पाकिस्तान इन दिनों भयानक बाढ़ और बारिश की तबाही से जूझ रहा है। सबसे ज्यादा असर खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में बताया जा रहा है, जहां हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। प्रधानमंत्री के कोऑर्डिनेटर इख्तियार वली खान ने बताया कि केवल केपी में ही मौतों का आंकड़ा 1000 से ज्यादा हो सकता है। उन्होंने बताया कि कई गांव पूरी तरह बह गए हैं और हजारों लोग अब भी लापता हैं।
इख्तियार वली खान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि उन्होंने अपनी आंखों से तबाही का मंजर देखा है। बुनेर के चघरजी इलाके में भारी नुकसान हुआ है। वहीं, बाशोनी गांव पूरी तरह नक्शे मिट गया है। उन्होंने कहा कि कुछ चट्टानें, जो बाढ़ के साथ बहकर आईं, ट्रकों से भी बड़ी थीं। नदी किनारे बने घरों का कोई निशान तक नहीं बचा और कई परिवार पूरी तरह बाढ़ की लहरों में बह गए। पाकिस्तानी राहत बचाव एजेंसियों की माने तो अभी तक खैबर पख्तूनख्वा में 390 लोगों की मौत हुई है। वहीं, 245 लोगों के घायल होने की सूचना दी जा रही है।
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पीएम कोऑर्डिनेटर ने बताई सच्चाई
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के कोऑर्डिनेटर इख्तियार वली खान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों की सच्चाई बताते हुए कहा, 'पूरे-पूरे गांव बह गए हैं। बुनेर के चघरजी इलाके में भारी तबाही हुई है, वहीं, बाशोनी गांव तो पूरी तरह नक्शे से मिट गया है।' वली ने बताया कि बाढ़ में बहकर आई चट्टानें ट्रकों से भी बड़ी थीं। नदी किनारे बने घर पूरी तरह बह गए और पूरे परिवार लापता हो गए, जिनकी कोई खबर तक नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़ों में केवल वे शव शामिल हैं जिन्हें अस्पताल लाया गया है। असल मौतों की संख्या कहीं अधिक हो सकती है।
इख्तियार वली ने बताया कि सिर्फ दिर इलाके में ही मौतों का आंकड़ा 1000 से ज्यादा हो सकता है और अब भी हजारों लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि कई जगहों पर सामूहिक दफन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अपनी आंखों से इस त्रासदी को देखकर, मैं बुनेर से भारी मन के साथ लौटा हूं।'
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पहले NDMA ने दी थी जानकारी
इससे पहले पाकिस्तान की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने बताया था कि 26 जून से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में पूरे पाकिस्तान में कम से कम 657 लोगों की मौत हो चुकी है और 929 लोग घायल हुए हैं। मरने वालों में 392 पुरुष, 171 बच्चे और 94 महिलाएं शामिल हैं। घायलों में 437 पुरुष, 256 बच्चे और 236 महिलाएं हैं।
एनडीएमए ने कहा कि यह हादसे भीषण मानसूनी बारिश, अचानक आई बाढ़ और अन्य आपदाओं की वजह से हुए हैं। एजेंसी ने यह भी बताया कि वह प्रांतीय अधिकारियों के साथ मिलकर सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज कर रही है।
सबसे ज्यादा नुकसान खैबर पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में हुआ है। यहां 390 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें 288 पुरुष, 59 बच्चे और 43 महिलाएं शामिल हैं। वहीं, 245 लोग घायल हुए हैं, जिसमें 161 पुरुष, 45 बच्चे और 39 महिलाएं शामिल हैं।