नासा ने चंद्रमा पर फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने के लिए एक चैलेंज की घोषणा की है। इसके लिए स्पेस एजेंसी ने लगभग 20 हजार डॉलर यानी 16 लाख 86 हजार रुपये का ईनाम घोषित किया है। यह पहल नासा के आर्टेमिस मिशन का हिस्सा है, जिसमें अत्यधिक तापमान, असमान सतहों और भारी स्पेससूट जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
नासा इस बात की संभावना के लिए तैयारी कर रहा है कि चोट, चिकित्सा आपात स्थिति या मिशन से संबंधित दुर्घटनाओं के कारण चंद्रमा पर कोई अंतरिक्ष यात्री अक्षम हो जाए। ऐसी स्थिती में चालक दल के सदस्यों को उन्हें चंद्र लैंडर पर वापस ले जाने के लिए एक विश्वसनीय प्लानिंग की जरुरत होगी।
नासा को प्लान बताइए और इनाम पाइए
नासा ने आर्टेमिस मिशन के तहत ग्लोबल इनोवेटर्स को चांद पर घायल या असमर्थ अतंरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित बचाने के लिए लूनर रेस्क्यू सिस्टम डिजाइन करने व प्लान बताने का मौका दिया है। इस चैलेंज में कुल 20 हजार डॉलर यानी लगभग 16 लाख 86 हजार रुपयों का ईनाम रखा है। यह रकम उस सिस्टम को बनाने वाले को दिया जाएगा जो सुरक्षित और कारगर डिजाइन माना जाएगा।
इतना होगा इनाम
यह नासा के आर्टिमिस मिशन का हिस्सा बनेगा जिसके लिए आवेदन आगामी 23 जनवरी 2025 तक है। इसे हीरोएक्स पोर्टल पर जमा करना होगा। इसमें कुल पुरस्कार 45 हजार डॉलर यानी 38 लाख रुपये है। सबसे अच्छे प्रस्ताव को नासा के सितंबर 2026 में भेजे जाने वाले आर्टिमिस अभियान में शामिल किया जाएगा। l
क्यों यह मिशन जरूरी?
बता दें कि नासा भी खुद को ऐसे हालात के लिए तैयार कर रहा जिसमें किसी एस्ट्रोनॉट चोट लगने, मेडिकल इमरजेंसी या अभियान संबंधी दुर्घटना में वापस आने में असमर्थ हो जाए। ऐसे में उनके साथियों को वापस लूनार लैंडर तक भेजने के लिए विश्वसनीय तरीके की जरूरत पड़ सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि चांद की सतह काफी ऊबड़-खाबड़ है। खड़ी ढलाने होने के कारण वहां नेवीगेशन बहुत ही मुशकिल है। ऐसे में अगर किसी एस्ट्रोनॉट की हालत खराब हो जाए तो पहले से ही प्लानिंग करनी पड़ेगी।