अक्सर आप दो देशों के नाम सुनते होंगे, उत्तरी कोरिया और दक्षिणी कोरिया। इनके नाम में कोरिया कॉमन है जिससे लगता भी है कि या तो ये देश कभी एक ही थे या फिर कुछ तो संबंध जरूर है। सच्चाई यही है कि ये दोनों देश पहले एक ही हुआ करते थे। फिर कुछ ऐसा हुआ कि न सिर्फ ये देश दो हो गए बल्कि हमेशा के लिए दुश्मन भी बन गए। आज भी दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ कुछ न कुछ करते रहते हैं। सीमा से सटे इलाकों में कभी कूड़े वाला गुब्बारा उड़ा दिया जाता है तो कभी गुब्बारों के जरिए पर्चे गिराए जाते हैं। आखिर क्या वजह थी कि इनका विभाजन हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार था, आइए समझते हैं।
दुनिया में युद्ध होते हैं तो बहुत कुछ बदलता है। अक्सर देशों की सीमाएं बदलती हैं और लंबे समय के लिए देश की राजनीति की दिशा बदल जाती है। ऐसा ही कुछ साल 1945 में कोरिया के साथ हुआ और यह देश दो हिस्सों में बंट गया। लंबे समय तक एक रहे कोरिया पर बाद में जापान ने कब्जा कर लिया था। साल 1905 में रूस और जापान के बीच हुए युद्ध के बाद से 35 साल तक कोरिया जापान का गुलाम रहा। दूसरे विश्व युद्ध में जापान की हार हुई और कोरिया आजाद हो गया। हालांकि, आजादी के साथ ही देश का विभाजन भी हो गया।
दूसरों ने कर दिया विभाजन का फैसला
हैरानी की बात यह है कि देश को बांटने का फैसला कोरियाई लोगों ने नहीं बल्कि अमेरिका और सोवियत यूनियन ने खुद ही कर लिया। साल 1945 में इस देश के दो टुकड़े करने का फैसला किया। सोवियर आर्मी ने 38 डिग्री अक्षांश के ऊपरी हिस्से में कम्युनिस्ट राज स्थापित किया। वहीं इसी रेखा के दक्षिण में अमेरिका ने एक मिलिट्री राज स्थापित किया। इसी के हिसाब से दोनों देशों का नाम भी पड़ा। उत्तरी कोरिया और दक्षिणी कोरिया। अमेरिका और सोवियत यूनियन ने खुद से ही दक्षिण कोरिया में सिगमन री और उत्तर कोरिया में किम इल सुंग को नेता बना दिया था। 1948 में सोवियत सेना और 1949 में अमेरिकी सेना के जाते ही साल 1950 में दोनों देश आपस में लड़ गए।
साल 1948 में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की अगुवाई में एक जनमत संग्रह कराने की कोशिश की लेकिन नॉर्थ कोरिया ने इससे इनकार कर दिया। दरअसल, अमेरिका फिर से इन दोनों को एक करना चाहता था लेकिन एक बड़ा वर्ग इसके लिए राजी नहीं था। वहीं, दक्षिण कोरिया ने अपनी खुद की सरकार बनाई और जो कि कम्युनिस्टों की धुर विरोधी थी। इसके जवाब में उत्तरी कोरिया ने पूर्व कम्युनिस्ट किम 2 सुंग को अपना पहला प्रीमियर चुना। वह 1948 से 1994 तक सुप्रीम लीडर रहे। 1998 से 2019 तक उनके बेटे किम जोंग 2 सुप्रीम लीडर रहे और 2019 से अब तक किम जोंग 2 के बेटे किम जोंग उन नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर हैं।
कोरिया का भीषण युद्ध
अमेरिका और सोवियत यूनियन की कोल्ड वॉर और कोरिया में कम्युनिस्ट बनाम मिलिट्री रूल ने जमीन पर आग सुलगा रखी थी। इसका नतीजा 1950 में देखने को मिला जब कोरिया के दोनों देश आमने-सामने खड़े थे। अमेरिका ने उत्तर कोरिया का साथ दिया और दक्षिण कोरिया में उसने जमकर बम गिराए। सबकुछ तबाह करने के बाद साल 1953 में यह युद्ध खत्म हुआ। इस युद्ध के बाद से दोनों देश हमेशा के लिए दुश्मन बन गए और आज भी इनके संबंध अच्छे नहीं हो पाए हैं।