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ऐक्शन सीन के बाद टूटी-फूटी गाड़ियों का होता क्या है? जानते हैं आप

फिल्मों में हम सभी ने ऐक्शन सीन्स में गाड़ियों का इस्तेमाल होते हुए देखा है। क्या आपने सोचा हैं इन सीन्स के शूट होने के बाद उन गाड़ियों का क्या होता है। आइए हम आपको बताते हैं।

ranveer and rohit action sequence

रणवीर और रोहित शेट्टी (Photo Credit: Rohit Shetty insta handle)

बॉलीवुड में ऐक्शन मूवी का क्रेज हमेशा देखने को मिलता है। मेकर्स इन फिल्मों को बनाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं। बॉलीवुड से लेकर साउथ तक में ऐक्शन फिल्मों की डिमांड है। जब तक किसी भी पिक्चर में हीरो गुंडे की जमकर धुलाई नहीं करता है तब तक उसे एक हिट फिल्म नहीं माना जाता है। कुछ स्टार्स फिल्मों में सभी ऐक्शन स्टंट खुद ही परफॉर्म करते हैं। वह बॉडी डबल का इस्तेमाल नहीं करते हैं। खासतौर से साउथ की फिल्मों में एक मुक्के में चार से पांच गाड़ियां हवा में उड़ती हुई दिखाई देती है।

 

 फाइटिंग सीन शूट करते समय कई बार गाड़ियों के बीच में टक्कर और तोड़-फोड़ का सीन दिखाया जाता है। क्या आपने कभी सोचा हैं फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद उन गाड़ियों के साथ क्या होता है? आइए जानते हैं फिल्मों में कैसे इन सीन्स की शूटिंग होती है?

 

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फिल्मों में कैसे शूट होता है ऐक्शन सीक्वेंस

खासतौर से रोहित शेट्टी की फिल्मों में आपने महंगी महंगी गाड़ियों को उड़ते हुए देखा होगा। उनकी फिल्मों में ऐक्शन सीन्स की कोई कमी नहीं होती है। अक्सर विलेन को 7 से 8 गाड़ियों के काफिले के साथ चलते हुए दिखाया जाता है। उसके काफिले की पिछली गाड़ियों में आग भी लग जाती है। क्या सच में इन महंगी गाड़ियों को उड़ाया या जलाया जाता है। आपको बता दें कि असल में इन गाड़ियों को उड़ाया नहीं जाता है। इनके लिए आउटडोर शूटिंग की जरूरत भी नहीं पड़ती है। यह सीन एक बंद कमरे में होता है जिसमें इस्तेमाल होने वाली गाड़ियां असली नहीं होती है।

 

 

इन सीक्वेंस को शूट करने के लिए छोटी मॉडल वाली गाड़ियों का इस्तेमाल होता है जिसमें एक मेज पर खूब सारी मिट्टी को फैलाया जाता है और गाड़ियों को रखा जाता है। इन गाड़ियों के अलग अलग एंग्लस से शार्ट लिए जाते हैं। आग वाले सीन को दिखाने के लिए पिघली हुई मोम का इस्तेमाल होता है।

कैसे एक ही काफिले में चलती हैं गाड़ियां

सभी अलग अलग मॉडल की छोटी गाड़ियों को टेप के जरिए जोड़ा जाता है। सभी गाड़ियों को साथ में खींचा जीता है और जिसे उड़ाना होता है उसे धागे के जरिए ऊपर की तरफ खींचा जाता है। बाद में फाइनल एडिटिंग में इन सीन्स को जोड़ा जाता है। 

 

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ज्यादातर ऐक्शन सीन क्रोमा पर ही शूट किया जाता है। आउटडोर शूटिंग में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों को किसी भी तरह का नुकसान होने पर पर वर्कशॉप में भेज दिया जाता है। अंदर से ये गाड़ियां कैसी भी हों लेकिन बाहर से चमकीला बनाया जाता है। शूटिंग के दौरान नई कार का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

 

 

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