आलू से सोना बनेगा या नहीं, यह तो पता नहीं है। मगर टमाटर से आलू की उत्पति हुई है। इसका खुलासा हाल ही में एक अध्ययन में हुआ है। शोध के मुताबिक आज खाया जाने वाला आलू पहली बार एंडीज पर्वतमाला में पैदा हुआ। यह बात लगभग 10 हजार साल पुरानी है। आज हर घर और थाली तक आलू पहुंच चुका है। आलू कैसे विकसित हुआ और इसकी वंशावली क्या है? इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी पहले मौजूद नहीं थी। मगर अब वैज्ञानिकों ने कई खुलासे किए हैं। आइये जानते हैं कैसे टमाटर से आलू का जन्म हुआ?
सेल पत्रिका ने हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित किया। इसमें दावा किया गया है कि एक करोड़ 40 लाख वर्ष पहले एक पौधे से दो प्रजातियां पैदा हुईं। पहली प्रजाति थी जंगली टमाटर और दूसरी प्रजाति एट्यूबरोसम पौधा। यह पैदा आलू की तरह था। मगर आलू नहीं था। दोनों के अलग प्रजातियां बनने के लगभग 50 लाख साल और आज से लगभग 90 लाख पहले जंगली टमाटर और एट्यूबरोसम नामक के बीच अंतर प्रजनन हुआ और इससे ही आज का आलू पैदा हुआ।
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आलू के पौधे में कैसे बना कंद?
इवोल्यूशनरी जीवविज्ञानियों और जीनोमिक वैज्ञानिकों की एक टीम ने पता लगाया कि जंगली टमाटर और एट्यूबरोसम के पौधों में कंद उगाने की ताकत नहीं थी। कंद का मतलब जमीन के नीचे उगने वाली सब्जी और फल से है। जैसे शकरकंद, हल्दी, रतालू और अरबी आदि। मगर दोनों पौधों के मिलने के बाद तैयार नए पौधे में कंद उगाने की क्षमता आ गई। जब एंडीज पर्वतमाला का मौसम सर्द हआ तो आलू के पौधों ने जमीन के नीचे अपने पोषक तत्वों को जमा करना शुरू किया और यही से कंद का निर्माण होना शुरू हुआ।
आलू की कुछ प्रजातियां विषैली
जब यह पौधा एक बार खेती में आ गया तो मनुष्य की भूख इसी पर जा टिकी। सब्जी से पराठे और समोसे तक में आलू का इस्तेमाल होने लगा। मौजूदा समय में आलू की 100 से अधिक प्रजातियां कंद उगाती हैं। हालांकि इनमें कुछ प्रजातियां विषैली हैं, इनको खाना खतरे से खाली नहीं है। आलू की उत्पत्ति के बारे में जानकारी मिलने के बाद वैज्ञानिकों को अब और भी शक्तिशाली पैदा करने में मदद मिलेगी। यह आलू बीमारियों को झेलने और बदलते जलवायु में खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम होंगे।
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टमाटर का 'रिश्तेदार' निकला आलू
टमाटर, आलू और एट्यूबरोसम का संबंध सोलनम प्रजाति से है। इसमें कुल लगभग 1,500 प्रजातियां आती हैं। चीन के गांसु स्थित लान्झोउ विश्वविद्यालय के पारिस्थितिकी महाविद्यालय में प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक जियानक्वान लियू का कहना है कि आलू के पौधों से मिलते-जुलते होने के कारण वैज्ञानिकों को पहले लगा कि आलू और एट्यूबरोसम दोनों बहनें हैं। मगर एट्यूबरोसम प्रजाति कंद नहीं पैदा करती है। फाइलोजेनेटिक विश्लेषण के जरिए यह पता लगाया कि पौधों के बीच कैसे संबंध थे? इसमें पता लगा कि आलू आनुवंशिक तौर पर टमाटर से अधिक निकट है।
दो जीन से पैदा हुआ समोसे वाला आलू
वैज्ञानिक को शोध में पता चला कि पहले आलू और उसके बाद हर प्रजाति के आलू में एट्यूबरोसम और टमाटर से मिले आनुवंशिक सामग्री का कॉम्बिनेशन दिखा। वैज्ञानिक लियू का कहना है कि टमाटर के पौधे ने मास्टर स्विच यानी SP6A जीन दिया। इस जीन ने ही आलू को कंद बनाने का निर्देश दिया। उधर, एट्यूबरोसम के पौधे ने IT1 जीन दिया। इसने जमीन के अंदर आलू की जड़ों की वृद्धि को रोका, जिसकी मदद से स्टार्चयुक्त कंद बना और यही से आलू का जन्म हुआ।
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इनमें से कोई भी जीन नहीं होता तो आज जो आलू दिख रहा, वह कभी नहीं होता। कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के कृषि विज्ञान महाविद्यालय की शोध सहयोगी डीन एमी चारकोव्स्की का मानना है कि संभव हो कि किसी मधुमक्खी ने दोनों पौधों के बीच पराग की अदला बदली की हो और इससे आज का आलू तैयार हुआ हो।