यमन में कैद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी मुकर्रर हो गई है। राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने निमिषा की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी है। निमिषा पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या करने का इल्जाम था। 2020 में यमन की अदालत ने निमिषा को फांसी की सजा सुनाई थी। निमिषा की मां ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन वहां से उनकी अर्जी खारिज हो गई। अब राष्ट्रपति ने भी निमिषा की फांसी पर मुहर लगा दी है।
क्या है पूरा मामला?
निमिषा केरल के पलक्कड़ की रहने वाली हैं। साल 2008 में वो नौकरी के लिए यमन पहुंची थीं। राजधानी सना में उन्होंने नर्स की नौकरी की। 2011 में शादी के लिए निमिषा वापस आईं। फिर 2012 में अपने पति टॉमी थॉमस के साथ दोबारा यमन गईं। 2012 में निमिषा ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद उनके पति थॉमस अपनी बेटी को लेकर केरल लौट आए। पैसे कमाने के लिए निमिषा यमन में ही रहीं।
इसी दौरान निमिषा की मुलाकात तलाल अब्दो महदी से हुई। यमन में निमिषा अपना क्लीनिक खोलना चाहती थीं, लेकिन इसके लिए उन्हें वहां के किसी नागरिक से शादी करना जरूरी था। तलाल ने निमिषा से शादी के फर्जी कागजात बनवाए।
हालात तब बिगड़े जब मार्च 2015 में यमन में सिविल वॉर छिड़ गया। निमिषा वहां से लौट नहीं सकीं। तभी 2016 में तलाल ने निमिषा पर यौन संबंध बनाने का दबाव बनाने लगा। उसने निमिषा का पासपोर्ट भी अपने पास रख लिया। अपने दस्तावेज वापस पाने के लिए निमिषा ने तलाल को नींद का इंजेक्शन दिया। इस इंजेक्शन से तलाल की मौत हो गई। इसके बाद निमिषा ने अपनी दोस्त की मदद से तलाल की लाश के टुकड़े किए और पानी में फेंक दिए। निमिषा पकड़ी गईं और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई।
दुनियाभर के मुल्कों में भारतीय कैदी
दुनियाभर की जेलों में हजारों भारतीय कैद हैं। अगस्त 2024 में सरकार ने संसद में बताया था कि दुनिया के 86 मुल्कों की जेल में 9,728 भारतीय कैद हैं। सबसे ज्यादा कैदी खाड़ी देशों में हैं।
सरकार ने बताया था कि सबसे ज्यादा 2,594 भारतीय कैदी सऊदी अरब की जेल में बंद हैं। इसके बाद 2,308 कैदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जेल में हैं। कतर में 588, कुवैत में 386, बहरीन में 313 और ओमान में 176 भारतीय कैदी हैं। चीन, पाकिस्तान और नेपाल में भी सैकड़ों भारतीय बंद हैं। नेपाल में 1,282 तो चीन में 174 और पाकिस्तान में 42 भारतीय कैदी जेल में हैं। मलेशिया में 379 और इटली में 154 भारतीय जेल में बंद हैं।
कितने भारतीयों को फांसी की सजा?
सऊदी अरब ने पिछले साल 101 विदेशी नागरिकों को फांसी की सजा दी थी। 2022 की तुलना में ये 3 गुना ज्यादा है। 2022 में 34 विदेशियों को फांसी दी गई थी। पिछले साल सऊदी ने जितने विदेशियों को फांसी की सजा दी, उनमें 3 भारतीय भी शामिल थे।
भारतीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने अगस्त 2024 में राज्यसभा में बताया था कि विदेशों में 125 भारतीय ऐसे हैं, जो फांसी या उम्रकैद की सजा का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया था कि 27 देशों में 125 भारतीयों को फांसी या उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कनाडा में 23 भारतीयों को फांसी या उम्रकैद की सजा मिली है। इसके अलावा चीन में 17, कतर में 14 और सऊदी अरब में 13 भारतीयों को 10 साल में फांसी या उम्रकैद की सजा मिली है।
फांसी पर क्या कहते हैं आंकड़े?
दुनिया के ज्यादातर देश फांसी या मौत की सजा को खत्म कर चुके हैं। हालांकि, अब भी ढेरों ऐसे देश हैं, जहां आज भी मौत की सजा दी जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशन की रिपोर्ट बताती है कि 2023 में 52 देशों में 2,428 कैदियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। जबकि, पिछले साल ही 16 देशों में कम से कम 1,153 कैदियों को फांसी की सजा दी गई। 2022 की तुलना में ये 31 फीसदी ज्यादा है। 2022 में 883 कैदियों को फांसी हुई थी।
दुनिया में सबसे ज्यादा फांसी चीन में दी जाती है। 2023 में चीन में हजार से ज्यादा लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी और हजार से ज्यादा लोगों को फांसी दी गई थी।