कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार, भारतीय अधिकारियों की मॉनिटरिंग कर रही है। अधिकारियों का दावा है कि उन्हें सर्विलांस पर रखा गया है। अधिकारियों का कहना है कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है और उकसाया जा रहा है। उन्हें ऑडियो और वीडियो सर्विलांस पर रखा जाएगा। यह कूटनीतिक अधिवेशनों का उल्लंघन है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि भारत ने औपचारिक तौर पर भी अपना विरोध भी दर्ज कराया है। द न्यूज एरिना की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों देशों के बीच राजनायिक रिश्ते, पटरी से उतर गए हैं। कनाडा की ओर से बार-बार ऐसे बयान आ रहे हैं जिनकी वजह से स्थितियां और तनावपूर्ण हो जा रही हैं।
भारतीय अधिकारियों पर पहरा
रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमारे कुछ कॉन्सुलर अधिकारियों ने कनाडा की सरकार को यह सूचना दी है कि उन्हें वीडियो और ऑडियो सर्विलांस में रखा जा रहा है। बातचीत को भी इंटरसेप्ट किया जा रहा है। हमने कनाडा की सरकार से यह मांग करते हैं जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाए।'
बिगड़ चुके हैं भारत-कनाडा संबंध
रणधीर जायसवाल ने कहा है कि कनाडाई सरकार, इसे उत्पीड़न और उकसावा नहीं मान रही है। भारत और कनाडा के संबंध एक अरसे से तल्खी के दौर से गुजर रहे हैं। भारत और कनाडा के रिश्ते सामान्य थे लेकिन जस्टिन ट्रूडो के एक बयान और कनाडाई सरकार के आरोपों की वजह से तनाव बढ़ गया।
क्या है संबंध बिगड़ने की असली वजह?
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सितंबर 2023 में आरोप लगाया था कि इसमें भारतीय एजेंट्स शामिल हैं। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया था। कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी फल-फूल रहे हैं, जिसे लेकर हमेशा से भारत विरोध दर्ज कराता आया है।
डर के माहौल में हैं भारतीय अधिकारी
भारत ने कनाडा के 6 अधिकारियों को बाहर निकाल दिया था, अपने उच्चायोग अधिकारी संजय वर्मा और अन्य लोगों ने कनाडा के आरोपों का कड़ाई से खंडन किया। रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमारे अधिकारी हिंसा और अतिवाद के माहौल में डरे हुए हैं। कनाडा सरकार का एक्शन, स्थितियों को तनावपूर्ण हालत में पहुंचा रहा है।'