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रूस के शरणार्थी बने असद, सीरिया में अब तक क्या हुआ? पढ़ें 8 पॉइंट्स

सीरिया के विद्रोहियों का अब दमिश्क पर कब्जा है। राष्ट्रपति बशर अल असद को भागना पड़ा है। विद्रोहियों के लीडर अल जुलानी ने आदेश दिया है कि जब तक सत्ता पूरी तरह से सरकार विद्रोहियों को नहीं सौंपती है, सार्वजनिक स्थलों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।

Abu Mohammad Al Julani

सीरिया में अब अबू मोहम्मद अल-जुलानी सबसे बड़े नेता बन गए हैं। (इमेज क्रेडिट- x.com/hts)

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सीरिया में जिस परिवार ने 5 दशकों से शासन किया, उसे भागकर जान बचानी पड़ी। बशर अल असद का परिवार सीरिया की गद्दी पर 50 साल से बैठा था, उन्होंने कल्पना नहीं की होगी कि इस तरह से देश छोड़कर भागना पड़ेगा। राष्ट्रपति के तौर पर बशर अल असद बीते 24 साल से कायम थे। उनका शासन खत्म हो गया है। अब दमिश्क की कमान विद्रोहियों के हाथ में है। विद्रोही गुट का नेतृत्व हयात तहरीर अल शाम (HTS) के हाथ में हैं। इस संगठन को दुनिया आतंकी संगठन मानती है।

सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने कहा है कि वे विद्रोहियों का सहयोग करेंगे। वे शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता सौंपेंगे। अल शाम के मुखिया अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने अपने सैनिकों से कहा है कि वे सार्वजनिक संपत्तियों को कोई नुकसान न पहुंचाए, जब तक की सत्ता, उन्हें आधिकारिक तौर पर न मिल जाए। साल 2011 से ही गृह युद्ध से जूझ रहे देश में असद सरकार का अब दुखद अंत हो चुका है। आइए जानते हैं कि अब तक सीरिया में क्या-क्या हुआ है।

1. असद सरकार का अंत
50 साल से कायम असद परिवार की तानाशाही खत्म हो गई है। CNN की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनका परिवार मास्को भाग गया है। उन्हें रूस ने राजनीतिक शरण दी है।

2. सीरिया में इस्लामी शासन
 हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के लीडर अबू मोहम्मद अल-जोलानी ने कहा है कि असद सरकार का पतन, इस्लामिक राष्ट्र की जीत है। असद साम्राज्य को विद्रोहियों ने उखाड़ फेंका है। अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है, उनके हितों की रक्षा की जाएगी।



3. अमेरिका भी सीरिया के पतन से खुश
अमेरिका ने बशर अल असद सरकार के पतन होने और नई सत्ता के आने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि सीरिया के लोग एक अरसे से पीड़ित रहे हैं, अब उनके पास भविष्य निखारने का अवसर है। उन्होंने आगाह भी किया है कि यह क्षेत्र अब अस्थिर भी हो सकता है। अमेरिका की खुशी की वजह यह है कि असद सरकार को रूस का समर्थन था। 

4.  अमेरिका की सीरिया पर नजर
अमेरिका की नजर सीरिया पर है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड का कहना है कि अमेरिकी सेना ने देश में ISIS के 75 से ज्यादा ठिकानों पर हमला किया है, जिससे यह आतंकी संगठन उभरकर आतंक न मचाने पाए। अब दुनिया को सीरिया में एक बार इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया का डर सता रहा है। 



5. सीरिया में जश्न
सीरिया में असद सरकार के गिरने पर लोगों ने जश्न मनाया है। सीरिया के कई शहरों में लोग जुटे हैं। अलेप्पो से लेकर होम तक लोग खुश नजर आए हैं। असद सरकार के खिलाफ विद्रोहियों के साथ-साथ जनता भी उतर आई थी। अलेप्पो शहर विद्रोहियों का सबसे बड़ा गढ़ रहा है।

6. दुनिया क्या कह रही है?
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि असद के शासन का अंत अच्छी खबर। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भी असद के बर्बर शासन  के पतन का स्वागत किया। अमेरिका के प्रेसीडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा है कि यह हमारी लड़ाई नहीं है, सीरिया में युद्ध से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सीरियाई लोगों के लिए अपने राष्ट्र को दोबारा बनाने का ऐतिहासिक अवसर हो सकता है।

7. रूस क्या चाहता है?
रूस ने सीरिया के हालात पर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आपातकालीन सत्र बुलाने की अपील की है।

8. ईरान ने क्या कहा है?
सीरिया में ईरानी राजदूत ने रविवार को चेतावनी दी है कि बशर अल असद सरकार गिरने के बाद जो नतीजे सामने आएंगे, वह अमेरिका के नियंत्रण से बाहर होंगे। कई क्षेत्रीय देश और तुर्की के बीच जंग हो सकती है। अब उनके रणनीतिक मकसद अंजाम तक नहीं पहुंचेंगे।

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