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ढाका से चटगांव तक हिंसा, बांग्लादेश में उस्मान हादी की मौत के बाद क्या हो रहा?

उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश का अधिकांश हिस्सा हिंसा की चपेट में है। हर तरफ भीड़ नारेबाजी और न्याय की मांग कर रही है। भारत के खिलाफ भी आवाज उठ रही है।

Bangladesh violence

हिंसा की चपेट में पूरा बांग्लादेश। ( Photo Credit: Social Media)

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अगस्त 2024 के बाद बांग्लादेश दोबारा सुलग रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी और हिंसा जारी है। ताजा हिंसा की वजह छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत है। मीडिया संस्थान से भारतीय दूतावास तक हमले की जद में हैं। शुक्रवार की नवाज के बाद ढाका में विरोध प्रदर्शन थमते नहीं दिख रहे हैं। गुरुवार की रात धानमंडी इलाके में सांस्कृतिक संगठन छायानाट की इमारत को कुछ लोगों ने आग के हवाले कर दिया। इस बीच हिंसक भीड़ ने द डेली स्टार और प्रोथोम आलो के दफ्तरों पर आगजनी की। वहां रखे समान को लूटा और तोड़फोड़ मचाई। इसके अलावा न्यू एज के संपादक के साथ मारपीट की।

 

पिछले साल शेख हसीना को पद से हटाने वाले युवाओं में शरीफ उस्मान बिन हादी मुख्य चेहरा था। हिंसक छात्र आंदोलन के बाद उसने 'इंकलाब मंचो' नाम से एक सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन की स्थापना की। हालांकि यह संगठन कट्टरपंथ से प्रेरित है। 12 दिसंबर को ढाका के बिजोयनगर में पानी की टंकी के पास ई-रिक्शा पर सवार हादी को दो अज्ञात लोगों ने कनपटी पर सटाकर गोली मारी थी। घायलावस्था में उसे ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया था। 

 

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सिंगापुर में मौत, बांग्लादेश में बवाल

डॉक्टरों ने गंभीर हालत के बाद उसे निजी अस्पताल रेफर किया। इसके बाद एवरकेयर अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ। मगर हालत में कोई सुधार नहीं होने पर 15 दिसंबर को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हादी को सिंगापुर जनरल अस्पताल में भर्ती कराया। गुरुवार की रात करीब साढ़े नौ बजे हादी की मौत की खबर आने के बाद पूरे देश में हिंसा की नई लहर उठी है।

कौन था उस्मान हादी?

उस्मान हादी इंकलाब मंचो का प्रवक्ता था। इसके अलावा फरवरी में प्रस्तावित 13वें राष्ट्रीय संसदीय चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ढाका-8 से उतरने का मन बना रखा था। बांग्लादेश का आरोप है कि उस्मान हादी को मारने वाले आरोपी भारत भाग चुके हैं। हालांकि अभी तक बांग्लादेश की पुलिस ने कोई सबूत नहीं दिया है। उस्मान हादी झालकाठी जिले के नलचिट्टी गांव का रहने वाला था। मदरसा शिक्षक का बेटा हादी नेसारबाद कामिल मदरसा से पढ़ा है। उसने 2011 में ढाका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में दाखिल लिया था। 

कैसे भड़की हिंसा

इंकलाब मंचो ने देश की जनता से हादी की मौत पर सड़क पर आने का आह्वान किया था। जैसे ही मौत की खबर आई, वैसे ही लोगों की हिंसक भीड़ आगजनी और हिंसा पर उतारू हो गई। गुरुवार की पूरी रात हिंसा होने के बाद शुक्रवार को इंकलाब मंचो ने लोगों से शांति बनाने की अपील की। मगर शुक्रवार की सुबह भी ढाका के शाहबाग में प्रदर्शन जारी है। 

अखबार के दफ्तरों में आगजनी

गुरुवार की रात उन्मादी भीड़ ने प्रोथोम आलो और डेली स्टार जैसे मीडिया संस्थानों को आग के हवाले कर दिया। डेली स्टार के 30 से ज्यादा पत्रकार छत में फंसे रहे। बाद में सेना ने सीढ़ी लगाकर सभी को बचाया। इन दोनों अखबारों की गिनती बांग्लादेश के सबसे बड़े मीडिया संस्थानों के तौर पर होती है। ढाका के फार्मगेट स्थित अंग्रेजी अखबार 'द डेली स्टार' की इमारत के सामने न्यू एज का भी दफ्तर है। यहां उसके संपादक नूरुल कबीर के साथ भीड़ ने बदतमीजी की। 

 

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ढाका से चटगांव तक हिंसा ही हिंसा

चटगांव में हिंसक भीड़ ने भारत के सहायक उच्चायोग पर हमला किया। ढाका स्थित दूतावास को भी घेरने की कोशिश की गई। इसके अलावा राजशाही जिले में उन्मादियों ने बुलडोजर से अवामी लीग पार्टी के दफ्तर ढहा दिया। देशभर से सड़क जाम और तोड़फोड़ की खबरें आ रही हैं। धानमंडी स्थित बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के घर पर गुरुवार की रात भी तोड़फोड़ की गई। चटगांव में पूर्व शिक्षा मंत्री के घर को आग के हवाले कर दिया गया। उधर, रातोंरात ढाका विश्वविद्यालय के शेख मुजीब हाल का नाम उस्मान हादी के नाम पर रख दिया गया है। 

उन्मादी भीड़ ने हिंदू युवक को सरेआम मार डाला

बांग्लादेश में गुरुवार की रात एक बेहद खौफनाक वीडियो सामने आया। यहां के मयमनसिंह इलाके में उन्मादी भीड़ ने एक हिंदू शख्स को पकड़कर जबरन पीटा और इसके बाद सरेआम पेड़ से फांसी पर लटका दिया। लाश को नीचे उतारने के बाद भी उसके साथ क्रूरता की गई। बाद में आरोपियों ने भीड़ के सामने ही शव को आग लगा दी। मृतक युवक की पहचान दीपू दास के तौर पर हुई है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घटना की निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

 

 


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