अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जाते-जाते रूस को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। बाइडेन ने रूसी तेल को लेकर नया प्रतिबंध टैंकरों पर लगाया है, जिससे उसकी सप्लाई सीमित हो गई है। बाइडेन के इस फैसले का असर दिखने लगा है। कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने लगी हैं।
बाइडेन ने क्या लिया फैसला?
बाइडेन का कार्यकाल अब कुछ ही दिन का बचा है। ऐसे में उन्होंने जाते-जाते रूस के 183 से ज्यादा ऑयल टैंकरों पर प्रतिबंध लगा दिया है। टैंकरों के साथ-साथ दो बड़े ऑयल प्रोड्यूसर्स और एक्सपोर्टर्स पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
बाइडेन ने जिन रूस की जिन दो ऑयल कंपनियों पर बैन लगाया है, उनमें Surgutneftegas और Gazprom Neft है। इन कंपनियों ने 2024 में हर दिन 9.70 लाख बैरल तेल की सप्लाई की है। बाइडेन के इस फैसले से चीन के साथ-साथ भारत की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
भारत पर क्या हो सकता है इसका असर?
भारत कच्चे तेल के लिए दूसरे देशों पर निर्भर है। रूस से सबसे ज्यादा तेल आता है। भारत की जरूरत का 36 फीसदी तेल रूस से ही आता है। अमेरिका के प्रतिबंध के बाद भारत को अब दूसरे देशों का रुख करना पड़ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने से महंगाई भी बढ़ सकती है।
बाइडेन के इस फैसले से सबसे बड़ा झटका भारत और चीन को लगा है। भारत और चीन को अब अमेरिका, अफ्रीका और मध्य पूर्व से कच्चा तेल खरीदना पड़ेगा। इससे माल ढुलाई का खर्चा भी बढ़ेगा।