सीरिया के राष्ट्रपति बशल अल असद के खिलाफ बगावत तेज हो गई है। विद्रोही लड़ाकों ने सीरिया के कई शहरों पर कब्जा जमा लिया है। सिरियाई विद्रोही अब दमिश्क में दाखिल हो गए हैं। सीरिया की सेना विद्रोहियों के आगे कमजोर पड़ रही है। अलेप्पो, हमा, दारा, कुनेत्रा, सुवेदा और होम्स जैसे शहरों पर अब विद्रोहियों का कब्जा है।
सीरियाई विद्रोहियों ने दमिश्क की कुख्यात जेल सेडनया से सभी बागियों और कैदियों को रिहा कर दिया है। विद्रोहियों ने कहा है कि यह अत्याचार के युग का अंत है। विद्रोहियों ने कहा है कि होम्स पर अब उनका कब्जा है। बशर-अल-असद 24 साल से सीरिया की बागडोर संभाल रहे हैं, अब उनके साम्राज्य का दुखद अंत नजर आ रहा है।
बशर-अल-असद के उतारे जा रहे पोस्ट
रविद्रोही हवा में गोलियां दागते नजर आ रहे हैं। सीरियाई राष्ट्रपति के पोस्टर जगह-जगह से उतारे जा रहे हैं। सीरियाई विद्रोहियों के सबसे बड़े कमांडर हसन अब्दुल गनी ने रविवार को ऐलान किया है कि अब दमिश्क के आसपास के ग्रामीण इलाके आजाद हैं और विद्रोही सेनाएं राजधानी पर कब्जा जमाएंगी।
दमिश्क से लापता हैं सीरिया के राष्ट्रपति
CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक बशर अल-असद दमिश्क से लापता हैं। सीरिया के राष्ट्रपति कार्यालय और ईरानी अधिकारियों का कहना है कि वे राजधानी से बाहर नहीं गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि उनकी सरकार खत्म हो रही है। विद्रोहियों का कहना है कि वे असद सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं। अब वहां तख्तापलट होना तय है।
सरकार के खिलाफ विद्रोहियों का खूनी संघर्ष
सीरियाई विद्रोहियों का यह भी कहना है कि उन्होंने अलेप्पो पर कब्जा करने के एक सप्ताह बाद ही हमा के तीसरे सबसे बड़े शहर को पूरी तरह से आजाद करा लिया है। एक बार फिर अरब स्प्रिंग की तरह वहां सरकार विरोधी आंदोलन शुरू हो हैं। लाखों लोगों को इस युद्ध में विस्थापित होना पड़ रहा है।
इस संघर्ष का कितने लोगों पर असर?
सीरिया के गृहयुद्ध में अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र तक को सफाई देनी पड़ी है कि सीरिया से कोई भी मानवाधिकार संस्था और वैश्विक संगठन के कर्मचारी नहीं हटाए जा रहे हैं। यूएन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीरिया में हालात अब बद से बदतर स्थिति में पहुंच गए हैं।
महिला-बच्चों की जान पर आई आफत
विद्रोहियों के जंग में घायल होने वाले नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से बातचीत की अपील की है। अभी तक स्थितियां काबू में नहीं आई हैं। रूस जैसे देशों ने सीरिया की बशर अल असद सरकार की मदद करने से इनकार किया है और कदम पीछे खींच लिए हैं।