भारत पाकिस्तान के मध्य बढ़ते तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर जीरो टॉरलेंस की बात को दोहराया है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा और कभी भी परमाणु धमकियों के सामने नहीं झुकेगा। उनका यह बयान पाकिस्तान के साथ हाल के सैन्य संघर्ष के बाद आया है।
जयशंकर ने बर्लिन में अपने जर्मनी के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी परमाणु धमकियों के सामने नहीं झुकेगा और पाकिस्तान के साथ केवल द्विपक्षीय तरीके से निपटेगा। उन्होंने जर्मनी की समझ की सराहना करते हुए आगे कहा कि हर देश को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है और साथ ही यह भी कहा कि आतंकवाद को लेकर भारत के स्टैंड के प्रति किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए।
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जर्मनी ने किया समर्थन
जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान वाडेफुल ने कहा कि जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ किसी भी लड़ाई का समर्थन करेगा और आतंकवाद को दुनिया में कहीं भी जगह नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने मीडिा से कहा, ‘जर्मनी आतंकवाद के खिलाफ हर लड़ाई का समर्थन करेगा। आतंकवाद को दुनिया में कहीं भी जगह नहीं मिलनी चाहिए। हम इस बात की सराहना करते हैं कि युद्धविराम हो गया है और उम्मीद करते हैं कि जल्द ही समाधान निकलेगा।’
जयशंकर नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की अपनी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में बर्लिन में हैं। शुक्रवार सुबह, जयशंकर ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से मुलाकात में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जर्मनी की एकजुटता की सराहना की और दोनों देशों ने भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच स्थिरता के लिए साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की।
साझेदारी बढ़ने की उम्मीद
जयशंकर ने X पर पोस्ट किया, ‘आज बर्लिन में चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से मिलकर सम्मानित महसूस हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं दीं। उनकी सरकार के साथ हमारी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने की उम्मीद है। आतंकवाद की चुनौती से निपटने में भारत के साथ जर्मनी की एकजुटता की सराहना करता हूं।’
जयशंकर ने जर्मन नेताओं के साथ भारत की आतंकवाद विरोधी मुहिम पर भी चर्चा की। ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का भारत का सैन्य जवाब था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। यह 26/11 मुंबई हमलों के बाद नागरिकों पर सबसे बड़ा हमला था। भारत ने 7 मई की सुबह ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी शिविरों पर बमबारी की गई।
इन हमलों में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। इसके बाद पश्चिमी सीमा पर हमलों और जवाबी हमलों की श्रृंखला शुरू हुई, जिसमें लड़ाकू विमान, मिसाइल, ड्रोन, और भारी तोपखाने का इस्तेमाल हुआ।
9-10 मई की रात को वायुसेना ने पाकिस्तान के 13 हवाई अड्डों और सैन्य ठिकानों पर हमला किया। चार दिन की लड़ाई के बाद, 10 मई को दोनों देशों के बीच समझौते के साथ सैन्य कार्रवाइयाँ रुकीं।