पोलियो जिसने दुनिया के लाखों लोगों को अपनी गिरफ्त में जकड़ा हुआ है। भारत इसे मिटाने में कामयाब हो गया हैं। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान अभी भी पोलियो के खिलाफ जंग लड़ रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दुनियाभर में ऐसे दो ही देश बचे हैं जहां पोलियो का खात्मा नहीं हो पाया है- पाकिस्तान और अफगानिस्तान।
बता दें कि सरकार के लिए पोलियो टीकाकरण अभियान चलाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों पर उत्पीड़न और हमले पाकिस्तान में काफी आम हैं। जब टीकाकरण अभियान चलाया जाता है तो भीड़ टीकाकरण की टीम पर ही हमला बोल देती है। पाकिस्तान में कड़ी सुरक्षा के बीच एक सप्ताह तक चलने वाला पोलियो उन्मूलन अभियान शुरू किया गया है।
पोलियो वैक्सीन देने पहुंची टीम पर हमला
इसी कड़ी में शुक्रवार को कराची शहर के घनी आबादी वाले इलाके में पोलियो वैक्सीन देने पहुंची टीम पर ही भीड़ ने हमला बोल दिया। यहां तक की पुलिस एस्कॉर्ट को भी पीटा। इस सिलसिले में पुलिस ने 4 महिलाओं सहित 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। हमला शहर के कोरंगी इलाके में हुआ। दरअसल, यह बस्ती मुख्य रूप से देश के उत्तरी आदिवासी इलाकों से आए परिवारों की बस्ती है।
फावड़े और डंडों से कर दी पिटाई
कोरंगी के एसएसपी कामरान खान ने घटना को संज्ञान में लिया और कहा, 'पोलियो दल एक घर में टीका लगाने गया था, जहां मौजूद महिलाओं ने दो हथियारबंद लोगों को बुलाया और उन्होंने न केवल स्वास्थ्य कर्मियों पर बल्कि उनके साथ आए पुलिसकर्मियों पर भी हमला कर दिया।' शुरुआती हमले के बाद, हमलावरों ने बस्ती से अतिरिक्त लोगों को बुलाया, जो फावड़े और डंडों से लैस होकर आए और स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया।
पोलियो कार्यकर्ताओं पर बढ़ते जा रहे हमले
मंगलवार को अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो कार्यकर्ताओं को ले जा रहे एक वाहन को निशाना बनाकर विस्फोट किया गया जिसमें तीन सुरक्षा बल कर्मियों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। एक दिन पहले, खैबर पख्तूनख्वा में अलग-अलग घटनाओं में एक पोलियो कार्यकर्ता और एक पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सप्ताह की शुरुआत में, कराची के नजीमाबाद में एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को एक अपार्टमेंट की इमारत में जबरन बंधक बनाकर रखा गया था। महिला का कसूर बस इतना था कि वह पोलियो टीकाकरण के लिए अपार्टमेंट में गई थी।
इस साल पोलियो के 64 मामले
बता दें कि पोलियो बीमारी ज्यादातर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है और कभी-कभी आजीवन पक्षाघात का कारण बनती है। पाकिस्तान में इस साल इस अपंग करने वाली बीमारी के 64 मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य कर्मियों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक वैक्सीन और सुरक्षा मुद्दों के बारे में गलत सूचना है।
वायरस को मिटाने के वैश्विक प्रयासों के बावजूद, सुरक्षा मुद्दों, वैक्सीन हिचकिचाहट और गलत सूचना जैसी चुनौतियों ने इस अभियान को धीमा कर दिया है। देश में इस वर्ष के अंतिम पोलियो टीकाकरण अभियान का लक्ष्य पांच वर्ष से कम आयु के 10.6 मिलियन बच्चों तक पहुंचना था।