अमेजन प्राइम वीडियो पर हाल ही में वेब सीरीज 'दुपहिया' रिलीज हो गई है। इस सीरीज को दर्शक बेहद पसंद कर रहे हैं। इस सीरीज में रेणुका शहाणे, गजराज राव, शिवानी रघुवंशी, भुवन अरोड़ा, स्पर्श चतुर्वेदी, अविनाश द्विवेदी समते कई कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। सीरीज की कहानी 'दुपहिया' वाहन के चोरी होने से शुरू होती है। सीरीज में वन लाइनर से लेकर जबरदस्त पंच शामिल है।
इस सीरीज को देखने के बाद आपको 'पंचायत' और 'गुल्लक' जैसी वेब सीरीज की याद आएगी। इसमें भी एक छोटे से गांव की कहानी को बखूबी दिखाया गया है। आइए जानते हैं वेब सरीज की क्या कहानी है और इसे वीकेंड पर क्यों देखना चाहिए।
'दुपहिया' बिहार के धड़कपुर गांव की कहानी है जहां पर पिछले 24 सालों से कोई क्राइम की घटना नहीं हुई है। सीरीज में बनवारी झा (गजराज राव) अध्यापक है और अपनी बेटी रोशनी (शिवानी रघुवंशी) का रिश्ता तय करते हैं। लड़के वाले शादी में दुपहिया गाड़ी की डिमांड करते हैं। बनवारी अपने बेटे भूगोल (स्पर्श चतुर्वेदी ) को दुपहिया वाहन खरीदकर गांव लाने के लिए कहता है। दुपहिया घर में आती है लेकिन उसे कोई चुरा लेता है। यही से कहानी की शुरुआत होती है।
भूगोल चोरी हुई दुपहिया को ढूंढने के लिए अपने दोस्त अमावस (भुवन अरोड़ा) की मदद लेता है जो गांव का लोकल गुंडा है जिसे रोशनी से प्यार है। बनवारी चोरी हुए दुपहिया की रिपोर्ट की एफआईआर नहीं करवा सकता क्योंकि गांव को क्राइम फ्री होने के 25 साल पूरे होने वाला है और लड़के वालों को पता चल गया कि दुपहिया नहीं है तो शादी टूट जाएगी। अब दुपहिया मिलती है या नहीं इसके लिए सीरीज देखनी पड़ेगी।
इस सीरीज में कुल 9 एपिसोड है। सीरीज में किसी भी तरह की अभद्र भाषा नहीं है। लंबे समय बाद कोई क्लीन कॉमेडी वेब सीरीज आई है जिसे आप वीकेंड पर परिवार के साथ देख सकते हैं।
एक्टिंग- वेब सीरीज में हर कलाकार ने शानदार काम किया है। गजराज राव की एक्टिंग तो सब जानते ही हैं। लापता लेडीज के स्पर्श चतुर्वेदी इस बार भी आपको निराश नहीं करेंगे। सीरीज में भुवन अरोड़ा ने अपनी एक्टिंग से दिखा दिया है कि वह बहुत ही टैलेंटेड है। शिवानी रघुवंशी ने अच्छा काम किया है। रेणुका शहाणे फिर बता दिया कि वह कमाल की अभिनेत्री हैं।
सोनम नायर ने शानदार निर्देशन किया है। एक भी सीन को आपको उबाऊ नहीं लगेगी। हर किरदार अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहा है। सीरीज को अविनाश द्विवेदी, चिराग गर्ग, सलोना बैंस जोशी और शुभ शिवदसानी ने मिलकर लिखा है।