जापान में अगले साल से ऑफिस कर्मचारियों को महज 4 दिन ही काम करना होगा। राजधानी टोक्यो में बर्थ रेट यानी प्रजनन दर में सुधार लाने के लिए जापान सरकार ने यह पहल शुरू की है। जनवरी 2025 से अब लोग हफ्ते में केवल 4 दिन ही काम करेंगे।
इसका ऐलान टोक्यो के गर्वनर युरिको कोइके ने किया है। इसके तहत अगले साल अप्रैल महीने से कर्मचारियों के पास 4 दिन काम करने का ऑप्शन होगा और 3 वीक ऑफ का लुत्फ उठा सकेंगे।
जनसंख्या बढ़ाने के लिए नई तकनीक
पिछले कुछ सालों से देखा गया है कि लोग अपने बच्चों की देख-रेख के लिए काम छो़ड़ने पर मजबूर हो जाते है। करियर पर ब्रैक लग जाने के कारण लोग अब बच्चे करने से कतराते है। लोगों के बच्चे पैदा न करना एक बड़ा कारण बनता जा रहा है इसका सीधा असर देश के प्रजनन दर पर पड़ रहा है। बेहद खराब क्षेणी में बर्थ रेट पहुंचने के कारण स्थानीय प्रशासन अब इसमें सुधार लाने के लिए नए तरीके ढूंढ रही है।
प्राइमेरी स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता के लिए यह पहल जरूरी
गवर्नर कोइके ने कहा कि 'इस दौरान हम काम के तरीके, फ्लेग्सिबिलिटी लाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी को बच्चे को जन्म देने या फिर बच्चे की केयर करने की वजह से अपना करियर न छोड़ना पड़े। यह पहले जापानी जोड़ों के बीच बच्चों के जन्म को प्रोत्साहित करने के लिए है।' टोक्यो प्रशासन के मुताबिक, यह योजना उन माता-पिता के लिए बेहद मददगार साबित होगी जिनके बच्चे प्राइमेरी स्कूल में हैं, उन्हें कम काम करने का भी ऑप्शन दिया जाएगा। इससे उनकी सैलरी में भी संतुलित कटौती होगी।
पिछले साल जापान में सिर्फ 727,277 बच्चे पैदा हुए
स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल जापान में सिर्फ 727,277 बच्चे पैदा हुए। जापान में ओवरटाइम काम करना भी एक बड़ा कारण है। विश्व बैंक के अनुसार, पिछले साल देश की श्रम शक्ति भागीदारी में लैंगिक असमानता पुरुषों के लिए 72% और महिलाओं के लिए 55% थी, जो अन्य उच्च आय वाले देशों की तुलना में अधिक है। चार दिन के वर्कवीक से अब लोग फैमिली को टाइम ज्यादा दे पाएंगे। खासकर महिलाओं को इसका अधिक लाभ मिलेगा।