अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होने के साथ ही भारत और अमेरिका ने अपने रिश्ते को बेहतर करने की कोशिश करनी शुरू कर दी है। जयशंकर ने शपथ ग्रहण समारोह में स्पेशल गेस्ट की तरह भाग लिया और भारत के प्रधानमंत्री की चिट्ठी भी ट्रंप को सौंपी थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में सर्वोच्च प्रोटोकॉल प्राप्त करने के बाद, विदेश मंत्री जयशंकर ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज से मुलाकात की और फिर नवनियुक्त विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापानी विदेश मंत्री इवाया ताकेशी के साथ क्वॉड बैठक में भाग लिया।
इसके तुरंत बाद जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। ट्रंप की रणनीति में भारत का महत्व इस बात से पता चलता है कि मार्को रुबियो की पहली बहुपक्षीय बैठक क्वॉड मीटिंग थी और सेक्रेटरी रुबियो की पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ थी।
भारत के साथ रिश्ते मजबूत करेंगे ट्रंप
हिंदु्स्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने क्वॉड मीटिंग और मंत्री जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक के माध्यम से इंडो-पैसिफिक में स्पष्ट संदेश देते हुए भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन पिछले प्रशासन के दौरान बेहतर किए गए भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाएगा आगे बढ़ाएगा, और प्रौद्योगिकी, रक्षा व सुरक्षा, व्यापार और वाणिज्य, व आर्थिक संबंधों में बड़े कदम उठाने के लिए तैयार है।
बातचीत रही सकारात्मक
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री जयशंकर की अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत काफी सकारात्मक रही है और दोनों देश आपसी हित और आपसी सुरक्षा के आधार पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विदेश मंत्री जयशंकर एक बहुत ही सफल यात्रा के बाद भारत के लिए रवाना होने से पहले आज वॉशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।