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शेख हसीना ने बताई उन 'आखिरी 25 मिनट' की कहानी, पढ़िए कैसे बची जान

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपने देश छोड़ने को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने दावा किया कि अगर 20-25 मिनट और रुकती तो उनकी हत्या हो जाती।

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शेख हसीना। (File Photo Credit: PTI)

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया है कि बांग्लादेश में उनकी और उनकी बहन रेहाना की हत्या की साजिश रची गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर वहां से नहीं निकलतीं तो उनकी हत्या हो सकती थी।


शेख हसीना की सरकार का पिछले साल 5 अगस्त को तख्तापलट हो गया था। उस दिन प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना अपनी बहन रेहाना के साथ भारत आ गई थीं। तब से ही शेख हसीना और रेहाना भारत में हैं। अब शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि वो 20-25 मिनट के अंतर से मौत से बच गईं।

शेख हसीना ने क्या कहा?

शेख हसीना ने फेसबुक पर एक ऑडियो मैसेज जारी किया है। इसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'रेहाना और मैं सिर्फ 20-25 मिनट के अंतर से मौत से बच पाए।'


उन्होंने दावा किया कि कई बार उनकी हत्या की साजिश रची गई। उन्होंने कहा, '21 अगस्त की हत्याओं से बचना या कोटलीपारा में बम से बचना या फिर 5 अगस्त 2024 को जिंदा बच निकलना... सब अल्लाह की मर्जी से हुआ। मेरे ऊपर अल्लाह का हाथ रहा होगा। नहीं तो इस बार मैं नहीं बच पाती।'


उन्होंने कहा, 'ये अल्लाह की रहमत ही है कि मैं अभी भी जिंदा हूं। क्योंकि अल्लाह चाहता है कि मैं अभी और कुछ करूं।'

 

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'सबकुछ जला दिया'

शेख हसीना ने इस मैसेज में खुद को पीड़ित बताया। उन्होंने कहा, 'मैं इन सबसे पीड़ित हूं। मैं अपने देश के बिना, घर के बिना यहां रह रही हूं। सबकुछ जला दिया गया है।'

सेना ने 45 मिनट का दिया था अल्टीमेटम!

शेख हसीना 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं। पिछले साल हुए चुनाव में उनकी पार्टी अवामी लीग ने बहुमत से सरकार बनाई थी। मगर कुछ महीने बाद ही शेख हसीना की सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। चिंगारी तब और भड़क गई, जब इन प्रदर्शनों में कुछ छात्रों की मौत हो गई। इसके बाद से ही शेख हसीना पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया था।


5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार गिर गई। बताया जाता है कि बांग्लादेश की सेना ने शेख हसीना को 45 मिनट का टाइम दिया था। न्यूज एजेंसी AFP ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने शेख हसीना को 45 मिनट के भीतर देश छोड़ने को कहा था। ये 45 मिनट इसलिए दिए थे ताकि वो अपना सामान पैक कर सकें और किसी सुरक्षित देश जा सकें। 


देश छोड़ने से पहले शेख हसीना आखिरी बार प्रधानमंत्री के तौर पर भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं लेकिन उन्हें ऐसा भी नहीं करने दिया गया। सेना से 45 मिनट का अल्टीमेटम मिलने के बाद शेख हसीना ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपना इस्तीफा सौंपा और दोपहर 2.30 बजे विमान से भारत आ गईं। 

 

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शेख हसीना ने किन घटनाओं का किया जिक्र?

शेख हसीना ने अपने ऑडियो मैसेज में तीन घटनाओं का जिक्र किया है। पहली घटना 21 अगस्त 2004 की है। तब एक रैली में ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 24 लोग मारे गए थे और 500 से ज्यादा घायल हो गए थे। जिस जगह ब्लास्ट हुआ था, उससे कुछ दूरी पर ही शेख हसीना एक रैली कर रही थीं। वहीं, 22 जुलाई 2000 को कोटलीपारा में 40 किलो विस्फोटक मिला था। यहां शेख हसीना की रैली होने वाली थीं। जबकि, 5 अगस्त 2024 को ही शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था। उनके देश छोड़ते ही प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लिया था।

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