logo

अदाणी के साथ केन्या का सौदा रद्द, भारत पर क्या पड़ेगा असर?

अमेरिका में अदाणी ग्रुप पर रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद अब केन्या ने भी बड़ा फैसला लिया। केन्या ने अदाणी समूह के साथ एयरपोर्ट विस्तार और बिजली लाइन परियोजना रद्द कर दी है।

Kenyan government scrapped its airport and energy deal with the Adani Group

गौतम अदाणी, Image Credit: PTI

अभी गौतम अदाणी एक मुसीबत से निकले नहीं थे कि उन्हें केन्या से एक और झटका मिल गया। राष्ट्रपति विलियन रुटो ने गुरुवार को अदाणी समूह के साथ अपने देश के मुख्य हवाई अड्डे के विस्तार की योजना रद्द करने का फैसला किया है।

 

नैरोबी में पहले से अदाणी समूह के प्रोजेक्ट को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में इस डील के रद्द होने से अदाणी समूह को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। वहीं, अदाणी पर अमेरिका में लगे आरोपों का असर भारत के साथ-साथ अब केन्या में भी दिख रहा है। 

 

नैरोबी में क्यों हो रहा अदाणी का विरोध?

कीनिया में अदाणी को एयरपोर्ट विस्तार की डील मिलने वाली थी। हालांकि, इस डील से नैरोबी एयरपोर्ट के वर्कर नाखुश थे। उन्हें डर था कि इस सौदे से उनकी नौकरी खतरे में आ सकती है। रुटो के अचानक इस सौदे को रद्द करने के बाद से कई सवाल खड़े हो रहे है। वहीं, विपक्ष भी अदाणी से करार को लेकर रुटो पर निशाना साध रहे है। कीनिया के एक्टिविस्ट नेता मोरारो केबासो ने 31 अगस्त को इस समझौते से संबधित एक्स पर एक पोस्ट किया था। 

 

देखें पोस्ट:

डील रद्द, अब सवाल के घेरे में केन्या के राष्ट्रपति 

अदाणी के साथ डील रद्द करने के बाद अब राष्ट्रपति रुटो सवालों के घेरे में आ गए है। केन्या का मशहूर अग्रेंजी अखबार नेशन ने दावा किया कि केन्या के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 79 करोड़ डॉलर की डील की है, लेकिन इसको लेकर राष्ट्रपति चुप क्यों है? हालांकि, केन्या की कई मीडिया रूटो के इस मजबूरी में लिए गए फैसले को साहसित बता रहे है। 

भारत पर क्या पड़ेगा असर?

केन्या के इस फैसले को कई लोग भारत के  लिए झटके के रूप में देख रहे हैं। दरअसल, अदाणी का विदेशों में अपना वर्चस्व फैलाना भारत के वैश्विक वृद्धि से जुड़ा हुआ है। बता दें कि दक्षिण एशिया में भारत को चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा मिल रही है। ऐसे में डील का रद्द हो जाना बड़ी बात है। 

क्या थी डील?

अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन ने लगभग 74 करोड़ डॉलर की डील केन्या इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी से की थी। इस डील के तहत चार ट्रांसमिशन लाइन और दो सबस्टेशन तैयार किया जाना था। इसके एवज में अदाणी समूह को 30 साल के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाती। 

केन्या के इस डील को तोड़कर खुद फंसे राष्ट्रपति रुटो

माना जा रहा है कि केन्या ने इस डील को रद्द करके बड़ी गलती कर दी है। दरअसल, यह डील फाइनल थी और इसे तोड़ने का सीधा मतलब कानूनी अनुबंधों का पालन नहीं करना होगा।

अमेरिका में क्या लगे आरोप?

अमेरिका ने अदाणी ग्रूप के चेयरमैन गौतम अदाणी उनके भतीजे सागर अदाणी समेत 6 लोगों पर आरोप लगया है। भारत में रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए रिश्वत देने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। अमेरिका का दावा है कि इससे अदाणी की कंपनी और भारत की अज्योर पावर को फायदा पहुंचा है। अदाणी और उनके अधिकारियो पर अमेरिकी निवेशकों और कर्जदाताओं को गुमराह करने का भी आरोप लगा है। 

शेयर करें

संबंधित आलेख


और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap