logo

ट्रेंडिंग:

पक्षी के टकराने से कैसे क्रैश हो सकता है विमान? आसान भाषा में समझें

रविवार को साउथ कोरिया में इस साल का सबसे बड़ा विमान हादसा हुआ। आशंका है कि पक्षी के टकराने के कारण ये हादसा हुआ होगा। इस हादसे में 179 यात्रियों की मौत हो गई।

AI Generate Image

AI Generate Image

दिसंबर के आखिरी हफ्ते में दुनिया में दो बड़े विमान हादसे हुए। पहला विमान हादसा 25 दिसंबर को हुआ। तब अजरबैजान एयरलाइंस का एक विमान चेचेन्या के ग्रॉजनी जाते समय कजाखस्तान में क्रैश हो गया। इस हादसे में 38 लोगों की मौत हो गई थी। दूसरा विमान हादसा 29 दिसंबर को साउथ कोरिया में हुआ। इस हादसे में विमान में सवार 181 यात्रियों में से 179 की मौत हो गई।


साउथ कोरिया का विमान हादसा इस साल का सबसे बड़ा हादसा है। जेजू एयरलाइंस के इस विमान ने बैंकॉक के सुवर्णभूमि एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। विमान को साउथ कोरिया के मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करना था। विमान ने इमरजेंसी लैंडिंग की और रनवे पर फिसल गया। रनवे पर फिसलकर प्लेन एयरपोर्ट की बाड़ से टकरा गया, जिससे इसमें आग लग गई।

पक्षी टकराने से हुए दोनों हादसे?

अजरबैजान एयरलाइंस का जो विमान क्रैश हुआ था, उसमें शुरुआती जांच में सामने आया था कि पक्षियों के टकराने से विमान क्रैश हो गया था। हालांकि, बाद में इस विमान के क्रैश में रूस का हाथ सामने आया था। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा कि इस विमान पर रूस ने हमला किया था। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी माफी मांगी थी।


वहीं, साउथ कोरिया के विमान को भी बर्ड स्ट्राइक का अलर्ट मिला था। आशंका है कि विमान से पक्षी टकराने की वजह से हादसा हुआ होगा। एयरपोर्ट अधिकारियों का मानना है कि पक्षी के टकराने से लैंडिंग गियर में खराबी आ सकती है।

1905 में पहली बार आया था बर्ड स्ट्राइक का मामला

दुनिया में पहली बार विमान से पक्षी टकराने की घटना 1905 में सामने आई थी। तब ओरविल राइट एक खेत में विमान उड़ा रहे थे। वो पक्षियों के झुंड का पीछा कर रहे थे। तभी एक पक्षी टकरा गया और मर गया। वो पक्षी विमान के पंखे पर तब तक पड़ा रहा, जब तक विमान को तेजी से टर्न नहीं कराया गया। ओरविल राइट उन्हीं राइट ब्रदर्स में से एक थे, जिन्होंने पहली बार विमान बनाया था।


पक्षी के टकराने की घटनाएं आमतौर पर तब सामने आती हैं, जब विमान कम ऊंचाई पर उड़ता है। लैंडिंग और टेकऑफ के समय ये घटनाएं ज्यादा सामने आतीं हैं। आमतौर पर पक्षी के टकराने की ज्यादातर घटनाएं खतरनाक नहीं होतीं हैं, लेकिन कई बार पक्षी के टकराने से स्थिति बिगड़ जाती है और विमान को तुरंत लैंड कराने की जरूरत पड़ जाती है। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के एक सर्वे के मुताबिक, पक्षी टकराने की 92 फीसदी घटनाओं में कोई नुकसान नहीं होता है।


विमानों से पक्षियों के टकराने की ज्यादातर घटनाओं में कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन कुछ घटनाएं खतरनाक हो सकतीं हैं। आसमान में उड़ रहे पक्षी कई बार इंजन से टकरा जाते हैं, जिससे इंजन बंद हो जाता है और ऐसे में विमान को लैंड कराने की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा कई बार पक्षी विमान की विंडस्क्रीन या विंडो से भी टकरा जाते हैं, जिससे उनमें क्रैक हो जाता है और ऐसे में भी विमान को तुरंत लैंड कराना पड़ता है।

एक पक्षी से कैसे हो जाता है हादसा?

वैसे तो बर्ड स्ट्राइक के ज्यादातर मामलों में कुछ नहीं होता, लेकिन कुछ खतरनाक हो जाते हैं। एक रिपोर्ट बताती है कि जब 1.8 किलो का एक पक्षी तेज रफ्तार से उड़ रहे विमान से टकराता है तो इससे 3.5 लाख न्यूटन का फोर्स पैदा होता है। 


इसे ऐसे समझिए कि जब 0.365 मीटर की नली वाली बंदूक से 700 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से एक 40 ग्राम की गोली निकलती है तो इससे 2,684 न्यूटन का फोर्स पैदा होता है। जबकि, 1.8 किलो के पक्षी के तेज रफ्तार विमान से टकराने पर 3.5 लाख न्यूटन का फोर्स पैदा होता है। यानी, बंदूक की एक गोली की तुलना में पक्षी के टकारने पर 130 गुना ज्यादा भयानक टक्कर होती है।


ABC साइंस की एक रिपोर्ट बताती है कि 275 किलोमीटर की रफ्तार से जब कोई पक्षी का किसी विमान से टकराना 15 मीटर की ऊंचाई से 100 किलो के बैग को जमीन पर फेंकने के बराबर है।

कब होते हैं सबसे ज्यादा हादसे?

एविएशन सेफ्टी की मानें तो सबसे ज्यादा विमान हादसे उड़ान के दौरान और फिर लैंडिंग के दौरान होते हैं। पिछले साल 109 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें से 37 उड़ान और 30 लैंडिंग के दौरान हुई थीं।

भारत में भी बढ़ रही घटनाएं

भारत में भी विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं। पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने बर्ड स्ट्राइ से जुड़े आंकड़े जारी किए थे। इसके मुताबिक, 2023 में विमानों से पक्षियों के टकराने की 1,143 घटनाएं सामने आई थीं। 2022 में भी इतनी ही घटनाएं हुई थीं। इससे पहले 2021 में 786 और 2020 में 658 मामले सामने आए थे।

Related Topic:

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap