गाजा: फिलिस्तीनियों पर इजरायली टैंक ने की फायरिंग; 25 की मौत, 80 घायल
राफाह में एक सहायता केंद्र के पास इजरायली टैंक से हुई फायरिंग में 26 फिलिस्तीनी मारे गए और 80 घायल हो गए।

प्रतीकात्मक तस्वीर । Photo Credit: PTI
दक्षिणी गाजा के राफाह क्षेत्र में रविवार को एक अमेरिकी सहायता प्राप्त वितरण/सहायता केंद्र के पास इजरायली सेना की गोलीबारी में कम से कम 26 फिलिस्तीनी मारे गए और 80 से अधिक घायल हो गए। समाचारों के अनुसार, हजारों फिलिस्तीनी अल-अलम चौराहे के पास एकत्र हुए थे, जो गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (जीएचएफ) द्वारा संचालित सहायता केंद्र के करीब है। इसी दौरान इजरायली टैंक वहां पहुंचे और भीड़ पर गोलीबारी शुरू कर दी।
यह घटना ऐसे समय में हुई जब वॉशिंगटन ने हमास के युद्धविराम प्रस्ताव को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताकर खारिज कर दिया था। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, घायलों को खान यूनिस में कुछ बचे हुए अस्पतालों में से एक, नासर अस्पताल में गधा गाड़ियों के जरिए ले जाया गया। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
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हमास ने जारी किया बयान
हमास ने रविवार को इस हमले के तुरंत बाद एक बयान में इजरायली सेना पर आरोप लगाया कि उसने ‘भूखे नागरिकों पर, जो तथाकथित 'मानवीय सहायता' वितरण केंद्रों पर जमा थे, एक नया नरसंहार किया।’ हमास ने इन केंद्रों को "मानवीय राहत केंद्र" नहीं, बल्कि ‘सामूहिक मौत का जाल’ करार दिया।
इजरायल को युद्धग्रस्त गाजा में मानवीय संकट के लिए बढ़ती अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि मार्च में एक अल्पकालीन युद्धविराम खत्म होने के बाद से महीनों तक चली इजरायली नाकेबंदी के कारण गाजा की पूरी आबादी भुखमरी का सामना कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने इजरायल से ‘कहीं अधिक मात्रा में खाद्य सहायता को तेजी से गाजा में पहुंचाने’ की मांग की है, यह कहते हुए कि भुखमरी के कारण बढ़ती निराशा ‘असुरक्षा को बढ़ा रही है।’
संयुक्त राष्ट्र ने की आलोचना
जीएचएफ, एक निजी संगठन है जो इजरायल और अमेरिका द्वारा समर्थित है। इसने 26 मई से गाजा पट्टी में खाद्य वितरण शुरू किया था, जब इजरायल ने दो महीने से अधिक समय तक चली पूरी नाकेबंदी को आंशिक रूप से हटाया था।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रमुख सहायता समूहों ने जीएचएफ की सहायता पहुंचाने के तरीके की आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन करती है और इजरायली सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाई गई प्रतीत होती है।
संयुक्त राष्ट्र ने यह कहते हुए जीएचएफ के साथ सहयोग करने से इनकार कर दिया है कि यह सिस्टम गाजा की 23 लाख आबादी की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती और इससे इजरायल को भोजन को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का मौका मिलता है।
जीएचएफ ने दावा किया है कि उसने शुक्रवार तक 21 लाख लोगों को भोजन वितरित किए हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और अन्य सहायता समूहों का कहना है कि इससे फिलिस्तीनियों के लिए जोखिम बढ़ता है।
सीजफायर वार्ता असफल
हमास ने शनिवार को कहा कि उसने अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव का सकारात्मक जवाब दिया था, लेकिन वॉशिंगटन के मुख्य वार्ताकार ने हमास के जवाब को ‘पूरी तरह अस्वीकार्य’ बताया। हमास ने स्थायी युद्धविराम और गाजा पट्टी से इजरायली सेना की पूरी तरह वापसी की मांग पर जोर दिया था, जो लंबे समय से इजरायल के लिए एक विवादास्पद मुद्दा रहा है।
शुक्रवार को इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि वह या तो डील को स्वीकार करे और गाजा में बंधकों को रिहा करे, या ‘खत्म’ हो जाए। अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने हमास के जवाब को खारिज करते हुए कहा कि यह प्रस्ताव ‘60 दिन के युद्धविराम की डील करने का एकमात्र तरीका है, जिसमें आधे जीवित बंधक और आधे मृत बंधक अपने परिवारों के पास लौट सकते हैं।’
हमास ने बनाया था बंधक
7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले में बनाए गए 251 बंधकों में से 57 अभी भी गाजा में हैं, जिनमें से 34 को इजरायली सेना ने मृत घोषित किया है। हमास द्वारा संचालित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि 18 मार्च से इजरायल के फिर से शुरू हुए हमले में कम से कम 4,117 लोग मारे गए हैं, जिससे युद्ध में कुल मरने वालों की संख्या 54,381 हो गई है, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं। हमास के हमले में 1,218 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे।
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