में अभी तक सिर्फ 6 महिला उम्मीदवारों के नाम है। हो सकता है कि दूसरी और तीसरी लिस्ट में प्रशांत किशोर महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारें।
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जन सुराज के उम्मीदवार कौन हैं?
- रितेश रंजन पांडे: बिहार के चर्चित नाम हैं। वह कारगहर सीट से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वह भोजपुरी गायक हैं, अभिनेता हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में रितेश पांडेय ने बीजेपी के लिए कैंपेन सॉन्ग गाया था, 'हम मोदी संगे रहब।' इनके गाने करोड़ों लोग देखते हैं।
- जागृति ठाकुर: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को भी प्रशांत किशोर ने मौका दिया है। वह समस्तीपुर की मोरवा सीट से चुनाव लड़ेंगी। वह पेशे से डेंटिस्ट हैं और समाज सेवा से जुड़े कार्यों में लगी रहती हैं।
- केसी सिन्हा: हाई स्कूल और इंटर की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह नाम नया नहीं है। यह देश के मशहूर गणितज्ञा हैं। पटना की कुम्हरार सीट से प्रशांत किशोर ने इन्हें टिकट दिया है। इन्होंने 70 से ज्यादा किताबें लिखी हैं। कई विश्वविद्यालयों के कुलपति रह चुके हैं।
- लता सिंह: नालंदा की अस्थावां सीट से प्रशांत किशोर ने लता सिंह को उतारा है। वह पटना की चर्चित वकील रही हैं, अब सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं। इनके पिता आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के सहयोगी रहे हैं, अब जनसुराज पार्टी में अहम भूमिका संभाल रहे हैं।
- किशोर कुमार: सोनबरसा के निर्दलीय विधायक रहे किशोर कुमार को भी प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी में शामिल किया है। वह सोहरसा से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं।
- यदुवंश गिरि: हाई कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता यदुवंश गिरि को सारण की मांझी सीट से टिकट मिला है। वह बिहार के चर्चित वकीलों में से एक हैं।
- आरके मिश्रा: दरभंगा से पूर्व पुलिस अधिकारी आरके मिश्रा चुनावी मैदान में हैं। आरके मिश्रा, होमगार्ड्स के डीजी रह चुके हैं।
- जय प्रकाश सिंह: छपरा विधानसभा सीट से 2000 बैच के IPS अधिकारी जय प्रकाश सिंह चुनाव लड़ेंगे। वह हिमाचल प्रदेश में सक्रिय रहे, बीते एक साल से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं। प्रशांत किशोर से जुड़े हैं।
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डॉ. अरुण कुमार: पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. अरुण कुमार को प्रशांत किशोर ने मटिहानी विधासनभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। यह बेगूसराय जिले की विधानसभा है।
- डॉ. लाल बाबू प्रसाद: मटिहानी विधानसभा सीट से जन सुराज ने लाल बाबू प्रसाद को टिकट दिया है। वह पेशे से चिकित्सक हैं। उनका क्लीनिक मोतिहारी में है। सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।
- डॉ. अमित कुमार दास: मुजफ्फरपुर में अमित कुमार दास बड़ा नाम हैं। वह चिकित्सक हैं और अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें मुजफ्फरपुर विधानसभा सीट से उतारा गया है।
प्रशांत किशोर ने वादा क्या किया था?
प्रशांत किशोर बिहार में 2 साल से पदयात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वह बिहार की सामाजिक स्थिति को बेहतर जानते हैं इसलिए सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को मजबूत प्रतिनिधित्व देंगे। बिहार की 36 फीसदी आबादी अति पिछड़े वर्ग की है। उन्होंने इस समुदाय के लिए आरक्षित सीटें देने का वादा किया था।
प्रशांत किशोर की नजर किस पर है?
प्रशांत किशोर, एनडीए की विदाई का वादा कर रहे हैं। प्रशांत किशोर अपनी पार्टी को पिछड़े, अंति वंचित वर्गों की पार्टी भी बता चुके हैं। बिहार में कर्पूरी ठाकुर ने EBC के लिए 12 प्रतिशत, OBC के लिए 8 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत कोटा लागू किया था। प्रशांत किशोर भी इसी रास्ते पर जाते नजर आ रहे हैं। अब उनकी नजर एनडीए और महागठबंधन के कोर वोट बैंक पर है।