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थाइलैंड-कंबोडिया तनाव: कई मौतें, हजारों विस्थापित, नहीं रुकी तबाही

कंबोडिया और थाईलैंड में हिंसक संघर्ष जारी है। कंबोडिया के सैनिक बीएम-21 रॉकेट लॉन्चर और तोप जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो थाईलैंड, हवाई हमले कर रहा है।

Thailand Cambodia War

थाईलैंड-कंबोडिया में जारी है तनाव। (Photo Credit: X/BKK_community)

थाईलैंड और कंबोडिया सीमा पर तनाव अपने चरम पर है। अब तक 14 से ज्यादा लोग मारे गए हैं, 1 लाख से ज्यादा लोग, तनावग्रस्त इलाके से हटाए जा चुके हैं। कंबोडिया की तरफ से थाईलैंड के गांवों को निशाना बनाया गया, रॉकेट दागे गए। कंबोडिया ने जवाबी कार्रवाई की। दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध खराब हो चुके हैं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात कालीन बैठक तक बुलाने की मांग हो रही है। 

थाईलैंड के सुरक्षा अधिकारियों का दावा है कि गुरुवार को शुरू हुई इस हिंसा में छोटे हथियारों, रॉकेट, तोपखाने और हवाई हमलों का इस्तेमाल हो रहा है। यह पिछले एक दशक में दोनों पड़ोसी देशों के बीच सबसे गंभीर टकराव है। थाईलैंड के गृह मंत्रालय ने दावा किया कि चार प्रांतों में रहने वाले 1,06,672 लोगों को सुरक्षित जगहों पर विस्थापित किया गया है। कंबोडिया के ओड्डार मीन्चे प्रांत में लोग अपने सामान के साथ घर छोड़कर अस्थायी शिविरों में शरण ले रहे हैं। 

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प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अचानक तेज धमाके सुनाई दे रहे हैं। स्थानीय लोग बेहद डरे हुए हैं। गोलीबारी हो रही है। दोनों तरफ से सैन्य कार्रवाई जारी है। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्री सोमसाक थिप्सुथिन ने बताया कि 14 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 13 आम नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं। हमले में करीब 46 लोग घायल हुए हैं। कंबोडिया पर युद्ध अपराध के आरोप लग रहे हैं। कंबोडियाई हमले में नागरिकों के घर और अस्पताल निशाना बनाए गए हैं।  

क्यों अचानक भिड़ गए दो शांत देश?

बुधवार को एक बारूदी सुरंग में धमाका हुआ, थाईलैंड के 5 सैनिक जख्मी हो गए। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजदूतों को निष्कासित कर दिया। थाईलैंड का कहना है कि कंबोडिया ने रूसी बारूदी सुरंगें बिछाईं, जबकि कंबोडिया ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कंबोडिया का कहना है कि ये पुराने युद्धों से बचे बारूद हैं, जिनकी वजह से धमाके हुए। 

गुरुवार को सीमा पर छह जगहों पर झड़पें हुईं हैं। पुराने ता मुएन थॉम मंदिर के पास के इलाके में भी तनाव का असर दिखा है। थाईलैंड ने कंबोडिया के रॉकेट हमलों का जवाब देने के लिए F-16 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किए। थाई विदेश मंत्रालय ने इसे आत्मरक्षा बताया है। कंबोडिया ने दावा किया कि थाईलैंड के हमलों से यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहियर के पास की सड़क को नुकसान पहुंचा। |

यह भी पढ़ेंः कंबोडिया-थाईलैंड संघर्ष: 9 की मौत, 14 घायल, अब तक क्या-क्या हुआ?

थाईलैंड में राजनीतिक बवाल

थाईलैंड में अब सियासी बवाल भी मच गया है। प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन के साथ उनकी फोन कॉल वायरल हुई थी, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई अब इस संकट का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने कंबोडिया को कड़ी चेतावनी दी है। 

टकराव के बाद अब आगे क्या?

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए विवाद सुलझाने की अपील की है। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मैनेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई। शुक्रवार को न्यूयॉर्क में यह बैठक प्रस्तावित है। थाईलैंड ने सभी सीमाओं को बंद कर दिया है। अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाई एयरलाइंस अपने नागरिकों को वापस ला रही है। दोनों देश एक-दूसरे पर हमले शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस तनाव को कम करने की कोशिश में जुटा है। हिंसा अभी थमती नजर नहीं आ रही है। 

 

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