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जब 'कैटरीना' ने USA में बरपाया कहर, पूरा शहर ही डूब गया था

साल 2005 के अगस्त महीने में हरिकेन कैटरीना ने कहर बरपाया था। तूफान और उसके बाद आई बाढ़ में 1800 लोगों की जान गई थी। इस तूफान ने अमेरिका की सरकार को हिला दिया था।

Hurricane Katrina.

बाढ़ में डूबा न्यू ऑरलियन्स। ( Photo Credit: NOAA)

अमेरिका का टेक्सास राज्य अप्रत्याशित बाढ़ का सामना कर रहा है। मध्य टेक्सास में बाढ़ से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। अब तक 41 लोग लापता हैं। एक शिविर में बाढ़ का पानी घुसने से केर काउंटी में 28 बच्चों समेत 68 की जान गई। बचाव दल लापता लोगों की तलाश में जुटे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या में इजाफा होना तय है। पिछले तीन दिनों से टेक्सास में लोगों को बचाया जा रहा है। मगर इस बीच अगले 48 घंटे में एक और तूफान आने की संभावना है। टेक्सास में आई बाढ़ ने 20 साल पहले अमेरिका में तबाही मचाने वाले हरिकेन कैटरीना की याद ताजा कर दी है। कैटरीना से आई बाढ़ को अमेरिकी इतिहास की सबसे भयावह त्रासदी में से एक माना जाता है।

 

जब भी अमेरिका में आए सबसे घातक तूफानों की चर्चा होती है तो हरिकेन कैटरीना का जिक्र जरूर होता है। तूफान और उसके बाद आई बाढ़ ने लुइसियाना के न्यू ऑरलियन्स शहर में भीषण तबाही मचाई थी। लगभग 80 फीसदी शहर डूब गया था। 1833 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। लाखों लोगों को न केवल घर बल्कि न्यू ऑरलियन्स शहर छोड़ना पड़ा था। तूफान कैटरीना के बाद न्यू ऑरलियन्स शहर के बाहर बने तटबंधों के टूटने से पानी शहर में घुस आया था। इससे लगभग डेढ़ करोड़ लोग प्रभावित हुए थे। कहा जाता है कि इस बाढ़ ने न्यू ऑरलियन्स शहर को हमेशा-हमेशा के लिए बदल दिया।

 

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सो रहे शहर में बाढ़ ने दी थी दस्तक

24 अगस्त 2005 बहामास के करीब से उठा तूफान अगले दिन यानी 25 अगस्त को अमेरिका के फ्लोरिडा में दस्तक दी। मैक्सिको की खड़ी से होते हुए 29 अगस्त की सुबह लगभग 5 बजे तूफान लुइसियाना पहुंचा। यहां का न्यू ऑरलियन्स शहर  नींद से पूरी तरह जगा भी नहीं था कि बड़ी विपदा ने घेर लिया। 140 मील प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ते तूफान ने अलबामा और मिसिसिपी में तबाही मचाई। न्यू ऑरलियन्स में 100 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान कैटरीना पहुंचा। यहां बाढ़ आने से शहर के बाहर बने तटबंध टूट चुके थे और शहर में पानी तेज रफ्तार से भरने लगा। 31 अगस्त तक न्यू ऑरलियन्स शहर का 80 फीसदी हिस्सा जलमग्न हो चुका था।

सैकड़ों बिलियन डॉलर आया खर्च

तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने 2 सितंबर को लुइसियाना, मिसिसिपी और अलबामा का दौरा किया था। उससे पहले 31 अगस्त को व्हाउट हाउस में बुश ने कहा था कि दोबारा लोगों को बसाने में वर्षों का समय लगेगा। उनकी यह बात बिल्कुल सच थी। तूफान के तीन साल बाद भी प्रभावित क्षेत्र में पुनर्निर्माण का देखा गया। खाड़ी के तटबंधों को दोबारा 126 बिलियन डॉलर से अधिक की राशि खर्च करके बनाया गया। अमेरिका के शिक्षा विभाग ने 2 बिलियन डॉलर का अनुदान स्कूलों को दिया। न्यू ऑरलियन्स के पुनर्निर्माण और तटबंधों की मरम्मत पर 12.85 बिलियन डॉलर की धनराशि खर्च की गई। 

शहर को दोबारा बसाने में लगे कई साल

जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी के मुताबिक न्यू ऑरलियन्स में लाखों लोगों को बेघर होना पड़ा। कैटरीना तूफान से लगभग 161 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। यह अमेरिका में तूफान से हुई सबसे महंगी आपदा थी। कैटरीना तूफान ने लुइसियाना, मिसिसिपी, अलबामा, फ़्लोरिडा और जॉर्जिया में हजारों घरों और व्यावसायिक संपत्तियों को नष्ट किया।

बीमा इतिहास की सबसे मंहगी प्राकृतिक आपदा

स्विस री इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक 2005 में आया कैटरीना तूफान अमेरिका के बीमा उद्योग का सबसे महंगी प्राकृतिक आपदा है। अमेरिका की 4 प्राइवेट बीमा कंपनियों ने घरों, वाहनों और व्यावसायिक संपत्ति को पहुंचे नुकसान के बदले 41 बिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान किया। वहीं मेक्सिको की खड़ी के आसपास ऊर्जा केंद्रों को पहुंचे नुकसान के बदले 8 बिलियन डॉलर का भुगतान किया। इसके अलावा अमेरिका की संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी के राष्ट्रीय बाढ़ बीमा कार्यक्रम ने बीमा की 16.3 बिलियन डॉलर रकम चुकाई। सभी को मिलाने पर यह राशि 65 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाती है। यह भुगतान 2005 में किया गया था।   

 

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भयानक तूफानों से अमेरिका को नहीं मिलेगी राहत

अमेरिका को तूफान और फ्लैश फ्लड से राहत नहीं मिलने वाली है। जलवायु परिवर्तन के कारण टेक्सास में आई बाढ़ और कैटरीना जैसे तूफानों का हमेशा खतरा बना रहेगा। स्विस री सिग्मा रिपोर्ट-9 के मुताबिक समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। इस वजह से ट्रॉपिकल साइक्लोन से आने वाली बाढ़ और उससे खराब होने वाले हालात और बदतर होने की हमेशा आशंका रहेगी। आने वाले समय में तापमान में इजाफा और वायुमंडल में नमी बढ़ने से ट्रॉपिकल साइक्लोन से होने वाली बारिश में इजाफा होने का अनुमाान है। ट्रॉपिकल साइक्लोन जल्दी जल्दी आएंगे। 

 

 

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